तिल का तेल की मालिश के फायदे!
छोटे-छोटे दिखने वाले तिल,न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि वे स्वास्थ्य के लिए भी कई फायदे लेकर आते हैं। सेहतमंद रहने के लिए सही खान-पान और व्यायाम के साथ-साथ, मालिश भी बहुत लाभदायक होती है।
मालिश का चलन आज से नहीं, बल्कि पुराने समय से आयुर्वेद में चिकित्सा के रूप में होता आ रहा है। जब हम मालिश करते हैं, तो हमारे तन और मन दोनों को लाभ होता है। आइए जानते हैं तिल के तेल की मालिश के फायदे, जिन्हें जानने के बाद आप इसे अपने रोज़मर्रा के जीवन में और भी ज्यादा महत्व देंगे।
तिल का तेल | Til ka tel
तिल का तेल न सिर्फ स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजनों के लिए उपयोगी है, बल्कि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है। यह तेल काले या सफेद रंग के तिल के बीजों से प्राप्त किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका उपयोग विविध उपचारों में किया जाता है।
तिल के तेल की बनावट हल्की और चिकनाई युक्त होती है, जो त्वचा द्वारा आसानी से सोख ली जाती है। इसकी यह विशेषता इसे मालिश के लिए सर्वेश्रेष्ठ बनाती है। यह तेल हर प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त है, चाहे वह शुष्क हो या ऑयली। इसका इस्तेमाल त्वचा को मुलायम और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।
तिल के तेल में नैचुरल SPF होता है, जो सूर्य की हानिकारक रेडिएशन से त्वचा की सुरक्षा करता है। इसके अलावा, यह यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी सहायक होता है।
तिल का तेल की मालिश के फायदे | Til ka tel ke fayde
तिल के तेल की मालिश के कई फायदे हैं
1) मांसपेशियों के दर्द में राहत
आजकल अक्सर महिला और पुरुष घर और ऑफिस के कामों की वजह से कमर और हाथ-पैर के दर्द से परेशान रहते हैं। इस तरह के दर्द से राहत पाने के लिए तिल के तेल की मालिश एक बहुत ही कारगर उपाय है। यह तेल मांसपेशियों में जमी ऐंठन और तनाव को दूर करता है, जिससे उन्हें आराम मिलता है।
तिल के तेल में विटामिन E और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मांसपेशियों की सूजन और दर्द को कम करते हैं। इस प्रकार, तिल के तेल की नियमित मालिश से दर्द और थकान कम होती है, और मांसपेशियों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
2) तिल का तेल चेहरे पर लगाने के फायदे
तिल के तेल की मालिश से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। इसमें विटामिन E और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो अंदरूनी पोषण देते हैं। इससे त्वचा नरम और स्वस्थ बनती है, सूखापन और खुजली में कमी आती है।
तिल का तेल उम्र बढ़ने के लक्षणों को भी कम करता है। इसमें मौजूद घटक धूप और प्रदूषण के प्रभाव से बचाव करते हैं, जिससे झुर्रियाँ और महीन रेखाएँ कम होती हैं। इससे कसाव और चमक आती है, और युवा दिखावट बढ़ती है। मालिश से नई और स्वस्थ कोशिकाएं विकसित होती हैं, जिससे सुंदरता बढ़ती है।
3) बालों में तिल का तेल लगाने के फायदे
तिल के तेल का उपयोग बालों को अंदर से मजबूती और पोषण प्रदान करता है। इस तेल में विटामिन B कॉम्प्लेक्स और अन्य जरूरी मिनरल्स होते हैं, जो बालों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा तिल के तेल से मालिश करने पर रक्त संचार बढ़ता है, जिससे बालों के रोम चिद्र खुलते हैं और नए बालों की वृद्धि में मदद मिलती है।
साथ ही यह तेल स्कैल्प को गहराई से मॉइस्चराइज़ करता है और रूसी से भी छुटकारा दिलाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से बाल चमकदार और घने बनते हैं। इसलिए बालों के लिए तिल के तेल की मालिश एक बेहतरीन उपाय है। यह न सिर्फ बालों को स्वस्थ बनाता है बल्कि उन्हें सुंदर और जीवंत भी बनाए रखता है।
4) तिल के तेल का उपयोग सफेद बालों के लिए
आजकल के प्रदूषण और लाइफस्टाइल की वजह से, बहुत से लोगों और यहां तक कि बच्चों में भी बाल जल्दी सफेद हो रहे हैं। इसका एक कारण फ्री रेडिकल्स हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। तिल के तेल से मालिश करना इस समस्या को कम कर सकता है। इसका कारण यह है कि तिल के तेल में ऐसे गुण होते हैं जो बालों को उनका नेचुरल कलर देने वाले पिगमेंट, मेलेनिन को बढ़ाते हैं। इस तेल में एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो बालों को अंदर से मजबूत बनाते हैं और उनके जल्दी सफेद होने को रोकते हैं।
यदि आप तिल के तेल में गुड़हल के फूल मिला कर गुनगुना करके बालों और सिर की त्वचा की मालिश करें, तो बाल स्वाभाविक रूप से काले हो सकते हैं।
5) जोड़ों की सूजन में असरदार
उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों का दर्द एक आम समस्या बन जाता है। तिल के तेल से जोड़ों की मालिश करने से इस दर्द में काफी राहत मिलती है। यह तेल विटामिन E, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसे अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करते हैं।
तिल के तेल की मालिश से जोड़ों में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे उनमें लचीलापन आता है और अकड़न में कमी आती है। इससे गठिया के मरीजों को भी लाभ होता है, क्योंकि यह तेल सूजन को कम करके दर्द से राहत दिलाता है। नियमित मालिश से जोड़ों की मजबूती बढ़ती है और दर्द कम होता है, जिससे दैनिक गतिविधियां आसानी से की जा सकती हैं।
6) आंखों को आराम
हल्के हाथों से तिल के तेल की मालिश करने से आंखों की थकान, जलन, और लालिमा में कमी आ सकती है, और आंखों को आराम मिलता है। लेकिन इसे बहुत सावधानी से करना जरूरी है क्योंकि आंखें बेहद संवेदनशील होती हैं। आंखों के आसपास के हिस्से में ही मालिश करें, ताकि तेल सीधे आंखों में न जाए। तिल के तेल में विटामिन E और एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो आंखों की त्वचा को पोषण देते हैं और उन्हें स्वस्थ बनाए रखते हैं। इस प्रकार की मालिश से आंखों को न केवल दर्द से राहत मिलती है, बल्कि ताजगी और स्वस्थ रूप भी मिलता है।
7) बच्चों की मालिश का बेहतर विकल्प
छोटे बच्चों के लिए मालिश बहुत जरूरी होती है, क्योंकि यह उनकी हड्डियों को मजबूत बनाने और शारीरिक विकास में मदद करती है। ऐसे में, तिल का तेल एक अच्छा विकल्प हो सकता है। तिल के तेल में विटामिन E, कैल्शियम और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो बच्चों की त्वचा को पोषण देने के साथ-साथ उनके शारीरिक विकास में भी योगदान करते हैं।और यह उनकी बढ़ती हुई उम्र के लिए उपयुक्त होता है।
बच्चों के लिए तिल के तेल से मालिश करते समय, तेल की शुद्धता और तापमान का ध्यान रखें। तेल को हल्का गर्म करके, हल्के हाथों से बच्चे के पूरे शरीर पर मालिश करनी चाहिए। यह मालिश बच्चे को आराम देने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य में सुधार करती है।
8) पैरों के तलवों पर तेल लगाने के लाभ
पैरों के तलवों पर तिल के तेल से मालिश करने के अनेक फायदे होते हैं। इस मालिश से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है। तिल के तेल में मौजूद विटामिन E, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 फैटी एसिड्स, और लिग्नान्स जैसे पोषक तत्व इसमें सहायक होते हैं।
इस मालिश से मानसिक तनाव और चिंता में भी कमी आती है क्योंकि पैरों के तलवे शरीर के विभिन्न भागों से जुड़े होते हैं। रात को सोने से पहले की गई इस मालिश से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और शरीर से टॉक्सिन का निकाल ने मे भी अच्छी तरह से होता है, जिससे डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में मदद मिलती है।
विशेषकर महिलाओं के लिए, जो मेनोपॉज़ के दौरान होती हैं, तिल के तेल से पैरों के तलवों की मालिश काफी लाभकारी हो सकती है। यह मेनोपॉज़ से जुड़े लक्षणों जैसे तनाव, अनिद्रा और शारीरिक असुविधा में राहत दिला सकती है।
9) तिल के तेल की तासीर लकवा में फायदा
तिल के तेल की गर्म तासीर लकवा या पैरालिसिस में काफी मदद कर सकती है। इस तेल में मौजूद पोषक तत्व, जैसे विटामिन ई और अन्य खनिज, रक्त प्रवाह और मांसपेशियों की मजबूती में सुधार करने में सहायक होते हैं। यह तेल सूजन और दर्द को कम करके लकवा पीड़ितों को आराम पहुंचाता है। फिर भी, इसका उपयोग केवल एक सहायक उपचार के रूप में ही किया जाना चाहिए। लकवा के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह और निर्धारित चिकित्सा उपचार आवश्यक हैं। किसी भी घरेलू उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होता है।
10) ब्रेस्ट का लिए उपयोगी
तिल के तेल से स्तनों की नियमित मालिश करने पर उनकी त्वचा को अच्छा पोषण मिलता है, जिससे स्तनों का आकार और रूप सुधरता है। इस तेल में एंटीऑक्सिडेंट और अन्य ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं, जो स्तनों की त्वचा को कसाव और टोन देते हैं।
जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उन्हें कभी-कभी स्तनों में कटाव,दर्द या सूखापन की समस्या हो सकती है। तिल के तेल से मालिश करने पर इस तरह की परेशानी में आराम मिल सकता है। लेकिन, स्तनपान कराते समय यह ध्यान रखें कि स्तनपान से पहले स्तनों को अच्छे से साफ कर लें, ताकि बच्चे के मुंह में तेल न जाए और उसे कोई तकलीफ न हो।
11) स्ट्रेच मार्क्स कम करे
जब आप गर्भवती होती हैं, तो कई बार पेट पर स्ट्रेच मार्क्स और खुजली हो जाती है। ऐसे में तिल का तेल लगाने से फायदा हो सकता है, क्योंकि इसमें विटामिन ई होता है जो त्वचा के लिए अच्छा है। तिल के तेल से पेट पर धीरे-धीरे मालिश करने से स्ट्रेच मार्क्स और खुजली कम हो सकती है। मालिश करते समय हल्के हाथों का इस्तेमाल करें, जोर से नहीं, क्योंकि इस समय आपकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है। इससे त्वचा को आराम मिलता है और स्ट्रेच मार्क्स कम होने में मदद मिलती है।
पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे
तिल का तेल मर्द के इन्द्रियों में लगाने के फायदे निम्न हैं: ये पुरुषों का यौनस्वास्थ्य सुधारने में मदद कर सकता है।
कामेच्छा में बढ़ोतरी
कामेच्छा, या यौन इच्छा, में वृद्धि के लिए विभिन्न प्राकृतिक तरीके अपनाए जा सकते हैं। इनमें से एक तरीका है तिल के तेल का उपयोग। तिल के तेल में मौजूद पोषक तत्व जैसे जिंक, सेलेनियम और मैग्नीशियम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, जिससे कामेच्छा में बढ़ोतरी हो सकती है।
ये पोषक तत्व न केवल शरीर के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करते हैं, बल्कि यौन हार्मोन्स के संतुलन में भी मदद करते हैं। इससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जो यौन इच्छा को प्रभावित कर सकते हैं।
शीघ्रपतन को दूर करने के लिए
शीघ्रपतन से जूझ रहे लोगों के लिए तिल के तेल से मालिश एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है। इस तेल में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर की नसों और ऊतकों(Tissues) को ताकत देते हैं, जिससे शीघ्रपतन में कमी आ सकती है। इस मालिश से लिंग की नसें मजबूत होती हैं, जो शारीरिक क्षमता में सुधार कर सकती है।
इसके अलावा, तनाव भी शीघ्रपतन का एक कारण होता है, और तिल के तेल से मालिश से तनाव कम हो सकता है, जिससे इस समस्या में आराम मिलता है। फिर भी, शीघ्रपतन का इलाज करने के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूरी हो सकती है।
आकार बढ़ाने और ढीलापन दूर करने
किसी भी अंग के सही तरीके से काम करने और बढ़ने के लिए, अच्छा रक्त प्रवाह जरूरी होता है। इस मामले में, तिल के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। तिल के तेल में पाए जाने वाले मैग्नीशियम, विटामिन E जैसे पोषक तत्व लिंग के आकार को बढ़ाने और उसकी ढीलापन को दूर करने में मदद कर सकते हैं। ये तत्व रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाते हैं और अंगों को मजबूती देते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता और स्थिरता में सुधार होता है।
शुक्राणु संख्या में वृद्धि और गतिशीलता
तिल के तेल में प्रोटीन, फोलिक एसिड, और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इस तेल की मालिश से शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी और उनकी गतिशीलता में सुधार हो सकता है। यह शुक्राणुओं के स्वास्थ्य और उनके कार्य को बेहतर बनाता है, जिससे प्रजनन क्षमता में वृद्धि हो सकती है।प्रोटीन शुक्राणुओं के विकास और मरम्मत में मदद करता है, जबकि फोलिक एसिड डीएनए सिंथेसिस और शुक्राणुओं के स्वास्थ्य में सहायक होता है। इन पोषक तत्वों की उपस्थिति से शुक्राणुओं की गुणवत्ता और उनकी जीवित रहने की क्षमता में सुधार होता है।
हालांकि, इस तरह के दावों के लिए और अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों की जरूरत है, और किसी भी प्राकृतिक उपाय को अपनाने से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए क्योंकि प्राकृतिक उपचार कोई चिकित्सा नहीं है। साथ ही, त्वचा की संवेदनशीलता के कारण सावधानी बरतना भी महत्वपूर्ण है।
तिल के तेल की मालिश कब करनी चाहिए
तिल के तेल से मालिश कब करें, यह निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है:
उद्देश्य के हिसाब से:
आराम के लिए: अगर आप आराम और शांति के लिए मालिश कर रहे हैं, तो रात को सोने से पहले करना ठीक रहेगा। इससे नींद बेहतर आती है।
स्वास्थ्य समस्याओं के लिए: अगर आप जोड़ों के दर्द, लकवा या मांसपेशियों की अकड़न के लिए मालिश कर रहे हैं, तो सुबह या दोपहर में करें।
मौसम के अनुसार:
सर्दी में: सर्दियों में सुबह के समय मालिश करना अच्छा रहता है, क्योंकि इससे शरीर गर्म रहता है।
गर्मी में: गर्मियों में, शाम को या जब गर्मी कम हो, तब मालिश करना बेहतर होता है।
व्यक्तिगत सुविधा के अनुसार:
पसंद के अनुसार:आपकी रोज़मर्रा की दिनचर्या और सुविधा के अनुसार भी आप मालिश का समय तय कर सकते हैं। कुछ लोग सुबह मालिश करना पसंद करते हैं तो कुछ शाम या रात को।
बच्चों के लिए:बच्चों की मालिश अक्सर दिन में की जाती है, क्योंकि इससे उन्हें दिनभर आराम और ऊर्जा मिलती है। शिशुओं की मालिश अक्सर दोपहर के समय की जाती है,जिससे शिशु दोपहर में अच्छी तरह और ज्यादा देर
सो पाते हैं।
तिल के तेल की मालिश कैसे करें
तिल के तेल की मालिश करने का तरीका निम्नलिखित है:
तेल गर्म करें: सबसे पहले, थोड़ा तिल का तेल हल्का गर्म कर लें। ध्यान रखें कि तेल बहुत गर्म न हो, इसे त्वचा पर लगाने लायक हल्का गर्म रखें।
तेल लगाना: अपने हाथों में तेल लें और इसे धीरे-धीरे उस हिस्से पर लगाएं जहां आप मालिश करना चाहते हैं।
मालिश करें: अब हल्के हाथों से तेल को गोल-गोल घुमाते हुए धीमी गति में मालिश करें।
समय दें: मालिश को कम से कम 10-15 मिनट तक करें ताकि तेल त्वचा में अच्छी तरह से समा जाए और इसका पूरा लाभ मिले।
धोना: मालिश के बाद, यदि आवश्यक हो तो आप तेल को कुछ समय बाद धो सकते हैं। कई लोग इसे रातभर के लिए भी छोड़ देते हैं जिस से तेल बॉडी में एब्जॉर्ब हो जाए।
सावधानी
तिल के तेल की मालिश से पहले निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
पैच टेस्ट : तिल के तेल की थोड़ी मात्रा को अपने कान के पीछे या कोहनी के अंदरूनी हिस्से पर लगाकर देखें। कुछ समय तक इंतजार करें और जांचें कि कहीं आपकी त्वचा पर एलर्जी की प्रतिक्रिया तो नहीं हो रही, जैसे लाली, खुजली, या जलन। यदि कोई प्रतिक्रिया नहीं होती, तो तेल का उपयोग कर सकते हैं।
तेल का तापमान: तेल को बहुत अधिक गर्म न करें। हल्का गर्म तेल ही उपयोग में लाएं।
साफ त्वचा: मालिश से पहले त्वचा को साफ कर लें ताकि तेल अच्छी तरह से त्वचा में समा सके।
दबाव का ध्यान रखें: मालिश करते समय बहुत जोर से दबाव न डालें।
उपयोग की मात्रा: बहुत अधिक मात्रा में तेल का उपयोग न करें।
चिकित्सा स्थितियाँ: यदि आप गर्भवती हैं या शिशु की मालिश करने की सोच रहे हैं, तो मालिश करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें। ऐसी चिकित्सा स्थितियों में, विशेषज्ञ की राय बहुत महत्वपूर्ण होती है।
इन सावधानियों का ध्यान रखकर, आप तिल के तेल की मालिश का सुरक्षित और प्रभावी रूप से लाभ उठा सकते हैं।
निष्कर्ष
तिल के तेल से मालिश करने के ढेर सारे लाभ हैं, लेकिन ध्यान रखें कि तेल अच्छे दर्जे का हो। बाजारी नकली तेल से नुकसान हो सकता है। तिल के तेल में गर्मी होती है, जो सर्दियों में काफी लाभदायक है। गर्मियों में इस तेल से मालिश करते वक्त, हल्के से मसाज करें और जोर से न रगड़ें ताकि त्वचा पर कोई रेश न हो। रोजाना की दिनचर्या में तिल के तेल की मालिश को शामिल करने से खून का प्रवाह बेहतर होता है और यह बीमारियों को कम करने में सहायक होता है।