अश्वगंधा के फायदे, नुकसान एवं उपयोग

अश्वगंधा के फायदे केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा में ही नहीं, बल्कि विज्ञान द्वारा भी सिद्ध हैं। इसे आयुर्वेद में एक अमूल्य रत्न माना जाता है। आश्वगंधा का शाब्दिक अर्थ = ”अश्व” (घोड़ा) +”गंधा” (गंध)  है, अश्वगंधा की जड़ और ताजी पत्तियों में से घोड़े की गंध आने के कारण इसे अश्वगंधा कहते हैं। इसके गुण भी घोड़े की तरह शक्तिशाली होते हैं।

यदि हम इसे सही मात्रा में रोजाना सेवन करते हैं, तो हमें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। इसको शक्ति और वीर्य के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है इसलिए इसे भारतीय जिंसेंग (Ginseng) भी कहा जाता है।

अश्वगंधा क्या है? | What is Ashwagandha?

आश्वगंधा एक पुरानी जड़ी-बूटी है जिसे आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसका वैज्ञानिक नाम \”Withania Somnifera\” है।

आश्वगंधा को अंग्रेजी में विंटर चेरी(Winter Cherry) या Indian Ginseng भी कहा जाता है। अश्वगंधा विटामिन्स, खनिज, एमिनो एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती है। यह हृदय रोग, गठिया, मधुमेह आदि  जानलेवा बीमारियों को रोकने और यौन समस्याओं को दूर करने में भी काफी फायदेमंद होता है। 

अश्वगंधा के विभिन्न रूप | Various Forms of Ashwagandha

अश्वगंधा विभिन्न रूपों में उपलब्ध है – अश्वगंधा चूर्ण, अश्वगंधा कैप्सूल, और पत्तियां। Ashwagandha Powder या अश्वगंधा चूर्ण इसका सबसे लोकप्रिय रूप है, जिसका उपयोग चाय, दूध या यहां तक कि स्मूदी में किया जा सकता है। अश्वगंधा की पत्तियां भी चाय के रूप में पी जा सकती हैं, जबकि कैप्सूल आसान और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करते हैं।

अश्वगंधा का पौधा | Ashwagandha plant?

अश्वगंधा एक छोटी जड़ी- बूटीयाँ वाला पौधा (plant) है, जिसका पेड़ (tree) नहीं होता। यह आमतौर पर 1-2 फुट ऊँचा होता है। इसके छोटे सदाबहार (12 महीने रहने वाला ) पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं। फूल सफेद या पीले रंग के होते हैं। जब यह पौधा पूरी तरह से विकसित हो जाता है, तो उसमें छोटे-छोटे फल उत्पन्न होते हैं जो पहले हरे रंग में होते हैं और बाद में सूखकर गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं। यह पौधा अधिकतर गर्म और सूखे क्षेत्रों में पाया जाता है।अश्वगंधा की जड़ और पत्तियाँ औषधीय उपयोग के लिए प्रयोग होती हैं।

अश्वगंधा के बीज | Ashwagandha Seeds

अश्वगंधा के बीज, जिन्हें विथानिया सोमनिफेरा (Withania somnifera) के फलों से प्राप्त किया जाता है, आयुर्वेदिक चिकित्सा में उनके विशेष औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं। ये बीज छोटे, दृढ़ और हल्के भूरे रंग के होते हैं। अश्वगंधा के बीजों का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है:

  • पौधे उगाने के लिए: अश्वगंधा के बीजों का मुख्य उपयोग इसके पौधे को उगाने के लिए किया जाता है। ये बीज उपयुक्त मिट्टी और जलवायु में आसानी से अंकुरित होते हैं।
  • आयुर्वेदिक उपचार: आयुर्वेद में, अश्वगंधा के बीजों का उपयोग कुछ विशेष उपचारों में किया जाता है। हालांकि, इसके मूल (जड़) का उपयोग ज्यादा प्रचलित है।

अश्वगंधा की खेती | Ashwagandha Farming

भारत में एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के रूप में की जाती है। इसकी खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:

जलवायु और मिट्टी: अश्वगंधा शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से उगती है। इसे अच्छी जल निकासी वाली, बलुई या हल्की दोमट मिट्टी में उगाया जा सकता है। अत्यधिक नमी वाली मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती।

बीज बोना: अश्वगंधा के बीजों को जून से जुलाई के महीने में बोया जाता है। बीजों को 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए।

सिंचाई: अश्वगंधा की खेती में अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती। प्रारंभिक वृद्धि चरण में सिंचाई महत्वपूर्ण होती है, लेकिन बाद में पानी कम देना चाहिए।

खाद और उर्वरक: जैविक खाद जैसे कि गोबर की खाद का उपयोग अश्वगंधा की खेती में किया जा सकता है। रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम किया जाना चाहिए।

कटाई: अश्वगंधा की फसल लगभग 150-180 दिनों में तैयार हो जाती है। जब पौधे के पत्ते पीले पड़ने लगें और बीज काले हो जाएं, तब फसल को काटने का समय होता है।

निर्माण: कटाई के बाद, अश्वगंधा की जड़ों को धोकर सुखाया जाता है। इसके बाद, इन्हें बाजार में बेचा जा सकता है या आयुर्वेदिक औषधियों में प्रयोग के लिए रखा जा सकता है।

अश्वगंधा की खेती करने से पहले स्थानीय कृषि विभाग या आयुर्वेदिक विशेषज्ञों से सलाह लेना उचित होता है।

अश्वगंधा की खेती कहां होती है? | Ashwagandha Farming

अश्वगंधा  सोलनेसेस (Solanaceae) परिवार का पौधा है और इसमें करीब २० प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत में 2 प्रजातियो की खेती प्रमुखतः उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में अधिक होती है। मध्य प्रदेश सबसे पहले स्थान पर आता है। इसके अलावा नेपाल, पाकिस्तान, बांगलादेश, थाईलैंड और श्रीलंका में भी अश्वगंधा की प्रचुरता देखी जाती है। दुनिया भर में सबसे अधिक मात्रा में अश्वगंधा भारत में पाई जाती है।

अश्वगंधा के फायदे  | Ashwagandha Benefits in hindi 

Ashwagandha safed musli shatavari

अश्वगंधा चूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य के लिए

अश्वगंधा के शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित लाभों को विस्तार से समझते हैं:

1)  ऊर्जा और ताकत बढ़ाना: अश्वगंधा को \”वृष्य\” (शक्ति बढ़ाने वाला) औषधि माना जाता है। यह शरीर को आवश्यक ऊर्जा और ताकत प्रदान करता है, जिससे शारीरिक और मानसिक थकान कम होती है और शरीर अधिक सक्रिय और बलवान बनता है।

2) मजबूत इम्यून (immune) सिस्टम :इसका उपयोग आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में भी किया जाता है,क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्त्वों से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं औरआप इन्फेक्शन,  और अन्य बीमारियों से दूर रहते हैं।

3) वजन घटाने में सहायक : आश्वगंधा में मौजूद तत्व मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर वजन घटाने में सहायता करते हैं। इससे शरीर अधिक कैलोरी खपत करता है और ज्यादा चर्बी को जलाने में सक्षम होता है। आश्वगंधा आपका स्ट्रेस कम करके भोजन को ठीक से पचाने में भी मदद कर सकती है।

4) एंटी-एजिंग :आश्वगंधा में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को हानिकारक रेडिकल्स से बचाते हैं साथ ही त्वचा को जवां और मुलायम बनाने में मदद करते है। इसके अलावा बढ़ती उम्र के लक्षणों (रूखापन और झुर्रियों) को भी कम करत है। इसके अलावा आश्वगंधा तंदुरुस्ती, तनाव कम करने, मेमोरी और मस्तिष्क स्वास्थ्य को सुधारने में सहायता करती है। 

अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए | Benefits of ashwagandha for men

1) पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में अश्वगंधा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह औषधि शुक्राणुओं की सक्रियता और उनकी संख्या में सुधार लाने में सहायक है, जिससे पुरुषों में गर्भाधान की क्षमता में वृद्धि होती है। इसके सेवन से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होती है, जिससे गर्भ ठहरने की प्रक्रिया को सहायता मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को भी सुधारता है, जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होता है।

2) टेस्टोस्टेरोन स्तर में वृद्धि : अश्वगंधा टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है। इसका नियमित सेवन पुरुषों में यौन उत्साह, मर्दाना शक्ति और स्थायित्व को बढ़ा सकता है। यह न केवल यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि समग्र ऊर्जा और जीवन शक्ति में भी सुधार करता है। इससे पुरुषों में आत्मविश्वास और शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है।

3) शीघ्रपतन की समस्या में सहायता: शीघ्रपतन एक सामान्य यौन समस्या है जिसमें यौन संबंध के दौरान वीर्य अनियंत्रित रूप से निकल जाता है। अश्वगंधा इस समस्या में सहायक हो सकती है। यह तनाव को कम करता है, जो शीघ्रपतन के एक प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा, अश्वगंधा यौन सहनशक्ति बढ़ाकर और यौन क्रिया की गुणवत्ता में सुधार करके इस समस्या को कम करता है।

अश्वगंधा के फायदे महिलाओं के लिए | Ashwagandha benefits for women

1) हार्मोनल संतुलन को सुधारने में सहायक: आश्वगंधा महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स के संतुलन को सुधारने में मदद करती है।और यह पीरियड्स कीअनियमितता, पीरियड्स में अधिक दर्द या गर्भाशय संबंधी समस्याओं को भी सुधार सकती है।

2) स्त्रीवर्धक गुणों को संतुलित करने में सहायक: आश्वगंधा महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारकर स्त्रीवर्धक गुणों को संतुलित करने में मदद कर सकती है। इससे स्त्री की सामरिक (“physical fitness”) और जीवनशैली से संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।

3) मेनोपॉज़ल के दौरान लाभदायक : आश्वगंधा मेनोपॉज़ल के दौरान महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग्स और नींद की समस्याओं को कम करने, तंदुरुस्ती और ऊर्जा को बढ़ाने, और हार्मोन संतुलन को सुधारने में मदद करती है।

4) फीमेल (Female) इनफर्टिलिटी : आश्वगंधा महिलाओं के अंडाशय को सुधारकर उच्च गुणवत्ता वाले अंडों का निर्माण करने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही, यह ओव्यूलेशन और गर्भाधान की क्षमता में सुधार कर सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभ

अश्वगंधा के मानसिक स्वास्थ्य पर लाभों को विस्तार से समझते हैं:

1) मस्तिष्क के लिए आश्चर्यजनक लाभ: अश्वगंधा मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करता है। यह याददाश्त, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति में वृद्धि करता है। इससे मानसिक स्पष्टता और कोग्निटिव (बौद्धिक)क्षमताएं बढ़ती हैं।

2) नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक: अश्वगंधा नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है और अनिद्रा की समस्या को कम करता है। यह शरीर और मन को शांत करता है, जिससे बेहतर और गहरी नींद आती है।

3) मनोरोगों के उपचार में सहायक: अश्वगंधा का उपयोग मानसिक रोगों जैसे कि डिप्रेशन, चिंता और अवसाद के उपचार में किया जाता है। यह मन को शांत करता है, तनाव को कम करता है और मानसिक संतुलन में मदद करता है। इसके अलावा, यह तनाव से संबंधित हार्मोन्स को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।

इन लाभों के कारण, अश्वगंधा को न केवल एक शक्तिशाली शारीरिक टॉनिक माना जाता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उत्कृष्ट है। इसका सेवन शांति और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभ | For Heart

1) कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें : अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट तत्व आपके हृदय को सुरक्षित रखते हैं और रक्त में वसा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं।

2) हाई ब्लड प्रेशर :अश्वगंधा रक्त प्रवाह \”blood flow\”  को सुचारु रूप से संचालित करता है और यह उच्च रक्तचाप, हृदय संक्रमण और अन्य हृदय संबंधित समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

3) हृदय की क्षमता को बढ़ाना: आश्वगंधा आपके हृदय की क्षमता को बढ़ा सकता है और इसे मजबूत बना सकता है।

हड्डी  स्वास्थ्य के लिए लाभ | For bones

1) आर्थराइटिस के लिए फायदेमंद : आर्थराइटिस में आश्वगंधा दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है। इसके साथ ही, यह जोड़ों को ताकत और मजबूती प्रदान करती है और गठिया के लक्षणों को कम कर सकती है। 

2) हीलिंग बोन : बोन फ्रैक्चर में आश्वगंधा बोन हीलिंग को बढ़ाती है और फ्रैक्चर को जल्दी ठीक करने में आराम प्रदान कर सकती है।साथ ही बोन निर्माण में मदद करती है और बोन टिस्यू को स्वस्थ और मजबूत रखती है।

3) मसल्स के लिए लाभ : आश्वगंधा मांसपेशियों के विकास, निर्माण और सुधार में मदद कर सकती है और उन्हें स्वस्थ, मजबूत और सुरक्षित रखने में सहायता प्रदान करती है। इसके साथ ही, आश्वगंधा शारीरिक थकान को कम करती है।

अश्वगंधा के अन्य स्वास्थ्य लाभ 

1) पेट के लिए फायदेमंद : आश्वगंधा पाचन प्रक्रिया को सुधारकर और भोजन को अच्छे से पचाने में मदद करती है। यह अल्सर और एसिडिटी के लक्षणों को कम करने साथ हीअपच, कब्ज, जलन, उल्टी आदि को शांत करने में सहायता प्रदान करती है।  पेट में सूजन को भी कम करती है।.

2) अस्थमा के लिए फायदेमंद : आश्वगंधा अस्थमा के उपचार में मददगार हो सकती है। इसके गुणों के कारण, यह श्वसन प्रणाली को सुधारती है और श्वसन की प्रतिरोधक क्षमता (immune system) को बढ़ाती है। यह श्वसन से जुड़े लक्षणों को कम कर सकती है, जैसे श्वसन के दौरान जलन और घाव। इसके साथ ही, आश्वगंधा हवा के प्रवाह को सुचारु रूप से बनाए रखती है।

3) डायबिटीज़ के लिए उपयोगी :अश्वगंधा का अर्क डायबिटीज़ के लिए उपयोगी हो सकता है। इसके गुणों के कारण, यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। अध्ययनों ने भी देखा है कि आश्वगंधा इंसुलिन की उत्पादन को संतुलित कर सकती है।

4) थायरॉइड के लिए फायदेमंद :अश्वगंधा से शरीर को ऊर्जा और ताकत मिलती है, तथा थायरॉइड की क्रिया को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।एक अध्ययन के अनुसार हाइपोथायराइड (कम थायरॉइड हार्मोन उत्पादन) के रोगियों के लिए भी अश्वगंधा को  उपयोगी माना गया है।

5) त्वचा के लिए फायदेमंद:आश्वगंधा त्वचा की लाली, सूजन (इंफ्लेमेशन) और खुजली को कम करने में मदद कर सकती है। आश्वगंधा त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने में मदद करता है इसके अलावा, यह त्वचा के छिद्रों में मौजूद गंदगी को साफ करता है और मुहांसों को रोकने में मददगार हो सकता है।

6) बालों के लिए फायदेमंद:आश्वगंधा बालों को मजबूत, घना और चमकदार बनाने में मदद करती है।यह,स्कैल्प को स्वस्थ रखने में , बालों की ग्रोथ को बढ़ाने, और सफेद बालों को रोकने में सहायता प्रदान कर सकती है।

7) आँखों के लिए फायदेमंद: आश्वगंधा आँखों की सेहत को सुधारने, नजर को मजबूत करने,  आँखों की थकान और उत्तेजना को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, आश्वगंधा आँखों की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को सुधारकर आँखों के संक्रमण से बचाने में तथा आँखों की समस्याओं को कम करने में भी सहायक हो सकती है।

ध्यान दें: आश्वगंधा, विज्ञान और आयुर्वेद दोनों द्वारा स्वीकृत एक महत्वपूर्ण औषधि है जिसके अनेक फायदे हमने देखे। लेकिन हमें यह जान लेना चाहिए कि गंभीर बीमारी के मामले में डॉक्टरी इलाज आवश्यक होता है। आश्वगंधा का सेवन केवल एक सप्लीमेंट के रूप में हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए करना चाहिए।

आश्वगंधा के पोषक मूल्य | Nutritional value of ashwagandha

Ashwagandha aur doodh
Ashwagandha aur doodh
पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
कैल्शियम130 मिलीग्राम
पोटैशियम660 मिलीग्राम
विटामिन सी1.4 मिलीग्राम
आयरन17 मिलीग्राम
कार्बोहाइड्रेट46 ग्राम
प्रोटीन3.9 ग्राम
वसा0.7 ग्राम
कैलोरी247 कैलोरी

अश्वगंधा प्रयोग कैसे करें ? | How to use Ashwagandha

1) आश्वगंधा चूर्ण (churna): आप आश्वगंधा का चूर्ण स्थानीय औषधीय स्टोर से खरीद सकते हैं। आप इसे गर्म पानी, दूध या शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।

2) आश्वगंधा काढ़ा (kadha): आप आश्वगंधा की काढ़ा बना सकते हैं। इसके लिए, आपको आश्वगंधा की जड़ों को पानी में उबालना होगा और इसे ठंडा करके पीना होगा।

3) आश्वगंधा कैप्सूल (capsule): आप आश्वगंधा के कैप्सूल भी ले सकते हैं। ये कैप्सूल आमतौर पर दिन में एक या दो बार ली जाती है।

4) आश्वगंधा तेल (oil): आप आश्वगंधा के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं। इसे त्वचा में मसाज करके या त्वचा पर लगाकर इसका लाभ उठा सकते हैं।

5) आश्वगंधा चयापान: आप आश्वगंधा की पत्तियों को उबालकर चाय के रूप में पी सकते हैं। आप उबाले हुए पानी में आश्वगंधा पत्तियों को 5-10 मिनट के लिए उबालें और फिर इसे छानकर पीएं।

अश्वगंधा लेते समय क्या परहेज (सावधानी) रखना चाहिए ? | Precautions

आश्वगंधा उपयोग करने से पहले निम्नलिखित सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए:

1) चिकित्सकीय सलाह: आश्वगंधा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपके स्वास्थ्य और मेडिकल कन्डीशन के आधार पर उचित मात्रा और तरीके का सुझाव देंगे।

2) दवाओं और संयोजन: अगर आपको किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो आश्वगंधा का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करें क्योंकि यह दवाओं के साथ इंटरैक्शन कर सकती है।

3) अत्यधिक मात्रा: आश्वगंधा का सेवन मात्रा को ध्यान में रखें और उचित मात्रा में ही उपयोग करें।

अश्वगंधा कितनी मात्रा में लेना चाहिए ?

आमतौर पर, अश्वगंधा की सामान्य मात्रा दिन में 1 से 2 चम्मच (3 से 6 ग्राम) होती है। इसे दूध और पानी के साथ लेना उचित होता है।

इसके अलावा, पैकेट पर उल्लेखित हुई मात्रा का पालन भी किया जा सकता है।

हालांकि, कृपया ध्यान दें कि अश्वगंधा का सेवन करने से पहले आपको अपने चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी व्यक्तिगत स्थिति और आवश्यकताओं के आधार पर आपको सही मात्रा बता सकते हैं।

अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए?

अश्वगंधा खाने की सलाह अक्सर विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए दी जाती है, जैसे कि अश्वगंधा चूर्ण के फायदे में तनाव कम करना, ऊर्जा बढ़ाना, और समग्र स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं। आमतौर पर, अश्वगंधा का सेवन 6-12 हफ्तों के लिए किया जाता है, लेकिन इसकी अवधि व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओं पर निर्भर करती है।

हालांकि, अश्वगंधा के नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर अगर इसे अनुशंसित मात्रा से अधिक या लंबे समय तक लिया जाए। इसमें पेट की समस्याएं, नींद में बाधा, और कुछ लोगों में एलर्जी की प्रतिक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।

गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, और कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्ति इसके सेवन से बचना चाहिए। अश्वगंधा का सेवन शुरू करने से पहले, विशेषकर अगर आप किसी दवाई का सेवन कर रहे हों या किसी विशेष स्वास्थ्य स्थिति से गुजर रहे हों, तो चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।

अश्वगंधा के साइड इफेक्ट्स या नुकसान | Side Effects of Ashwagandha

अब तक आप जान ही चुके हैं कि अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है। यदि हम औषधि की शारीरिक स्थिति, मात्रा और लेने का तरीका का ध्यान नहीं रखेंगे,तो वह हमें फायदे की जगह नुकसान भी पहुँचा सकती है। आइए देखते हैं:

1) गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान आश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए। यह गर्भावस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है और गर्भस्थ शिशु के विकास को प्रभावित कर सकती है।

2) एलर्जी: कुछ लोगों में आश्वगंधा के सेवन से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा में चकत्ते( rashes), खुजली, लालिमा या सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है।

3) गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानी: अश्वगंधा की अधिक मात्रा,पेट में गैस,दस्त और उल्टी का कारण बन सकती है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

Q. अश्वगंधा को सुबह या रात कब लेना चाहिए?

आप अश्वगंधा को सुबह खाली पेट या रात को सोने से आधे घंटे पहले ले सकते हैं। आप एक छोटे चम्मच की मात्रा में अश्वगंधा पाउडर को दूध या गर्म पानी में उबालकर सेवन कर सकते हैं। 

Q. अश्वगंधा को कितने दिन तक खाना चाहिए?

अश्वगंधा को आप सामान्यतः 6 से 8 सप्ताह तक ले सकते हैं। हालांकि, यह आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करेगा। इसलिए, आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए और वे आपको उचित खुराक और उपयोग की अवधि का मार्गदर्शन करेंगे।

Q. अश्वगंधा लेने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

अश्वगंधा पाउडर(powder) को गर्म पानी,शहद या घी के साथ मिश्रित करके उपयोग करें।
सप्लीमेंट्स: अश्वगंधा सप्लीमेंट्स कैप्सूल (capsule)या टैबलेट(tablet) के रूप में उपलब्ध होती हैं और इन्हें दूध के साथ भी सेवन किया जा सकता है, दूध के साथ लेने से इसका प्रभाव बढ़ सकता है।

Q. अश्वगंधा कितने दिनों में असर करता है?

अश्वगंधा का असर व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और उपयोग के तरीके पर निर्भर करेगा।अधिकांश लोगों में, 2 सप्ताह से 6 सप्ताह तक का समय लग सकता है।

Q. अश्वगंधा बच्चों को दे सकते हैं क्या?

अश्वगंधा बच्चों के लिए एक आयुर्वेदिक हर्बल (herbal) उत्पाद है जिसका उपयोग उनकी सेहत और कमजोरी दूर करने में किया जाता है। यह बच्चों में ऊर्जा बढ़ाने, मस्तिष्क को स्वस्थ रखने और शारीरिक तथा मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है।साथ ही, यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मजबूत भी करता है।
हालांकि, अश्वगंधा का सेवन करने से पहले आपको अपने बच्चे के लिए एक पेडियाट्रिशियन से परामर्श लेना चाहिए। 

Q. क्या अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है?

आश्वगंधा गर्म तासीर वाला हर्बल (herbal) पौधा है। 

Q. क्या केएसएम 66 अश्वगंधा बेहतर है?

KSM-66 उच्चतम स्तर की, विशेष प्रकार की  अश्वगंधा है, जिसमें पूरी जड़ी-बूटी का अर्क होता है और विथेनोलाइड्स का सबसे अधिक प्रतिशत पाया जाता है। इसे \”कायनोशधि स्पेशियलिस्ट्स एंड एक्सट्रैक्ट मेकर्स\” कंपनी ने विकसित किया है।यह विभिन्न पुरुष स्वास्थ्य सप्लीमेंट्स में मुख्य घटक(Component) के रूप में उपयोग होता है। इसका उपयोग अन्य बीमारियों के लिए भी लाभदायक साबित हो सकता है।

Q. अश्वगंधा का पाउडर कैसे बनता है?

1. अश्वगंधा की जड़ों को साफ करके सुखा ले।
2. सुखी जड़ों को पीसें या ग्राइंड करें।
3. पीसी हुई अश्वगंधा को छानें।
4. छाने हुए पाउडर को एयर टाइट कंटेनर में डालकर रख दें।

Q. 100 ग्राम अश्वगंधा का रेट कितना है?

100 ग्राम अश्वगंधा का रेट(price) अलग-अलग दुकानों और ब्रांड्स पर निर्भर करता है। लेकिन अगर आप ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से खरीदते हैं, तो आपको अच्छे डिस्काउंट के साथ कम कीमत में भी मिल सकते है।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!