पीरियड ज्यादा दिन आना और Heavy ब्लीडिंग नॉर्मल है या नहीं?

Periods

महिलाओं में माहवारी (पीरियड्स) एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है जो प्रत्येक महीने होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ पीरियड्स कम आना या देर से आना ही चिंता का कारण नहीं है, बल्कि पीरियड्स ज्यादा दिन तक आना भी एक बड़ी समस्या हो सकती है। चलिए, हम समझते हैं महिलाओं को पीरियड्स ज्यादा दिन तक आने के आखिर क्या कारण और इसके घरेलू उपाय:

पीरियड | Heavy periods

आमतौर पर,पीरियड की अवधि 5 से 7 दिन तक होती है, जो कि मासिक धर्म चक्र (monthly cycle)का एक हिस्सा है। हर महीने पीरियड्स आमतौर पर 21 से 35 दिनों के बीच  में  होते हैं,  
लेकिन कई बार जब पीरियड्स 7 दिन से ज्यादा समय तक चलते हैं, तो इसे लंबे समय तक पीरियड्स आना या मेनोरेजिया (Menorrhagia) कहते हैं। इस दौरान, अधिक ब्लीडिंग और हैवी फ्लो का
अनुभव हो सकता है, जो कि पीरियड दर्द का कारण भी बन सकता है।

 लंबे समय तक चलने वाले पीरियड्स शरीर में अधिक एस्ट्रोजन का उत्पादन, थायराइड समस्या, या अन्य स्वास्थ्य विषयों का संकेत हो सकते हैं। इसलिए, इस स्थिति का सही समय पर इलाज और चिकित्सक परामर्श लेना जरूरी है।

पीरियड ज्यादा दिन तक आने का कारण | Heavy period reason

1) हॉर्मोनल बदलाव:

हॉर्मोनल असंतुलन (imbalance) के कारण महिलाओं के पीरियड्स में बदलाव आ सकते हैं। एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) नामक हॉर्मोन यदि शरीर में अधिक या कम हो जाएं, तो पीरियड्स  5 दिन से ज्यादा चल सकते हैं। इसके अलावा, अधिक ब्लीडिंग का कारण भी बन सकती है।

2) गर्भाशय की रसौली:

गर्भाशय की गांठ, जिसे यूटरीन फाइब्रॉयड (uterine fibroids) भी कहा जाता है। इन गांठों के होने पर महिलाओं को अधिक ब्लीडिंग होती है, और ज्यादा समय तक पीरियड्स चलता हैं। इसके अलावा, दर्द भी अधिक हो सकता है।

3) दवाएँ:

ब्लड थिनर्स और गर्भ निरोधक दवाएं पीरियड्स में बदलाव ला सकती हैं। ब्लड थिनर्स से खून पतला होता है, इससे पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। गर्भ निरोधक से हॉर्मोनल स्तर में बदलाव हो सकता है, जिससे पीरियड्स लम्बे समय तक चल सकते हैं।

4) अन्य स्वास्थ्य समस्याएं:

थायरॉयड, पेल्विक (pelvic)सूजन, ब्लीडिंग समस्या और मोटापा पीरियड्स पर प्रभाव डालते हैं। इनरोगो से हॉर्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है और पीरियड्स लम्बे हो सकते हैं। अधिक वजन और अन्य कारणों से ब्लीडिंग भी बढ़ सकती है।

पीरियड ज्यादा दिन तक आये तो क्या करे Gharelu Upay

पीरियड ज्यादा दिन तक आने से कैसे रोके? यदि आपके पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग लंबे समय तक जारी रहती है, तो इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ घरेलू उपचार अपनाने से आपको राहत मिल सकती है।

1) आयरन और विटामिन सी युक्त आहार 

संतुलित आहार और नियमित व्यायाम हॉर्मोनल संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संतुलित आहार में फल, सब्जियाँ, पूरे अनाज, और लीन (lean) प्रोटीन शामिल होते हैं जो शरीर के हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं।

आयरन युक्त आहार

  • महत्व: पीरियड्स के दौरान, महिलाओं को अधिक रक्तस्राव के कारण आयरन की कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। आयरन युक्त आहार खून की कमी को दूर करने में मदद करता है।
  • उदाहरण: आयरन युक्त आहार में पालक, चुकंदर, ब्रोकली, लाल मांस, चिकन, मछली, दालें, और अंकुरित अनाज शामिल हैं।

विटामिन सी युक्त आहार

  • महत्व: विटामिन सी आयरन के अवशोषण में सहायक होता है। इसका सेवन करने से शरीर में आयरन का बेहतर उपयोग होता है।
  • उदाहरणविटामिन सी युक्त आहार में संतरे, नींबू, स्ट्रॉबेरी, कीवी, टमाटर, और शिमला मिर्च शामिल हैं।

 2) व्यायाम

नियमित व्यायाम, जैसे कि तेज चलना, जॉगिंग,स्विमिंग हॉर्मोन्स के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है और पीरियड्स के दौरान होने वाली अनियमितताओं को कम कर सकता है।

3) हॉर्मोनल थेरेपी

 कुछ मामलों में, हॉर्मोनल थेरेपी से हॉर्मोनल असंतुलन को सुधारा जा सकता है। यह थेरेपी हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकती है, जिससे पीरियड्स की अवधि और तीव्रता में सुधार हो सकता है।

4) दवाइयों में परिवर्तन

 कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण पीरियड्स में बदलाव आ सकते हैं। यदि आप किसी दवा का सेवन कर रही हैं, तो उसके प्रभावों पर विचार करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। दवाओं में बदलाव करने से आपके पीरियड्स की अवधि और ब्लीडिंग में सुधार हो सकता है।

5) योग करना

तनाव भी पीरियड्स की अनियमितता का कारण बन सकता है। योग, मेडिटेशन, और अन्य तनाव कम करने वाली गतिविधियां शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकती हैं। योग न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि शरीर के हॉर्मोनल संतुलन को भी सुधारता है, जिससे पीरियड्स के दौरान असुविधा कम हो सकती है।

 6) नींद

पर्याप्त नींद पाना जरूरी है क्योंकि यह शरीर के हार्मोन्स को संतुलित रखता है और अधिक ब्लीडिंग की समस्या को नियंत्रित कर सकता है।

7) Hot Water Bag का उपयोग

गर्म सेंक (हॉट कंप्रेस) का इस्तेमाल पेट के निचले हिस्से पर करने से रक्तवाहिकाओं में विस्तार होता है, जिससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है और मांसपेशियों में आराम मिलता है। इससे ब्लीडिंग की मात्रा और दर्द में कमी आ सकती है। गर्म सेंक का उपयोग मासिक धर्म के दौरान होने वाले क्रैम्प्स और असुविधा को कम करने में मददगार साबित होता है।

पीरियड्स के दौरान अपनाये योग्य सावधानियां | Precaution in hindi

पीरियड्स के दौरान कुछ सावधानियां बहुत आवश्यक होती हैं, 

1) चिकित्सक की सलाह लें:

 पीरियड्स से जुड़ी किसी भी समस्या या अनियमितता के लिए चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है। वे आपकी स्थिति का आकलन कर सकते हैं और उचित उपचार या सलाह प्रदान कर सकते हैं।

2) आहार का उपयोग से पहले जांच लें:

 किसी भी नए आहार या सप्लीमेंट को अपनाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको उससे कोई एलर्जी या प्रतिकूल प्रतिक्रिया तो नहीं है। यदि आप किसी विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जिक हैं, तो उसे अपने आहार से बाहर रखें।

3) पीरियड्स के दौरान व्यायाम न करें:

यदि आपको पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द या असुविधा महसूस होती है, तो भारी व्यायाम से बचें। हल्के व्यायाम जैसे कि योगा या चलना ठीक हो सकता है, लेकिन इसके लिए भी अपने शरीर की प्रतिक्रिया को समझना और उसके अनुसार कार्य करना महत्वपूर्ण है।

4) वजन ना उठाये:

भारी वजन ना उठाने का सुझाव पीरियड्स के दौरान अक्सर दिया जाता है। भारी वजन उठाने से शरीर में दबाव बढ़ सकता है, जिससे heavy bleeding हो सकती है।

5) माहवारी के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना

मासिक धर्म  के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह समय संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकता है।माहवारी के समय, गर्म पानी से निजी अंगों की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिए, जिससे न सिर्फ स्वच्छता बनी रहती है बल्कि यह दर्द और असहजता को भी कम करता है। इसके अलावा, सैनिटरी पैड या टैम्पोन को भी समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। 

ये सावधानियां आपको पीरियड्स के दौरान अधिक सहज और स्वस्थ रखने में मदद करेंगी। आपका स्वास्थ्य और आराम सर्वोपरि है, इसलिए स्वयं का ध्यान रखें ।

निष्कर्ष

यदि आप पीरियड्स में असामान्य रूप से अधिक ब्लीडिंग अनुभव कर रहे हैं या यह कई दिनों तक चल रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। घरेलू नुस्खे और उपाय केवल समस्या के हल्के स्वरूप में ही प्रभावी होते हैं। अगर समस्या बढ़ती जाए, तो डॉक्टरी सलाह जरूरी है। अत्यंत गंभीर स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

FAQs

पीरियड क्लॉट क्या होते हैं?

पीरियड क्लॉट्स खून के गाढ़े टुकड़े होते हैं जो पीरियड्स के समय बाहर आते हैं। ये शरीर का तरीका होता है खून को नियंत्रित करने का।

पीरियड में नहाना चाहिए या नहीं?

पीरियड्स के दौरान अक्सर बॉडी का टेम्परेचर बढ़ जाता है। इस समय ठंडे पानी से नहाने से शरीर में ब्लड फ्लो कम हो सकता है और सूजन  की समस्या हो सकती है। पीरियड्स के समय गर्म पानी से नहाना बेहतर होता है, क्योंकि यह मांसपेशियों को आराम देता है, ब्लड फ्लो सुधारता है और पीरियड के दर्द और सूजन से राहत देता है।

पीरियड आने की सही उम्र क्या है?

पीरियड आने की सामान्य उम्र 11 से 15 वर्ष के बीच होती है। यह उम्र व्यक्ति के शारीरिक विकास और हार्मोनल परिवर्तनों पर निर्भर करती है।

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?

ज्यादातर महिलाओं में, अंडाणु निकलने का समय पीरियड शुरू होने के 14 से 16 दिन बाद होता है। इसे ’उपजाऊ समय’ कहते हैं, जब गर्भधारण की संभावना अधिक होती है। पीरियड्स के बाद कब सेक्स करना है, यह आपके ऊपर निर्भर करता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *