शतावरी चूर्ण के अद्भुत फायदे महिलाओं के लिए!

shatavari ke fayde

शतावरी, एक ऐसी जड़ी-बूटी जो अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह आयुर्वेदिक विज्ञान में तो अपना महत्व रखती ही है, साथ ही आधुनिक विज्ञान भी इसके लाभों को मान्यता देता है।शतावरी का इस्तेमाल करके महिलाएं स्वास्थ्य से सम्बंधित कई समस्याओं को दूर कर सकती हैं और अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकती हैं। पर क्या सच में शतावरी महिलाओं के लिए एक वरदान है? आइए, इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे, क्या क्या है शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए

शतावरी के गुण | Medical propertites of shatavari

शतावरी में विटामिन सी, ई, और के साथ-साथ खनिज जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, बायोफ्लावनॉयड्स और फाइटोएस्ट्रोजन्स मौजूद होते हैं। यह आपके शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और मधुमेह, हृदय रोग, स्तन संबंधित समस्याओं, और आंत्र संबंधित मुद्दों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं

महिलाओं के लिए ये 8 फ़ायदे शतावरी चूर्ण के| Shatavari powder benefits for female in hindi

1) शतावरी के पीरियड्स संबंधित फायदे

शतावरी पाउडर, महिलाओं के लिए एक अनोखा उपहार है, जिसके विशेष तत्व एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह काम करते हैं। यह मासिक धर्म को समय पर लाने में मदद करता है और ल्यूटीनाइज़िंग हार्मोन (LH) तथा फॉलिकल उत्तेजक हार्मोन (FSH) के उत्पादन में सहायता प्रदान करता है, जो मासिक धर्म की प्रक्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इससे अनियमित मासिक धर्म , पीरियड्स का दर्द या अधिक ब्लीडिंग जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।

2) शतावरी का उपयोग गर्भावस्था में

Pregnancy

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को शतावरी का सेवन करने से कई लाभ मिलते हैं। शतावरी का नियमित सेवन माँ के शरीर में प्रोजेस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर संतुलित रखता है, जो बच्चे के सही विकास के लिए आवश्यक है। इसके पोषक तत्व, विटामिन और खनिज गर्भ में बच्चे के विकास के लिए जरूरी होते हैं और साथ ही, यह माँ को गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद आवश्यक ऊर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है।

गर्भावस्था में शतावरी के इस्तेमाल से माँ और बच्चे दोनों को समुचित पोषण और स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह न केवल गर्भ में बच्चे के विकास को सहायता करता है, बल्कि माँ के शरीर को भी मजबूती और स्थिरता प्रदान करता है। इसलिए, गर्भावस्था में महिलाओं को शतावरी का सेवन करना उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है।

3) शतावरी चूर्ण के स्तनपान वाली मां के लिए उपयोग

आयुर्वेद में शतावरी को स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसके सेवन से न सिर्फ दूध की मात्रा बढ़ सकती है, बल्कि यह माताओं को स्तन संबंधी प्रॉब्लम्स में भी कई लाभ प्रदान करती है। शतावरी में गैलैक्टोगोग प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जो दूध उत्पादन को बढ़ाती हैं। इसमें मौजूद तत्व प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन की मात्रा को बढ़ाने में सहायक होते हैं, जो दूध उत्पादन के लिए जरूरी होता है।

इसके अलावा, शतावरी स्तन की सूजन को कम करने में मदद करती है और माताओं को शारीरिक और मानसिक रूप से आराम प्रदान करती है। इससे महिलाएं अपने शिशु को अधिक समय तक और बिना किसी तकलीफ के स्तनपान करा सकती हैं। 

 विशेष: ब्रेस्टफीडिंग बढ़ाने वाली अधिकांश दवाओं में शतावरी का समावेश किया जाता है।

4) शतावरी का सेवन महिलाओं के प्रजनन बढ़ाये

शतावरी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद जड़ी-बूटी है, खासकर बांझपन की समस्या में। यह जड़ी-बूटी महिलाओं के प्रजनन हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है, जो गर्भधारण की प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। शतावरी न केवल यौन इच्छा को बढ़ाती है, बल्कि यह सेक्सुअल गतिविधियों के लिए शरीर को उचित रूप से तैयार भी करती है।

इसके सेवन से महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है, जिससे प्रत्येक महीने समय पर पीरियड होते हैं। यह अंडों के उत्पादन और उनके सही विकास में भी मदद करती है, जिससे गर्भधारण की संभावना में वृद्धि होती है। इस प्रकार, शतावरी महिलाओं के प्रजनन हार्मोन के लिए एक महत्वपूर्ण और प्राकृतिक सहायक साबित होती है।

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5) शतावरी का इस्तेमाल मेनोपॉज और पीसीओएस में

जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, मेनोपॉज की अवस्था आती है जहां उनका मासिक धर्म बंद हो जाता है। मेनोपॉज के दौरान, महिलाओं को कई तरह की समस्याएं जैसे गर्मी का अधिक अनुभव होना, नींद की कमी, चिड़चिड़ाहट और अन्य असहजताएं महसूस हो सकती हैं। इस समय महिलाओं के लिए शतावरी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। शतावरी में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजन हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे मेनोपॉज संबंधित समस्याओं से राहत मिलती है।

इसके अलावा, शतावरी में हड्डियों को मजबूत बनाने के गुण भी होते हैं, जो मेनोपॉज के दौरान हड्डियों की कमजोरी की समस्या को कम कर सकते हैं। पीसीओएस से जुड़ी समस्याओं में भी शतावरी का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है, क्योंकि यह हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करने में सहायक है। इस प्रकार, शतावरी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक अनिवार्य और विशेष सहायक होती है, खासकर मेनोपॉज और पीसीओएस से जुड़ी समस्याओं में।

6) शतावरी खाने से वेट लॉस 

आजकल के युवा, विशेषकर लड़कियां, अपने शरीर को स्लिम और फिट रखने के लिए जिम और योग के साथ-साथ सही आहार पर भी ध्यान देती हैं। इस संदर्भ में, वजन कम करने और शरीर की चर्बी दूर करने के लिए शतावरी का उपयोग किया जाता है। शतावरी पाउडर का सेवन इस प्रक्रिया में एक उपयुक्त औषधीय समाधान हो सकता है, क्योंकि यह हार्मोन्स को संतुलित करती है और मेटाबोलिज़्म को बढ़ाती है।

शतावरी के सेवन से शरीर की मेटाबोलिक गति तेज होती है, जिससे अधिक कलोरी जलती है और फैट का जमाव नहीं होता। यह न केवल वजन नियंत्रण में मदद करती है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और फिटनेस में भी योगदान देती है।

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7) शतावरी जड़ी-बूटी महिलाओं के सौंदर्य के लिए

शतावरी एक जड़ी-बूटी है जिसके अनेक फायदे होते हैं, खासकर स्किन और बालों के लिए। इसके पाउडर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की झुर्रियों, मुंहासों और धब्बों को कम करते हैं। शतावरी की जड़ों से प्राप्त यह पाउडर त्वचा को न सिर्फ चमक प्रदान करता है, बल्कि सनटैन से भी बचाव करता है। अगर होठों पर शतावरी पाउडर और शहद का मिश्रण लगाया जाए, तो होठ साफ और गुलाबी होते हैं।

इसके साथ ही, बालों के लिए भी शतावरी काफी लाभदायक है। शतावरी और आंवला का मिश्रण बालों को चमकदार, घने और मजबूत बनाता है। यह रूसी को कम करता है और बालों को सिल्की और स्वस्थ बनाए रखता है।

8) महिलाओं के स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए शतावरी चूर्ण का उपयोग

शतावरी, जो मुख्य रूप से अपनी जड़ों से प्राप्त होती है, महिलाओं के स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए एक आयुर्वेदिक चूर्ण के रूप में उपयोग की जाती है। इस चूर्ण को दूध के साथ मिलाकर पीने से महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और वे दिनभर सक्रिय और तरोताजा महसूस करती हैं।

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शतावरी का उपयोग कैसे करें | How to use shatavari in hindi

बाजार में शतावरी के कई तरह के उत्पाद उपलब्ध हैं जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में सहायक माने जाते हैं।

शतावरी कल्प(shatavari kalpa):  यह विशेष चूर्ण है जिसे शतावरी की सूखी जड़ों से बनाया गया है। इसे विशेष रूप से स्त्री रोगों के उपचार में सहायक माना जाता है, जैसे मासिक धर्म संबंधित समस्याएं, बांझपन आदि।

शतावरी ग्रेन्यूल्स(shatavari granules): ये छोटे-छोटे दानेदार फॉर्म में शतावरी का पाउडर होता है, जिसे पानी या दूध में मिलाकर पी सकते हैं।शारीरिक और मानसिक थकावट में राहत प्रदान करता है।

शतावरी गुलाम(shatavari gulam): यह एक औषधीय पेस्ट है जो मुख्यतः शतावरी और अन्य जड़ी-बूटियों से तैयार होता है। इसका सेवन सीधे किया जा सकता है,यह वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करता है।

शतावरी सिरप(shatavari syrup): इसे विशेष रूप से बच्चों और वृद्ध लोगों के लिए तैयार किया जाता है क्योंकि यह पीने में आसान है। यह सिरप ताकत और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

शतावरी लेह्यम(shatavari lehyam): यह दक्षिण भारत में ज्यादा प्रचलित है। यह एक प्रकार की गाढ़ी औषधीय जेली है जिसे सीधे सेवन किया जाता है यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है।

शतावरी घृत(shatavari ghrita) : यह एक प्रकार का घी है जिसमें शतावरी का एक्सट्रैक्ट मिलाया जाता है। इसका सेवन सीधे किया जा सकता है या फिर खाने में डालकर भी लिया जा सकता है। इसके सेवन से जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में राहत प्रदान करता है।

शतावरी कब और कैसे खाएं | How to take shatavari powder

  • शतावरी का पाउडर फॉर्म दूध और पानी दोनों के साथ लिया जा सकता है। लेकिन जब इसे दूध के साथ लिया जाता है, तो यह और भी उपयोगी हो जाता है क्योंकि इससे दूध के गुण भी जुड़ जाते हैं।ध्यान रखें, वजन घटाने में शतावरी पाउडर(shatavari powder) का सेवन पानी के साथ ही करें।
  • सुविधा के लिए बाजार में शतावरी कैप्सूल(shatavari capsules),शतावरी टैबलेट(shatavari tablets) भी उपलब्ध हैं, जो लोगों को यात्रा पर जाते समय या अधिक व्यस्तता के चलते पाउडर फॉर्म लेने में असुविधा हो, उनके लिए बेहद सहायक होते हैं।
  • शतावरी पाउडर को शहद में मिलाकर बच्चों को दिया जा सकता है। इसका मीठा स्वाद बच्चों के लिए आकर्षक है। शहद और शतावरी दोनों स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

मात्रा(dose): महिलाएं और पुरुष, आम तौर पर प्रतिदिन 1 से 2 छोटे चम्मच शतावरी पाउडर या शतावरी कैप्सूल ले सकते हैं। वहीं, बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए, उन्हें इसे छोटी मात्रा में, यानि 1/4 चम्मच प्रतिदिन, दिया जाना चाहिए। इसे दूध या शहद में मिलाकर देने से बच्चे इसे आसानी से ले सकते हैं। 

समय(time): शतावरी (shatavari supplement) को सुबह-शाम खाने के बाद लें या फ़िर  जब भी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट खरीदें, पैकेट पर दिए निर्देशों का पालन करें।

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शतावरी के नुकसान | Shatavari side effects

शतावरी चूर्ण एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है जो महिलाओं के लिए वैज्ञानिक रूप से स्वास्थ्य लाभप्रद मानी जाती है। हालांकि, कुछ लोगों में इसके सेवन से होने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। यहां हमने शतावरी चूर्ण के कुछ प्रमुख दुष्प्रभावों के बारे में बताया है जिन्हें आपको जानना चाहिए।

  • मात्रा में सावधानी:शतावरी की अधिक मात्रा में सेवन से पेट में परेशानी या अन्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। सही मात्रा का पालन करें।
  • गर्भवती और धात्री(ब्रेस्‍टफीडिंग) महिलाएं: गर्भवती या स्तनपान कर रही महिलाएं को शतावरी लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • ड्रग इंटरएक्शन: अगर आप कोई और दवा ले रहे हैं, तो शतावरी लेने से पहले डॉक्टर से पूछें। यह कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है।
  • एलर्जी:अगर आपको शतावरी से एलर्जी हो, तो इसे सेवन न करें।
  • हार्मोनल इम्बैलेंस समस्याएं: जो व्यक्ति हार्मोन संबंधित समस्याओं(थायरॉयड और डायबिटीज़ आदि) से पीड़ित हैं, वे भी शतावरी लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  • सेवन का तरीका:शतावरी को नियमित तरीके से और सही मात्रा में लेना चाहिए।

यदि आप शतावरी सेवन करते हैं और कोई असमान्य प्रतिक्रिया महसूस होती है, तो तुरंत इसे बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।

निष्कर्ष | Conclusion

शतावरी, जिसे वैज्ञानिक रूप में एस्पैरागस रेसमोसस कहा जाता है, महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए प्रकृति का एक अद्वितीय आयुर्वेदिक उपहार है। इसके अनेक स्वास्थ्य लाभ होते हैं, और सदियों से आयुर्वेद में इसका उपयोग होता आ रहा है। महिलाएं शतावरी का सेवन कर सकती हैं जिससे उन्हें विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

हालांकि, शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए अनेक होते हैं, लेकिन इसे उपयोग करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। शतावरी का सेवन सिर्फ एक घरेलू उपचार के रूप में होता है, और इसे किसी भी रोग का पूर्ण इलाज नहीं माना जा सकता। यदि इसके सेवन से कोई परेशानी या साइड इफेक्ट महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। विशेषकर, यदि आप किसी गंभीर बीमारी में पीड़ित हैं, तो बिना विशेषज्ञ की सलाह के शतावरी का सेवन न करें। याद रखें, प्राकृतिक उपायों को भी सही मात्रा और तरीके से लेना चाहिए।

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