जानिए किस विटामिन की कमी से रहते हैं दिनभर उनींदे!

Sleepiness

क्या आप भी दिन भर में ज्यादा नींद महसूस करते हैं, चाहे कितना भी आराम क्यों न कर लें? सुबह उठना जैसे एक चुनौती बन गया हो और पूरे दिन थकावट बनी रहती है। आपने कॉफी पी, लेकिन फिर भी ऊर्जा नहीं मिली। अक्सर हम इसे व्यस्त दिनचर्या का नतीजा मान लेते हैं, लेकिन कहीं इसके पीछे कोई और वजह तो नहीं? अगर मैं कहूं कि ज्यादा नींद और ऊर्जा की कमी के पीछे आपके खाने में किसी विटामिन की कमी हो सकती है, तो?

 इस लेख में हम उस विटामिन के बारे में बात करेंगे जिसकी कमी से नींद ज्यादा आती है। और बताएंगे कि इसे कैसे दूर कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि सही आहार से हम कैसे अपने जीवन को स्वस्थ और संतुलित बना सकते हैं।

नींद और विटामिन के बीच का संबंध क्या है | Sleep and Vitamins relationship in hindi

नींद और विटामिनों के बीच का संबंध बेहद गहरा है। अच्छी नींद के लिए और स्वस्थ रहने के लिए शरीर में विटामिनों की सही मात्रा का होना अत्यंत जरूरी है। ज्यादा नींद आने की समस्या के पीछे अक्सर विटामिन D और B12 की कमी होती है। ये दोनों विटामिन नींद की गुणवत्ता और मात्रा को सीधे प्रभावित करते हैं।

इनके अलावा, विटामिन B6 और B1 की कमी भी अप्रत्यक्ष रूप से नींद की अधिकता का कारण बन सकती है।

विटामिनों की कमी से नींद से जुड़ी समस्याएं तो होती ही हैं, साथ ही इससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। विटामिन D और B12 की कमी से जहां नींद की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित होती है, वहीं इनकी कमी से शरीर में कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

विटामिन D की कमी से हड्डियों की कमजोरी, ऑस्टियोपोरोसिस और बच्चों में रिकेट्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यह इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकता है, जिससे शरीर विभिन्न संक्रमणों का आसानी से शिकार हो सकता है।

विटामिन B12 की कमी से एनीमिया, थकान, कमजोरी, मनोभ्रंश, और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है। इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है, जिससे स्मृति संबंधी समस्याएं और मानसिक अस्थिरता भी हो सकती है।

विटामिन B6 और B1 की कमी भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। विटामिन B6 की कमी से त्वचा सम्बन्धी समस्याएं, अनीमिया, और पेरिफेरल न्यूरोपैथी हो सकती है। विटामिन B1 की कमी से बेरी-बेरी नामक बीमारी हो सकती है, जिसमें दिल और नर्वस सिस्टम सम्बन्धी समस्याएं आती हैं।

विटामिन B12  | Vitamin B12

B12

विटामिन बी-12 हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह हमारी नसों को स्वस्थ रखता है, नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और DNA के निर्माण में भी सहायक होता है। विटामिन बी12 की कमी न केवल हमारी शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि हमारी नींद पर भी इसका गहरा असर होता है।

विटामिन B12, जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है, शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर नर्वस सिस्टम के सही कामकाज, रक्त निर्माण, और DNA के उत्पादन में। विटामिन B12 की कमी से अनेक स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि थकान, सांस में तकलीफ, चक्कर आना, पीलापन, मुंह और जीभ में जलन, स्मृति हानि, अवसाद, और संवेदना में कमी। ये लक्षण अक्सर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और पहचान में आने में समय लग सकता है।

विटामिन B12 की कमी का नींद पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस विटामिन की कमी से नींद के चक्र में व्यवधान और नींद न आने की समस्याएँ हो सकती हैं। विटामिन B12 नर्वस सिस्टम के सही कामकाज में महत्वपूर्ण है, और इसकी कमी से तंत्रिका संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, जिससे नींद में असामान्यताएँ आ सकती हैं। इसके अलावा, विटामिन B12 की कमी से उत्पन्न थकान और अवसाद भी नींद की गुणवत्ता और अवधि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे व्यक्ति को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता।

जब शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होती है, तो इससे हमें अत्यधिक थकान महसूस होती है और इसका परिणाम हमारी नींद पर पड़ता है। यह अधिक नींद लाने के साथ-साथ नींद के चक्र को भी बिगाड़ सकता है। विशेषकर, उम्रदराज लोगों में यह समस्या अधिक देखी जाती है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ शरीर विटामिन बी12 को अवशोषित करने में कम सक्षम होता जाता है।

विटामिन बी12 की कमी के कारण, व्यक्ति को न केवल अधिक नींद आती है, बल्कि नींद में बार-बार जागने और नींद की अस्थिरता का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, यह मेलाटोनिन के उत्पादन को प्रभावित करता है, जो नींद और जागने के चक्र को नियंत्रित करने वाला मुख्य हार्मोन है।

विटामिन D | Vitamin D

Vitamin D3

अगर आपको दिन भर में ज्यादा नींद आती है, तो इसके पीछे के कारणों को समझना जरूरी है। एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है शरीर में विटामिन D की कमी (vitamin d deficiency)। विटामिन D नींद के पैटर्न और गुणवत्ता को प्रभावित करता है। जब शरीर में इसकी कमी होती है, तो नींद की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

विटामिन D की कमी से हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी या दर्द, थकान, डिप्रेशन और घावों का धीमा ठीक होना शामिल हैं। विटामिन D का हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम, मस्कुलर फंक्शन और हड्डियों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसकी कमी से न सिर्फ शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, बल्कि यह हमारी नींद को भी प्रभावित करती है।

विटामिन D की कमी हो जाए तो, रात में बार-बार जागना और सुबह उठने में मुश्किल होना आम बात है। इससे नींद पूरी नहीं हो पाती है, और फिर दिन भर में थकान और नींद की अधिकता महसूस होती है। इससे न सिर्फ आपकी दैनिक दिनचर्या प्रभावित होती है, बल्कि आपकी कार्यक्षमता और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकती है।

विटामिन D की कमी से नींद की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिसमें नींद में विघ्न, नींद का अनियमित होना और दिन में अत्यधिक नींद आना शामिल है। विटामिन D हमारे शरीर में नींद नियामक हार्मोन्स के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी नींद के चक्र को बिगाड़ सकती है, जिससे व्यक्ति को सोने में कठिनाई हो सकती है या नींद पूरी न हो पाने के कारण दिनभर में थकान और उनींदापन महसूस हो सकता है।

इस प्रकार, विटामिन D की पर्याप्त मात्रा का सेवन न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि यह हमारी नींद की गुणवत्ता को भी सुधारने में सहायक है।

विटामिन B6 |  Vitamin B6

B6

विटामिन B6 की कमी से जुड़े असरों में एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इससे ज्यादा नींद आने की समस्या हो सकती है। जब हमारे शरीर में इस विटामिन की मात्रा सही नहीं होती, तो हमारे मूड और नींद के चक्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 

इसके अलावा विटामिन B6 सीधे तौर पर सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन के बनाने में मदद करता है।, जो हमारी खुशी और नींद के चक्र को नियंत्रित करते हैं। इसकी कमी से न सिर्फ नींद में गड़बड़ी होती है, बल्कि दिन में अधिक नींद आने की समस्या भी हो सकती है।

विटामिन B6, जिसे पाइरिडोक्सिन भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एंजाइमों के कामकाज में सहायता करता है, जो खाद्य पदार्थों को ऊर्जा में परिवर्तित करने, रक्त में हीमोग्लोबिन के निर्माण और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर्स के उत्पादन में महत्वपूर्ण होते हैं। विटामिन B6 की कमी के लक्षणों में चिड़चिड़ापन, अवसाद, भ्रम की स्थिति, मुँह और जीभ में सूजन, और प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी शामिल हैं।

विटामिन B6 की कमी सीधे तौर पर नींद के पैटर्न और गुणवत्ता पर प्रभाव डाल सकती है। यह विटामिन सेरोटोनिन के उत्पादन में सहायक होता है, जो नींद और मूड नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेरोटोनिन, बदले में, मेलाटोनिन के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है, जो कि ‘नींद का हार्मोन’ माना जाता है।

इसलिए, विटामिन B6 की कमी से नींद न आने की समस्या, नींद में बार-बार जागना और गहरी नींद न आना जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह स्थिति लंबे समय तक चलने पर नींद से संबंधित विकारों और दिन में अत्यधिक थकान महसूस होने का कारण बन सकती है।

जब हमें पर्याप्त नींद नहीं मिलती या हमारी नींद बार-बार टूटती है, तो हम दिन भर में थकान और सुस्ती महसूस कर सकते हैं। इसके विपरीत, आपके शरीर में विटामिन B6 की कमी से नींद की अधिकता भी हो सकती है, जिससे दिन में समय पर जागने और सक्रिय रहने में मुश्किल होती है। इस प्रकार, विटामिन B6 का संतुलित स्तर हमें एक स्वस्थ नींद चक्र प्रदान करता है और दिन में ज्यादा नींद आने की समस्या से बचाता है।

विटामिन B1 | Vitamin B1

B1

विटामिन B1, जिसे थायमिन भी कहा जाता है, हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म और नर्वस सिस्टम के सही कामकाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शरीर में कार्बोहाइड्रेट के मेटाबोलिज्म को संचालित करता है और ऊर्जा के उत्पादन में सहायक होता है।

विटामिन B1 की कमी से नींद पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। थायमिन नर्वस सिस्टम के स्वस्थ कामकाज में एक महत्वपूर्ण घटक है, और इसकी कमी से नींद के पैटर्न में विकार और नींद न आने की समस्या हो सकती है।

नर्वस सिस्टम पर इसके प्रभाव के कारण, विटामिन B1 की कमी अनिद्रा, अशांत नींद, और सपनों में बढ़ोतरी जैसी समस्याओं को उत्पन्न कर सकती है। इसके अलावा, थायमिन शरीर की ऊर्जा मेटाबोलिज्म प्रक्रिया में भाग लेता है, इसलिए इसकी कमी से दिन में थकान और कमजोरी महसूस होने के कारण रात में आरामदायक नींद नहीं होती है।

 इसी प्रकार, अगर हमारा नर्वस सिस्टम सही से काम नहीं कर रहा हो, तो भी हमारी नींद के पैटर्न में बदलाव आ सकता है, जिससे हमें दिन में अधिक नींद आने लगती है।

विटामिन की कमी को कैसे दूर करें?

विटामिन D, B12, B6, और B1 की कमी को पूरा करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:

सुबह के समय की धूप

हमारे शरीर के लिए विटामिन D बहुत महत्वपूर्ण है, जो हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम के सही कामकाज और अन्य जीवन महत्वपूर्ण क्रियाओं में योगदान देता है। विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है, विशेष रूप से सुबह के समय की धूप,  में थोड़ी देर समय बिताने से शरीर में इसकी पूर्ति होती है।

पौष्टिक भोजन

विटामिन D, B12, B6, और B1 हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण विटामिन हैं, जो हमारी ऊर्जा, नींद, मूड और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इन विटामिनों की कमी को पूरा करने के लिए आप निम्नलिखित आहार को अपने दैनिक भोजन में शामिल कर सकते हैं:

विटामिन D:विटामिन D धूप से प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है, परंतु कुछ खाद्य पदार्थ भी इसे प्रदान करते हैं। फैटी मछलियाँ जैसे सैल्मन, मैकेरल, और टूना; डेयरी उत्पाद; अंडे की जर्दी; और विटामिन D से समृद्ध अनाज और दूध, इनका सेवन विटामिन D की कमी को पूरा कर सकता है।

विटामिन B12: विटामिन बी 12 मुख्य रूप से पशु स्रोतों में पाया जाता है। मांस, मछली, डेयरी उत्पाद, अंडे, और B12 युक्त सप्लीमेंट्स इसकी कमी को पूरा करने के लिए उपयुक्त हैं।

विटामिन B6:आपको विटामिन बी 6 के लिए आप चिकन, टर्की, आलू, केले, दालें, और अवोकैडो जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। ये सभी विटामिन B6 के अच्छे स्रोत हैं।

विटामिन B1 (थायमिन): थायमिन पाने के लिए साबुत अनाज, बीन्स, मटर, और नट्स को अपने आहार में शामिल करें। कुछ फलों में भी थायमिन पाया जाता है।

नींद से जुड़ी अन्य समस्याएं

नींद की समस्याएं आधुनिक जीवनशैली में एक आम समस्या हो गई है। अनिद्रा, या नींद नहीं आना, आजकल बहुत से लोगों की सबसे बड़ी परेशानी है। अनिद्रा के कई कारण हो सकते हैं, जैसे स्ट्रेस, अस्वस्थ भोजन, रोजमर्रा की ज़िन्दगी की भागदौड़ और डिजिटल उत्पादों के उपयोग।

अनिद्रा के कारण कई हो सकते हैं, जैसे कि नींद के लिए स्थान उपलब्ध न होना, मानसिक परेशानी, शारीरिक बीमारीयाँ, कैफ़ीन और निकोटीन का सेवन, अनियमित दिनचर्या और अवसाद।

नींद को बढ़ाने के लिए कुछ आसान तरीके हैं। दिनभर कार्यक्रम के अंत में सुखद और शांतिपूर्ण पर्यावरण में दिन का समापन करें। सामयिक व्यायाम करने का प्रयास करें, ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें और सुबह उठते ही नदी, पार्क या जंगल जैसी शांतिपूर्ण स्थानों पर जाएं। एक निश्चित समयतालिका बनाएं और समय पर सोने और उठने का अभ्यास करें।

नींद को बढ़ाने के सुझाव

  • नियमित व्यायाम करें। रोजमर्रा का व्यायाम आपकी नींद को सुधार सकता है।
  • ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें। यह आपकी मानसिक चंचलता को कम करके अच्छी नींद प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
  • रात को सोने से पहले रिलैक्सेशन तकनीकों का उपयोग करें, जैसे कि शांतिपूर्ण संगीत सुनें या गर्म पानी के साथ नहाएं।
  • रूटीन पर ध्यान दें। नियमित रूटीन पालन करने से आपका शरीर और मस्तिष्क एक निश्चित समय पर सोने के लिए तैयार हो जाता है।
  • विटामिन की कमी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें और आवश्यक होने पर विटामिन सप्लीमेंट्स लें।
  • नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच (रेगुलर चेकअप ) करवाएं ताकि विटामिन की कमी का पता चल सके और समय रहते उसे दूर किया जा सके।
  • ध्यान (मेडिटेशन)से मानसिक शांति मिलती है, तनाव कम होता है, और नींद की गुणवत्ता सुधरती है, जिससे अधिक नींद आने की समस्या में कमी आती है।
  • अल्कोहल और कैफीन नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। इनका सेवन कम करने से नींद में सुधार हो सकता है और अधिक नींद आने की समस्या में कमी आ सकती है।
  • ठंडे पानी से नहाना: ज्यादा नींद आने पर ठंडे पानी से नहाने से शरीर में ताजगी आती है और सक्रियता बढ़ती है, जिससे नींद कम होती है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।

डिजिटल डिटॉक्स का महत्व

Digital app in Grocery shopping

डिजिटल डिटॉक्स का स्वस्थ नींद पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। जब हम अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बना लेते हैं, खासकर सोने से पहले, हमारा मन अधिक शांत होता है और तनाव कम होता है। डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी हमारे शरीर की प्राकृतिक नींद चक्र को बाधित करती है, जिससे मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन में व्यवधान आता है।

डिजिटल डिटॉक्स के द्वारा, हम इस नीली रोशनी के प्रभाव को कम कर सकते हैं, जिससे हमारे शरीर को अधिक गहरी और आरामदायक नींद आती है। इससे न केवल हमारी नींद की गुणवत्ता सुधरती है, बल्कि हमारी समग्र मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

निष्कर्ष

अगर शरीर में विटामिन की कमी हो जाए तो न केवल जरूरत से ज्यादा नींद आती है बल्कि कई बार नींद न आने की समस्या भी हो जाती है। इतना ही नहीं, विटामिन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो हमारे शरीर में ऊर्जा और स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैं। विटामिन सी हमारे शरीर का इम्यून और डाइजेशन को मजबूत करता है, इससे बेहतर नींद आने में मदद होती है। शरीर में विटामिन डी और विटामिन बी 12 अच्छी और गहरी नींद लेने में सहायक होते हैं। विटामिन ई न सिर्फ स्किन और बालों के लिए फायदेमंद हो सकता है, बल्कि यह स्लीप पैटर्न को भी प्रभावित कर सकता है।

आप भी विटामिन से भरपूर डाइट लें और रातों की नींद को सुखद और आरामदायक बनाएं। यदि फिर भी नींद न आने की समस्या  होतो डॉक्टर का परामर्श लें क्योंकि नींद न आने के कई कारण (deficiency causes) और भी हो सकते हैं वह आपकी स्थिति को देखकर आपको इलाज बता सकते हैं।

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