प्रेगनेंसी में केसरऔर इसके फायदे!
हर महिला का माँ बनने का अनुभव अलग और खास होता है। गर्भावस्था के इस समय में, एक महिला को न केवल अपना बल्कि अपने आने वाले बच्चे का भी खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि माँ की सेहत सीधे बच्चे पर असर करती है। “प्रेगनेंसी में केसर खाने के फायदे” इसमें काफी मददगार साबित होते हैं। ये फायदे सिर्फ माँ की सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चे के विकास के लिए भी जरूरी होते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि यह छोटा सा मसाला कैसे आपके और आपके बच्चे के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है? इस लेख में हम केसर के इन्हीं फायदों और इसे खाने के सही तरीकों के साथ-साथ इसके दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बात करेंगे।
क्या प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना चाहिए | Saffron during pregnancy
अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो शायद आपको यह सलाह मिली होगी कि केसर मिला दूध पीना चाहिए, बच्चा गोरा पैदा होगा उस समय आपके मन में भी सवाल आया होगा है कि क्या यह सुरक्षित है? इसका उत्तर है, हां, गर्भावस्था में केसर का सेवन सुरक्षित है लेकिन,सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
केसर को ‘गोल्डन स्पाइस’ कहा जाता है और इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जैसे कैल्शियम, जिंक, पोटैशियम, आयरन, सोडियम, प्रोटीन, डायटरी फाइबर, मैग्नीशियम, विटामिंस ए, सी, बी6, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट आदि। इसके साथ ही केसर में क्रोसेटिन, क्रोसिन, सैफरैनल पाइक्रोकोसिन नामक पिगमेंट्स भी होते हैं। ये सभी पोषण तत्व गर्भावस्था के दौरान माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में केसर खाने के फायदे | Benefits of saffron in hindi
प्रेगनेंसी में केसर खाने से कई फायदे होते हैं जानिए कैसे
1) मूड स्विंग्स में
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर मूड स्विंग्स का अनुभव करती हैं। इस दौरान, उनका मूड अचानक बदल सकता है, जैसे कि खुशी से अचानक उदासी या चिंता में बदल जाना। इन मूड स्विंग्स का मुख्य कारण हार्मोनल परिवर्तन होता है, जो गर्भावस्था के दौरान होते हैं।
केसर, जिसे सैफ्रन के नाम से भी जाना जाता है, मस्तिष्क में रक्त प्रवाह (blood circulation) को सुधारने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। केसर के सेवन से सेरोटोनिन हार्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है, जो आपके मूड को बेहतर बनाने और तनाव को घटाने में सहायक होता है।
इसके अतिरिक्त, सेरोटोनिन के बढ़ने से नींद में सुधार होता है। गर्भावस्था में नींद न आने की समस्या, जिसे अनिद्रा कहते हैं, बहुत आम है और केसर दूध का सेवन इस समस्या के निवारण में भी मदद कर सकता है। केसर के ये गुण न केवल आपकी भावनाओं को संतुलित करते हैं, बल्कि अच्छी और गहरी नींद के लिए भी सहायक होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान बहुत जरूरी है।
2) मॉर्निंग सिकनेस
प्रेग्नेंसी में केसर खाने शारीरिक और मानसिक रूप से आराम मिलता है, जो मॉर्निंग सिकनेस के प्रभाव को कम कर सकता है। प्रेगनेंसी के शुरुआती दौर में, या कभी-कभी पूरे गर्भावस्था काल में, महिलाएं अक्सर मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करती हैं। इसमें उल्टी आना, सिर चकराना, और चक्कर आना जैसी समस्याएं शामिल होती हैं। इस समय, शरीर में थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होती है, जिससे आप अपने आप को सुस्त और निस्तेज (energy less) पाती हैं। ऐसी स्थिति में, महिलाओं को केसर खाने या केसर युक्त चाय पीने से लाभ होता हैं, यह जी मिचलाने और चक्कर आने जैसे लक्षणों को कम कर सकती है।
3) पीरियड्स क्रैम्प्स में राहत
क्रैम्प्स केवल मासिक धर्म के समय ही नहीं होते हैं, बल्कि गर्भावस्था में भी होते हैं। पीरियड्स के क्रैम्प्स आमतौर पर 1-2 दिनों तक रहते हैं, लेकिन में कभी-कभी ये क्रैम्प्स पूरे 9 महीने तक भी हो सकते हैं। इसका एक कारण बच्चे की गतिविधियों से होने वाला दबाव होता है। कभी-कभी ये क्रैम्प्स हल्के होते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को डिलिवरी के समय तक गंभीर क्रैम्प्स हो जाते हैं। ऐसे में केसर वाला दूध पीने से फायदा हो सकता है, जो मांसपेशियों को रिलैक्स करके पेट में दर्द और क्रैम्प्स की समस्या को कम करता है।
4) ब्लड प्रेशर कंट्रोल
अक्सर देखा जाता है गर्भावस्था में कई बार महिलाओं का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में केसर बहुत फायदेमंद हो सकता है। केसर में पोटैशियम और क्रोसेटिन होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को सही रखते हैं।
पोटैशियम हमारे शरीर में नमक और पानी का संतुलन बनाए रखता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। इससे दिल की सेहत भी अच्छी रहती है।वहीं, क्रोसेटिन एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट है जो केसर में होता है। यह शरीर में सूजन कम करता है और ब्लड प्रेशर को ठीक रखने में मदद करता है।गर्भावस्था में केसर खाने से न सिर्फ ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण हो सकता है बल्कि और भी स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं।
5) पाचन बेहतर बनाने में मददगार
केसर में डाइटरी फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और कब्ज से राहत पाने में मदद करता है। प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं को पेट दर्द और पाचन संबंधी समस्याएँ आमतौर पर होती हैं। इस समय, उनका डाइजेस्टिव सिस्टम धीमा पड़ जाता है, जिसके कारण पेट में दर्द, गैस, और अपच जैसी समस्याएँ होती रहती हैं। केसर पाचन तंत्र को मजबूती देता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है। इसलिए गर्भावस्था में केसर पंहुचा सकता है।
प्रेगनेंसी में केसर कैसे खाना चाहिए?
प्रेगनेंसी में केसर का उपयोग इस प्रकार कर सकते हैं:
केसर का दूध: केसर को दूध में मिलाकर पीना सबसे आम और लोकप्रिय तरीका है। दूध में केसर के धागे डालें और इसे कुछ समय के लिए उबालें, ताकि दूध में केसर का रंग और स्वाद आ जाये आप चाहें तो दूध में थोड़ी इलायची पाउडर या थोड़ी मात्रा में शक्कर या शहद मिला सकते हैं।
केसर वाला पानी: केसर के धागों को गर्म पानी में भिगोकर रखें। कुछ समय बाद, इस पानी को चाय या अन्य पेय पदार्थों में मिलाकर पी सकते हैं।
खाने में मिलाकर: केसर को विभिन्न पकवानों में भी मिलाया जा सकता है। यह खीर, हलवा या अन्य मिठाइयों में अच्छी तरह मिश्रित हो जाता है।
केसर का पेस्ट: केसर के कुछ धागों को पीसकर इसका पेस्ट बना लें और इसे बिरयानी,सूप या दाल में मिलाकर उपयोग करें।
प्रेगनेंसी में केसर कैसे खाना चाहिए?
प्रेगनेंसी में केसर का उपयोग इस प्रकार कर सकते हैं:
केसर का दूध: केसर को दूध में मिलाकर पीना सबसे आम और लोकप्रिय तरीका है। दूध में केसर के धागे डालें और इसे कुछ समय के लिए उबालें, ताकि दूध में केसर का रंग और स्वाद आ जाये आप चाहें तो दूध में थोड़ी इलायची पाउडर या थोड़ी मात्रा में शक्कर या शहद मिला सकते हैं।
केसर वाला पानी: केसर के धागों को गर्म पानी में भिगोकर रखें। कुछ समय बाद, इस पानी को चाय या अन्य पेय पदार्थों में मिलाकर पी सकते हैं।
खाने में मिलाकर: केसर को विभिन्न पकवानों में भी मिलाया जा सकता है। यह खीर, हलवा या अन्य मिठाइयों में अच्छी तरह मिश्रित हो जाता है।
केसर का पेस्ट: केसर के कुछ धागों को पीसकर इसका पेस्ट बना लें और इसे बिरयानी,सूप या दाल में मिलाकर उपयोग करें।
प्रेगनेंसी में केसर कब खाना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान केसर खाना सुरक्षित और फ़ायदेमंद होता है, लेकिन आपको केसर खाना शुरू कब से करना चाहिए, इसके लिए डॉक्टर से परामर्श करना अधिक उचित होगा क्योंकि प्रेगनेंसी में महिलाओं की स्थितियाँ अलग-अलग होती हैं। चिकित्सक अच्छे से आपको बता सकते हैं कितनी मात्रा में केसर आपको लेना चाहिए और कब शुरू करना चाहिए। अगर आप केसर का उपयोग प्रेगनेंसी में करना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह ले क्योंकि आपकी और आपके शिशु दोनों की सेहत का सवाल है।
प्रेगनेंसी में केसर कितना खाना चाहिए?
प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा केसर का सेवन ना करे मात्रा सीमित होना चाहिए। अगर आप इसका रोजाना सेवन कर रही हैं, तो एक रेशा या फ़िर डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा का पालन करें क्योंकि केसर कि तासीर गरम होती है।
सावधानिया | Pregnancy me kesar ke side effects
फायदेमंद है केसर आपकी प्रेगनेंसी में, लेकिन फिर भी केसर के कुछ नुकसान है जिन्हे ध्यान रख कर ही शुरू करना चाहिए
एलर्जी की समस्या: कुछ महिलाओं को केसर से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर चकत्ते, खुजली या अन्य प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं या चक्कर आना: केसर का बहुत अधिक सेवन कभी-कभी चक्कर आना ,दस्त, या पेट में दर्द सकता है।
केसर की पहचान : प्रेगनेंसी में नकली केसर आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी में केसर का सेवन कई फायदों के साथ आता है, जैसे कि तनाव कम करना, मूड सुधारना और पाचन में मदद करना। हालांकि, इसका सेवन सोच-समझकर और सीमित मात्रा में करना चाहिए, खासकर गर्भावस्था की पहली तिमाही में। अत्यधिक मात्रा में केसर का सेवन गर्भपात या अन्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है। इसलिए, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से यह बहुत जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें और किसी भी तरह की जड़ी-बूटियों या सप्लीमेंट्स का सेवन सावधानीपूर्वक करें।
FAQs
केसर के एंटीऑक्सिडेंट गुण प्रेगनेंसी में तनाव कम करने और मूड को सुधारने में मदद करते हैं और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन कम करने और दर्द से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।केसर दूध गर्भवती महिला के लिए एक पोषक तत्व से भरपूर पेय है। दूध, जो कि कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, बढ़ते शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, केसर से शरीर में आयरन बढ़ता है, जो खून की कमी (एनीमिया) को रोकने में मदद करता है, जो गर्भावस्था में एक सामान्य समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था में केसर का दूध पीने के लिए कोई विशिष्ट समय निर्धारित नहीं है, लेकिन आमतौर पर कुछ सामान्य सुझाव दिए जाते हैं:
सुबह का समय: कई लोग सुबह के समय केसर वाला दूध पीना पसंद करते हैं। यह दिन की शुरुआत के लिए एक पौष्टिक और संतुलित विकल्प हो सकता है।
रात को सोने से पहले: कुछ लोगों का मानना है कि रात को सोने से पहले केसर वाला दूध पीना अधिक लाभदायक होता है, क्योंकि यह नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
किसी भी समय: जब आप थकान महसूस करें या ऊर्जा की जरूरत हो, तब आप दूध पी सकती हैं। केसर वाला दूध आपको ताक़त और एनर्जी देता है, साथ ही यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
बच्चे का रंग गोरा होना या काला होना मेलेनिन के स्तर पर आधारित होता है। अगर शरीर में मेलेनिन का स्तर अधिक है, तो त्वचा का रंग काला होता है, जबकि संतुलित मेलेनिन स्तर से त्वचा का रंग गोरा होता है। यह मानना कि गर्भावस्था में केसर खाने या केसर मिला दूध पीने से बच्चे का रंग गोरा होता है, वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं है। हालांकि, केसर और दूध के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, इसलिए लोग अक्सर मानते हैं कि गर्भावस्था में इसका सेवन करने से बच्चे की त्वचा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
केसर का सेवन यदि अत्यधिक मात्रा में किया जाए, या पहली तिमाही में किया जाए, तो यह गर्भपात का कारण बन सकता है।हम सब जानते हैं कि केसर गर्म होती है और इसे खाने से शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे शरीर का तापमान भी बढ़ सकता है। इससे गर्भाशय में सिकुड़न होती है। आपको दूसरी तिमाही से केसर का सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर करना चाहिए ।