हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए?

Haldi Milk

दोस्तों, बारिश के मौसम में गरम-गरम खाने-पीने का सबका मन करता है। ऐसे में हल्दी वाला दूध, जिसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है, सदियों से एक बेहतरीन विकल्प है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है, जो इम्यूनिटी को मजबूत करता है और ठंडे मौसम में बीमारियों से बचाता है।

लेकिन, इसके कई गुण होने के बावजूद, हल्दी वाला दूध सभी के लिए फायदेमंद नहीं होता। कुछ लोगों के लिए यह नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन्हें हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए।

हल्दी दूध की तासीर | Turmeric milk hot or cold in hindi

आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी की तासीर गर्म होती है। यह शरीर में गर्माहट पैदा करती है और वात और कफ दोष को संतुलित करने में मदद करती है। “चरक संहिता” जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में हल्दी का वर्णन एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में किया गया है। हालांकि, इसकी गर्म तासीर कुछ लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकती है, इसलिए इसे सावधानी से उपयोग करना चाहिए।

हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए | Turmeric milk side effects

आइये जानते हैं किन लोगों को हल्दी वाला दूध भूलकर भी नहीं पीना चाहिए क्युकी उन्हें ये फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है:

1) गर्भपात की संभावना 

हल्दी की तासीर गर्म होती है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान हल्दी का अधिक सेवन गर्भाशय में संकुचन उत्पन्न कर सकता है, जिससे गर्भपात या समय से पहले प्रसव (प्रीमैच्योर लेबर) का खतरा बढ़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय को शांत और स्थिर रखना आवश्यक होता है ताकि भ्रूण का विकास सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से हो सके। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को हल्दी वाले दूध से बचना चाहिए ताकि गर्भधारण सुरक्षित रहे।

2) पित्त पथरी के मरीजों के लिए हल्दी का जोखिम

हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो पित्त के प्रवाह को बढ़ाता है। पित्त, लिवर द्वारा उत्पन्न पाचक रस है, जो पित्ताशय में संग्रहित होता है। जब पित्त की मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह पित्त पथरी का कारण बन सकता है। पित्त पथरी के मरीजों के लिए पित्त का बढ़ा हुआ प्रवाह पथरी की समस्या को गंभीर बना सकता है।

अगर आपको पहले से ही पित्त पथरी है, तो हल्दी वाला दूध पीने से आपकी स्थिति बिगड़ सकती है। पित्त का अधिक प्रवाह पथरी के आकार और संख्या को बढ़ा सकता है, जिससे दर्द और जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए, पित्त पथरी के मरीजों को हल्दी वाले दूध का सेवन करने से बचना चाहिए।

3) खून पतला करने की दवा के साथ खतरनाक हल्दी 

जो लोग पहले से ही खून पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं, उन्हें हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि हल्दी खून की प्रवाह प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है और खून बहने का खतरा बढ़ा सकती है।

खून पतला करने वाली दवाएं खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा कर देती हैं, जिससे खून बहने का खतरा बढ़ जाता है। हल्दी के सेवन से यह प्रभाव और भी बढ़ सकता है, जिससे अत्यधिक खून बहने या रक्तस्राव का जोखिम हो सकता है। अतः, ऐसे लोग हल्दी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

4) अल्सर के मरीजों की बढ़ सकती है परेशानी 

पेट के अल्सर के मरीजों को हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि हल्दी पेट में जलन और अल्सर की समस्या को बढ़ा सकती है। हल्दी का अधिक सेवन पेट की भीतरी परत को उत्तेजित करता है, जिससे अल्सर की स्थिति और खराब हो सकती है।

 जब पेट की दीवारों में घाव होते हैं, तो हल्दी का सेवन उन घावों को और भी ज्यादा संवेदनशील बना सकता है, जिससे दर्द और असुविधा बढ़ सकती है। इसलिए, पेट के अल्सर के मरीजों को हल्दी वाले दूध से बचना चाहिए।

5) हल्दी से एलर्जी हो तो बरते सावधानी

कुछ लोगों को हल्दी से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर लाल धब्बे, खुजली और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हल्दी में कुछ तत्व होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे ये समस्याएं हो सकती हैं।

अगर आपको हल्दी से एलर्जी है, तो हल्दी वाला दूध आपके लिए सुरक्षित नहीं है। इससे आपको सूजन, खुजली और गंभीर मामलों में सांस लेने में बहुत कठिनाई हो सकती है। इसलिए, हल्दी से एलर्जी वाले लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

6) लो ब्लड शुगर के मरीज ले डॉक्टर की सलाह 

हल्दी ब्लड शुगर को कम करने में मदद करती है, जो सामान्यतः डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन, अगर आपकी ब्लड शुगर पहले से ही कम है, तो हल्दी वाला दूध इसे और भी कम कर सकता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

हाइपोग्लाइसीमिया में ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो जाता है, जिससे चक्कर आना, कमजोरी, पसीना आना, और यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है। इसलिए, अगर आपको लो ब्लड शुगर की समस्या है, तो हल्दी वाले दूध का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लें।

7) सेंसिटिव डाइजेस्टिव सिस्टम और मुंह में छाले 

जिन लोगों को संवेदनशील पाचन और मुंह में छालों की समस्या होती है, उन्हें नहीं पीना चाहिए हल्दी वाला दूध । हल्दी का सेवन पाचन तंत्र को उत्तेजित (irritate) कर सकता है, जिससे पेट में गैस, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, हल्दी में मौजूद तत्व मुंह के छालों को और भी संवेदनशील बना सकते हैं, जिससे जलन और दर्द बढ़ सकता है। 

निष्कर्ष

हल्दी वाला दूध एक पोषक और स्वास्थ्यवर्धक पेय है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह हानिकारक हो सकता है। यदि आप इनमें से किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो हल्दी वाले दूध का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें। सही जानकारी और सावधानी से इसका सेवन करें और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें।

FAQs

क्या हल्दी बीपी बढ़ाती है?

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। कुछ शोध बताते हैं कि हल्दी रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, लेकिन यह बीपी बढ़ाने का कारण नहीं बनती। हल्दी का नियमित और सीमित सेवन रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।

क्या हल्दी वाला दूध एंटी-इंफ्लेमेटरी है?

हाँ, हल्दी वाला दूध एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन को कम करने में मदद करता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द और अन्य सूजन संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है

क्या हल्दी किडनी और लीवर पर सख्त होती है?

हल्दी का उचित मात्रा में सेवन किडनी और लीवर के लिए फायदेमंद होता है। यह शरीर को डिटॉक्स करने और लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। हालांकि, अत्यधिक सेवन किडनी और लीवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही लें।

क्या हल्दी से ब्लीडिंग बढ़ती है?

हल्दी में खून को पतला करने वाले गुण होते हैं, जिससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप खून पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं या किसी सर्जरी के बाद हैं, तो हल्दी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

क्या हल्दी पेशाब का रंग बदलती है?

हाँ, हल्दी का सेवन पेशाब के रंग को थोड़ा पीला या गहरा कर सकता है। यह सामान्य है और हल्दी में मौजूद करक्यूमिन के कारण होता है। यह कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है।

क्या हमें गर्मी में हल्दी वाला दूध पीना चाहिए?

गर्मी में हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए क्योंकि हल्दी की तासीर गर्म होती है, जो गर्मियों में अधिक गर्मी पैदा कर सकती है। इसके बजाय, आप हल्दी को ठंडे पेय या हल्की मात्रा में उपयोग कर सकते हैं।

क्या हल्दी से प्लेटलेट काउंट बढ़ता है?

हल्दी का सेवन प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में सहायक हो सकता है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। लेकिन, इसका असर व्यक्ति पर निर्भर करता है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श करना उचित होगा।

क्या सर्जरी के ठीक बाद हल्दी ले सकते हैं?

सर्जरी के ठीक बाद हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह खून को पतला कर सकती है और ब्लीडिंग का खतरा बढ़ा सकती है। सर्जरी के बाद हल्दी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

क्या हल्दी वाला दूध लूज मोशन का कारण बनता है?

कुछ लोगों को हल्दी वाले दूध का सेवन करने से लूज मोशन हो सकता है, खासकर यदि उनकी पाचन प्रणाली संवेदनशील हो। अगर आपको ऐसा होता है, तो हल्दी का सेवन कम करें या इसे पूरी तरह से बंद कर दें

क्या हल्दी वाला दूध वजन बढ़ाने का कारण बनता है?

हल्दी वाला दूध वजन बढ़ाने का कारण नहीं बनता। वास्तव में, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा दे सकता है और वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, दूध की कैलोरी को ध्यान में रखते हुए इसका सेवन करें।

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