तिल के फायदे: स्वास्थ्य और त्वचा के लिए चमत्कारिक लाभ!

हमारी बॉडी स्ट्रक्चर बोन से बनी होती है, इसलिए हमें अपनी हड्डियों का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। तिल हमारी हड्डियों के लिए मजबूती प्रदान करता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम बहुत अधिक होता है। इसलिए आज हम रसोई में उपयोग होने वाली तिल की बात करेंगे।

Til ke fayde

तिल | Sesame seeds

तिल, जिसे अंग्रेजी में सेसम सीड्स (Sesame seeds) कहते हैं, एक छोटे से बीज के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन उनके गुण उनके आकार से कहीं बड़े हैं। यह छोटे, फ्लैट और गोलाकार बीज आमतौर पर सफेद, ब्राउन या काले रंग के होते हैं।इनका टेक्सचर नरम तथा चिकना होता है।तिल के बीज का स्वाद मीठा होता है, और जब इन्हें भूना जाता है तो इनसे एक नट्टी फ्लेवर निकलता है।

तिल का पोषण मूल्य | Nutritional value of Sesame Seed

यहां 100 ग्राम तिल के पोषक तत्वों की चार्ट है:

पोषक तत्वमात्रा
कैलोरी573 कैलोरी
प्रोटीन17.73 ग्राम
वसा49.67 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट23.45 ग्राम
डाइटरी फाइबर11.8 ग्राम
शुगर0.3 ग्राम
कैल्शियम975 मिलीग्राम
लोहा14.55 मिलीग्राम
मैग्नीशियम351 मिलीग्राम
विटामिन B60.79 मिलीग्राम
फॉस्फोरस629 मिलीग्राम

तिल के प्रकार | Types of sesame

Til ke fayde
  • सफेद तिल (White Sesame Seeds): यह तिल सबसे आम रूप में पाए जाते हैं और इनका उपयोग विभिन्न पकवानों और मिठाइयों में किया जाता है।
  • काले तिल (Black Sesame Seeds): काले तिल का उपयोग आम तौर पर चीनी और कोरियाई व्यंजनों में किया जाता है। इनमें अधिक न्यूट्रिशन होता है और इसे आयुर्वेदिक उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है।
  • भूरे तिल (Brown Sesame Seeds): यह तिल भी लोकप्रिय हैं,इसका उपयोग मुख्यतः मिठाई और कुछ विशेष व्यंजनों में किया जाता है।  

तिल खाने के फायदे

तिल को सेहत के लिए एक सुपरफूड माना जाता है, इसमें से पोषक तत्वों की भरमार होती है। हमारे आगामी ब्लॉग में हम तिल और उसके तेल के स्वास्थ्य लाभों के विषय में विस्तार से बात करेंगे।

सफेद तिल के फायदे, काले तिल के फायदे और भूरे तिल के फायदे आमतौर पर समान होते हैं। इनमें से हर एक में प्रोटीन, फाइबर, हेल्थी फैट्स, विटामिन और मिनरल्स होते हैं।

1) दिल की सेहत में सुधार (Improve heart health)

तिल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं जो हृदय के लिए अच्छे होते हैं। और हृदय रोग की संभावना को कम करते हैं।

2)  हड्डियों की सेहत के लिए तिल के फायदे (Benefits of sesame seeds for bone health)

तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फॉस्फोरस की उच्च मात्रा होती है, जो हमारी हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए महत्वपूर्ण होती है। तिल के नियमित सेवन से हड्डियों की कमजोरी को दूर किया जा सकता है।

3) त्वचा के लिए तिल(sesame seeds for skin)

तिल में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट तत्व बदती उमर के निशान जैसे झुर्रियाँ, झाइया आदि को कम करने में सहायक होते हैं इसके अलावा, तिल का तेल सूखी त्वचा, दाग-धब्बों, और सन बर्न के इलाज में मदद कर सकता है।

4) बालों के लिए तिल(sesame seeds for hair)

तिल का तेल बालों को पोषण देने और बालों की समस्याओं जैसे डेंड्रफ़, बालों का झड़ना और बालों की सफेदी को दूर करने में सहायता करता है।

 5) आंतों की स्वास्थ्य के लिए तिल के फायदे(Benefits of sesame seeds for intestinal health)

तिल में डाइटरी फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो पाचन को बेहतर बनाने और कब्ज से राहत दिलाने में सहायता करती है। तिल का नियमित सेवन पेट में गैस से राहत दिलाता है।

6) एंटीऑक्सिडेंट स्रोत(antioxidant source)

तिल के बीज एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जो ट्यूमर, मोटापा,और कैंसर जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं।

7) मधुमेह के रोगी के लिए वरदान(boon for diabetic patient)

तिल में मौजूद मैग्नीशियम मधुमेह के प्रबंधन में सहायता करता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण करने में मदद करता है, और इससे इंसुलिन रेसिस्टेंस को भी रोका जा सकता है।

8) उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करे(control high blood pressure)

तिल में मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इससे हृदय की सेहत भी बनी रहती है।

9) शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए (Increase body’s immunity)

तिल में विटामिन E और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह शरीर के खिलाफ लड़ने वाले बीमारियों से बचाता है।

10)  कोलेस्ट्रॉल कम करने(lowering cholesterol) 

यह लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) या ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) या ‘अच्छे’ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायता करता है।

11) आंखों के लिए(for the eyes)

 तिल में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं जो आपकी आंखों की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें विटामिन ए भी होता है जो आपकी दृष्टि को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होता है।

12) दांतों के लिए

 तिल में कैल्शियम होता है जो आपके दांतों को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद करता है। कैल्शियम हमारे दांतों और हड्डियों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होता है।

तिल के अन्य लाभ

तिल का तेल मर्द के इन्द्रियों में लगाने के फायदे(Benefits of applying sesame oil to the senses of a man)

1) शीघ्रपतन को दूर करने के लिए(to cure premature ejaculation)-तिल के तेल में ऑक्सीडेंट तत्वों की अधिक मात्रा होती है, इसलिए रोजाना तिल के तेल से मालिश करने से पेनिस की नसों की कमजोरी दूर होती है और सेक्स टाइमिंग बढ़ती है।

2) आकार बढ़ाने और ढीलापन दूर करने(to increase size and remove looseness) -किसी भी अंग के विकास के लिए सही तरीके से रक्त का संचार अत्यंत आवश्यक होता है। तिल के तेल में मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन ई जैसे कई और पोषक तत्व लिंग के आकार को बढ़ाने और ढीलापन दूर करने में सहायक हो सकते हैं।

3) शुक्राणु संख्या में वृद्धि और गतिशीलता(increase in sperm count and motility)-  तिल के तेल में मौजूद प्रोटीन, फोलिक एसिड आदि पोषक तत्वों के कारण मालिश करने से शुक्राणु संख्या में वृद्धि हो सकती है और उनकी सामरिक गतिशीलता में सुधार भी किया जा सकता है।

स्त्री रोगों में तिल के तेल के फायदे (Benefits of sesame oil in gynecological diseases)

1) प्रजनन क्षमता(fertility) तिल के तेल में मौजूद प्रोटीन और विटामिन E महिलाओं के गर्भाशय के स्वास्थ्य को सुधारने, अंडाशय के उत्पादन को बढ़ाने और प्रजनन शक्ति को सुधारने में मदद कर सकता है।

2) पीरियड्स में(in periods) तिल के तेल में मौजूद प्राकृतिक ऑमेगा-3 फैटी एसिड और जिंक मासिक धर्म संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि हार्मोनल असंतुलन,दर्द, मूड स्विंग और असामान्य ब्लीडिंग। 

3) स्तनों की बनावट के लिए- (for breast texture)तिल के तेल से मालिश करने से तिल में मौजूद कैल्शियम और विटामिन E के कारण स्तनों को टाइट और सुडोल बनाने में मदद मिल सकती है।

4) स्तनपान संबंधित परेशानी-(breastfeeding problems)कभी-कभी दूध पिलाने वाली महिलाओं को स्तनों में खुजली, सूजन और दर्द की समस्या हो जाती है, जो तिल के तेल की मालिश से ठीक हो जाती है। इसका कारण है  तिल में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

5) स्ट्रेच मार्क्स को हटाने के लिए(to remove stretch marks)– गर्भावस्था में, महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में स्ट्रेच मार्क्स बन सकते हैं। तिल के तेल में पाए जाने वाले विटामिन डी स्ट्रेच मार्क्स को कम करके त्वचा को पुनर्निर्माण करने में मदद कर सकते हैं।

बच्चों के लिए

1) तिल का तेल की मालिश के फायदे(benefits of sesame oil massage)– तिल के तेल को हल्के हाथों से बच्चे की त्वचा पर मालिश करें।विटामिन ई उनकी त्वचा को मुलायम और नर्म बनाए रखने में मदद कर सकता है।

2) ब्रेन के लिए(for brain) तिल के तेल में ऑमेगा-3 फैटी एसिड, और लिग्नान जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मस्तिष्क के विकास और कार्यक्षमता के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

3) संक्रमण से बचाव(prevent infection)-छोटे बच्चों को संक्रमण जल्दी हो जाता है, तिल के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

4) याददाश बढ़ाने में(to enhance memory) तिल के तेल में मैग्नीशियम, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बच्चों की मेमोरी (याददाश) को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। 

5) एनर्जी(Energy) तिल के तेल में बच्चों के लिए कैल्शियम और प्रोटीन मात्रा अच्छी होती है, जो उन्हें ऊर्जा प्रदान करते हैं। कैल्शियम हड्डियों और दांतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, और प्रोटीन मांसपेशियों और ऊर्जा के लिए आवश्यक है। 

तिल का उपयोग (use of sesame)

तिल को कई जगहों पर “तिल्ली” भी कहा जाता है। भारत में मकर संक्रांति त्योहार के दिन तिल से नहाना और तिल के लड्डू खाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा भी इसे विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि:

  • चॉकलेट और मिठाइयां: तिल का उपयोग विभिन्न मिठाइयों जैसे कि हलवा , तिल पाक, तिल चिक्की , चॉकलेट आदि में किया जाता है।
  • तेल: तिल के बीजों से तेल निकाला जाता है, जिसे खाना पकाने और सौंदर्य उत्पाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • चटनी: तिल को भूनकर उससे चटनी बनाई जाती है जो कि भारतीय व्यंजनों के साथ खाई जाती है।
  • बेकरी में:तिल को मफिन, बिस्कुट ,रोटियों, ब्रेड, और बन्स के ऊपर डालकर बेक किया जाता है।
  • ड्रेसिंग्स और सॉस: तिल का पेस्ट और तेल का उपयोग सलाद ड्रेसिंग्स और सॉस के लिए भी किया जाता है।
  • हम्मुस: तिल के पेस्ट (तहीनी) का उपयोग हम्मुस बनाने में भी किया जाता है, जो कि एक प्रसिद्ध मध्य पूर्वी व्यंजन है।
  • आयुर्वेदिक उपचार: तिल का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक उपचारों में भी किया जाता है, जैसे कि मालिश के लिए तेल, और अन्य औषधीय उपयोगों में।
  • सलाद और स्टिर-फ्राई: ताजगी और क्रंचीनेस बढ़ाने के लिए तिल का उपयोग सलाद में भी किया जा सकता है। वे स्टिर-फ्राई व्यंजनों के लिए भी अच्छे होते हैं।

तिल के लड्डू बनाने की रेसिपी:(Recipe to make Til Ke Ladoos)

सामग्री:(Material)

  • 2 कप तिल (सफेद या काला, जो आप पसंद करें)
  • 1 कप गुड़ (खड़ा गुड़ या गुड़ पाउडर)
  • 1/2 कप मूंगफली ( रोस्टेड)
  • 1 चम्मच घी
  • 1/2 चम्मच इलायची पाउडर
  • काजू और बादाम (वैकल्पिक, सजाने के लिए)

तैयारी की विधि: (Method of Preparation)

एक कड़ाही में तिल को मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक भूनें. इससे तिल की खुशबू आने लगेगी।

  • रोस्टेड मूंगफली को एक ग्राइंडर में पीसें।
  • धीमी आंच पर गुड़ को पिघला लीजिये गुड़ पिघलने पर आंच तुरन्त बन्द कर दीजिये.।
  • गुड़ के जरा से ठंडा होने के बाद, भुने हुए तिल, मूंगफली पेस्ट, घी और इलायची पाउडर को मिलाएं।
  • इस मिश्रण को हाथों से लड्डू की आकृति देकर बनाएं। आप चाहें तो काजू और बादाम से शोभा बढ़ा सकते हैं।
  • तिल के लड्डू को ठंडे स्थान पर रखें ताकि वे कठोर हो जाएं।
  • आप इन्हें एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये।

तिल के सेवन की सावधानियाँ (Precautions for consumption of sesame seeds)

सफेद तिल के नुकसान और काले तिल के नुकसान एक जैसे होते हैं। इन्हें नीचे दी गई सावधानी को ध्यान में रखकर ही खाना चाहिए-

  • तिल का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में होना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से आपको उल्टी, दस्त, और बदहजमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • तिल के तेल का उपयोग सभी के लिए फायदेमंद हो सकता है, परंतु गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति या तिल से एलर्जी होने वाले व्यक्ति को पहले चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। 

निष्कर्ष(conclusion)

तिल के बहुत सारे फायदे हैं, जो हमें हेल्थी और फिट रखते हैं। चाहे तिल के बीज हो, या तिल का तेल, दोनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं। लेकिन, यह भी याद रखना चाहिए कि किसी भी चीज का सेवन अति मात्रा में नहीं होना चाहिए। हमें बैलेंस डाइट लेनी चाहिए, जिसमें सभी पोषक तत्वों की उचित मात्रा हो।

FAQs

तिल की तासीर क्या होती है?

तिल की तासीर गर्म होती है।

क्या रोज तिल खाना ठीक है?

हां, रोज़ तिल का सेवन करना ठीक हो सकता है। तिल अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसे नियमित   रूप से खाने से शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है।

क्या खाने से पहले तिल को भिगोना चाहिए?

तिल को भिगोकर खाने से पचाने में आसानी हो जाती है,इसके अलावा गर्मियों के दिनों में तिल को पानी में भिगोने से तिल का कोई नुकसान नहीं होता है।

तिल को कितने समय तक भिगोना चाहिए?

तिल को पानी में कम से कम 6-7 घंटे तक भिगोने की आवश्यकता होती है।

सुबह या रात में तिल कब खाना चाहिए?

तिल को सुबह और रात दोनों समय खाया जा सकता है। सुबह खाने से आपको दिनभर की ऊर्जा मिलती हैऔर रात में खाने से आपको अच्छी नींद आती है। हालांकि, रात में तिल की मात्रा का ध्यान रखना आवश्यक होता है।

एक दिन में कितने तिल खाने चाहिए?

आमतौर पर, दिन में आधे से एक चम्मच (5-10 ग्राम) तिल की मात्रा अच्छी मानी जाती है।

तिल का तेल किस चीज से बनता है?

तिल का तेल तिल के बीजों से बनता है।

तिल पैदा करने वाला कौन सा पौधा है?

तिल पैदा करने वाला पौधा “सेसमम इंडिकम” नामक पौधा है। यह पौधा वार्षिक वनस्पति होता है,तिल का पौधा  उच्चतम 1-2 मीटर की ऊँचाई तक बढ़ सकता हैं।

तिल के तेल की कीमत क्या है?

तिल के तेल की कीमत विभिन्न कारणों पर निर्भर करती है, जैसे कि ब्रांड, गुणवत्ता, आदि। आमतौर पर, एक  लीटर तिल के तेल की कीमत 130 से 150 रुपये तक हो सकती है। यह कीमत ऑनलाइन मेंऔर भी कम हो सकती है।

शुद्ध तिल का तेल किस रंग का होता है?

शुद्ध तिल का तेल आमतौर पर गहरी सियाह (डार्क ब्राउन) रंग का होता है।

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