आयुर्वेद का चमत्कारी हर्ब: शतावरी और उसके 16 अनोखे फायदे!
शतावरी, जिसे आयुर्वेद में ’सर्वोत्तम उपहार’ माना जाता है, वह एक प्राकृतिक औषधि है जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। इस लेख में, हम शतावरी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे, जैसे कि इसके पोषण मूल्य, उपयोग, और इसके अनेक फायदे। इसके अलावा, हम शतावरी से संबंधित विभिन्न उत्पादों और उनके सेवन के तरीकों का भी वर्णन करेंगे। इस लेख का उद्देश्य शतावरी के विभिन्न आयुर्वेदिक लाभों को समझाना और इसके सेवन से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को बताना है।
शतावरी क्या हैं | What is Asparagus in Hindi
शतावरी एक प्राकृतिक (नेचुरल) औषधि है जिसे English में Asparagus और वैज्ञानिक भाषा में एस्पेरेगस रेसिमोसस कहते है।
Asparagus racemosus (सतावर, शतावरी, या शतमुल, शतावरी) शतावरी की एक प्रजाति है जो मूल रूप से अफ्रीका से दक्षिणी एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप सहित उत्तरी ऑस्ट्रेलिया तक फैली हुई है।यह 1-2 मीटर (3 फीट 3 इंच – 6 फीट 7 इंच) लंबा होता है और बजरीली, चट्टानी मिट्टी में जड़ें जमाना पसंद करता है।
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में शतावरी का उपयोग लम्बे समय से होता आ रहा है। इसे \’एडैप्टोजेनिक हर्ब\’ भी कहते है, यह हर्ब हमें स्ट्रेस से बचाता है। खासकर, यह महिलाओं(women) के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
शतावरी की जड़ें सफेद, लम्बी और पतली होती हैं। इन जड़ों को सुखाकर पीसा जाता है, जिससे शतावरी पाउडर (shatavari powder) तैयार होता है। यह स्वाद में मीठा और थोड़ा कड़वा होता है। इसके सेवन से हमारा शरीर और मस्तिष्क दोनों ही मजबूत बनते हैं।
शतावरी का पौधा कैसा होता है
शतावरी के गोल छोटे बीज (shatavari seeds) से नए पौधे उगते हैं। यह काँटेदार लता की तरह होता है जिसकी लंबाई दो मीटर तक हो सकती है। इसकी जड़ें गुच्छों में होती हैं। हरी-भरी पत्तियाँ इसके ऊपरी हिस्से में उगती हैं और फूल (shatavari flower) सफेद रंग के होते हैं। यह आयुर्वेद में महत्वपूर्ण है।
शतावरी की खेती | Asparagus cultivation
सतावर की खेती भारत के विभिन्न प्रदेशों में बड़े पैमाने पर की जाती है। उत्तर प्रदेश केसीतापुर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, बदायूं, लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, और इलाहाबाद जिलों में खेती विशेष रूप से होती है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, और राजस्थान में भी सतावर की खेती होती है। भारत के बाहर, नेपाल में भी इसकी खेती प्रमुख रूप से होती है।
शतावरी उत्पाद | Asparagus Products
शतावरी प्लांट (shatavari plant) की जड़ से कई प्रकार की आयुर्वेदिक उत्पाद(product) तैयार किए जाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख चीजें हैं जो शतावरी प्लांट की जड़ से बनती हैं:
- शतावरी चूर्ण(shatavari churna): शतावरी की सूखी जड़ों को पीसकर चूर्ण बनाया जाता है।
- शतावरी घृत(shatavari ghrita): यह घी शतावरी की जड़ का काढ़ा मिलाकर बनाई जाती है।
- शतावरी तेल(shatavari oil): शतावरी की जड़ को तेल में मिलाकर शतावरी तेल तैयार किया जाता है।
- शतावरी टेबलेट और कैप्सूल(shatavari tablet and capsule ): आजकल, शतावरी का चूर्ण टेबलेट और कैप्सूल फॉर्म में भी उपलब्ध है।
- शतावरी सिरप(shatavari syrup): शतावरी सिरप एक आयुर्वेदिक ड्रिंक है जिसमें शतावरी की जड़ का रस होता है।
चाहे आप इसे अपने खाने में मिलाना पसंद करते हो, सप्लीमेंट के रूप में लेना पसंद करते हो, या तरल रूप में इसका उपयोग करना पसंद करते हो, हर जरूरत के अनुसार शतावरी का उत्पाद उपलब्ध है।
शतावरी का पोषण मूल्य | Nutritional Value of Shatavari
पोषक तत्व (Nutrient) | मात्रा (Quantity per 100g) |
---|---|
शतावरी में प्रति 100 ग्राम | 20 किलोकैलोरी (kcal) ऊर्जा |
जल (Water) | 93.22g |
ऊर्जा (Energy) | 20 kcal |
प्रोटीन (Protein) | 2.20g |
वसा (Fat) | 0.12g |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) | 3.88g |
डाइटरी फाइबर (Dietary Fiber) | 2.1g |
चीनी (Sugar) | 1.88g |
मिनरल्स (Minerals) | |
कैल्शियम (Calcium) | 24mg |
लोहा (Iron) | 2.14mg |
मैग्नेशियम (Magnesium) | 14mg |
फॉस्फोरस (Phosphorus) | 52mg |
पोटैशियम (Potassium) | 202 mg |
सोडियम (Sodium) | 2mg |
जिंक (Zinc) | 0.54mg |
विटामिन्स (Vitamins) | |
विटामिन सी (Vitamin C) | 5.6mg |
थायमिन (Thiamin) | 0.143mg |
रिबोफ्लेविन (Riboflavin) | 0.141mg |
नियासिन (Niacin) | 0.978mg |
विटामिन बी6 (Vitamin B6) | 0.091mg |
फोलिक एसिड (Folic Acid) | 52μg |
विटामिन बी12 (Vitamin B12) | 0.00μg & 0IU |
विटामिन ए (Vitamin A) | 38μg & 756IU |
विटामिन ई (Vitamin E) | 1.13mg |
विटामिन डी (Vitamin D) | 0.0μg & 0IU |
विटामिन के (Vitamin K) | 41.6μg |
वसा (Fats) | |
संघनाक एसिड (Saturated Fat) | 0.040g |
मोनोंसत्त्वाक (Mono-Unsaturated) | 0.000g |
पॉलिंसत्त्वाक (Poly-Unsaturated) | 0.050g |
ट्रांस एसिड (Trans Fats) | 0.000g |
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) | 0mg |
शतावरी के 16 अनोखे फायदे
1) पाचन तंत्र के लिए शतावरी चूर्ण खाने के फायदे | Shatavari Churna Benefits for digestive system
शतावरी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसमें सपोनिन नामक यौगिक होते हैं, जो पेट में एसिडिटी और जलन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, शतावरी में पाए जाने वाले प्रेबायोटिक गुण हमारे पेट के अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ावा देने में सहायक हैं। यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है और पेट संबंधित समस्याओं से बचाव में मदद करता है।
2) इम्यूनिटी बूस्टर शतावरी पावडर | Immunity Booster
शतावरी में विटामिन C, जिंक और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। विटामिन C शरीर के हानिकारक रेडिकल्स को नष्ट करता है। इसके अलावा,जिंक और आयरन हेमोग्लोबिन को बढ़ाता हैं। शतावरी सेवन करने से हमारी इम्यूनिटी में सुधार होता है, जिससे हम अनेक बीमारियों और संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं।
3) शतावरी के फायदे वजन घटाने में | Shatavari for weight loss
वजन घटाने के लिए सही खान-पान जरूरी है। फाइबर और कम कैलोरी वाला खाना फायदेमंद है। शतावरी इसमें मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर होता है। फाइबर से पेट जल्दी भरता है और ज्यादा भूख नहीं लगती। इससे, शतावरी वजन घटाने में मदद कर सकती है।
4) पथरी और मूत्र संक्रमण के लिए शतावरी के फायदे | For kidney stone and Urine infection
शतावरी एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक (यूरिन बढ़ाने वाला) है। इसका मतलब है यह अतिरिक्त पानी और ज़हरीले पदार्थ निकालने में मदद करती है। यह हमारे यूरिनरी सिस्टम को साफ और स्वस्थ रखती है, और गुर्दे की पथरी का आकार भी छोटा करती है। अगर हम शतावरी लें, तो यूरिन इन्फेक्शन से भी बच सकते हैं।
5) शतावरी त्वचा के लिये | For skin
शतावरी त्वचा के स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। इससे त्वचा की झुर्रियाँ, फाइन लाइन्स और पिंपल्स कम होते हैं और त्वचा में युवापन आता है।इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की हीलिंग प्रक्रिया को तेज करते है, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है।
6) बालों के लिए शतावरी के फायदे | Shatavari for hair
शतावरी में विटामिन E की उचित मात्रा होती है, जो बालों का झड़ना कम करता है और उन्हें नमी प्रदान करके मजबूत और चमकदार बनाता है। इसके अलावा, यह सिर की त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है और रूसी समस्या को भी दूर करता है।
7) शतावरी के फायदे थायराइड के लिए | Shatavari for thyroid
शतावरी थायरॉयड के लिए उपयोगी हो सकता है क्योंकि यह शरीर में हार्मोनों का संतुलन बनाए रखता है। असंतुलित हार्मोन थायरॉयड की समस्याओं का कारण बन सकते हैं। शतावरी में पाए जाने वाले जिंक से थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन सही रहता है। जिंक शरीर के सही से काम करने के लिए जरूरी होता है।
8) शतावरी खाने के फायदे मस्तिष्क के लिए | Shatavari benefits for brain
शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए लाभकारी है। इसके सेवन से सोचने की शक्ति और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।जिन लोगों को जल्दी गुस्सा आता है , चिड़चिड़ापन या अकेलापन महसूस होता है, उनके लिए भी यह उपयोगी है।
शतावरी में विटामिन B होता है जो दिमाग की सेहत को बनाए रखता है जिससे याददाश्त मजबूत होती है,और व्यक्ति की मानसिक स्थिति में बेहतरी आती है।
9) अनिद्रा में शतावरी पाउडर के लाभ | Shatavari for Good Sleep
शतावरी स्ट्रेस और चिंता को दूर करता है, जिससे आपको गहरी नींद आती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त होती है। इसके अलावा, शतावरी में मैग्नीशियम और विटामिन B होते हैं जो शरीर को आराम पहुँचाते हैं।
10) हृदय स्वास्थ्य में लाभकारी शतावरी | Shatavari for heart
शतावरी दिल के लिए अच्छी है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकती है और हृदय को मजबूत बना सकती है। इससे दिल की धड़कन ठीक रहती है और रक्त का सही प्रवाह होता है।वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि शतावरी के अंदर पाए जाने वाले गुण हृदय की समस्याओं से बचाव में सहायक हो सकते हैं।अगर आप अपने दिल की सेहत का ध्यान रखना चाहते हैं, तो शतावरी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फिर भी, किसी भी समस्या पर इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
11) शतावरी के लाभ आंखों के लिए | Shatavari for eyes
शतावरी आंखों के लिए अच्छी है। इसमें विटामिन A होता है, जो आंखों की रौशनी को बेहतर बना सकता है। यह आंखों में जलन और सूजन को कम करती है। शतावरी के अंदर के एंटीऑक्सीडेंट आंखों को स्वस्थ रखते हैं।
12) कैंसर से बचाव | Shatavari in Cancer
एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर के अंदर के हानिकारक रैडिकल्स को नष्ट करने में मदद करते हैं। ये रैडिकल्स जब हमारे डीएनए को बिगाड़ते हैं, तो बड़ी बीमारियाँ जैसे कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। कई अध्ययन साबित करते हैं कि शतावरी में कैंसर से बचाव के गुण पाए जाते हैं।
ध्यान दे: शतावरी कैंसर का इलाज नहीं है।
13) शतावरी मधुमेह मे | Asparagus in diabetes
शतावरी, एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करती है। इसमें फ्लावोनॉयड्स और स्टेरॉयडल सैपोनिन्स जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर में शुगर को नियंत्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त, शतावरी में पॉलीफेनोल्स भी होते हैं। अनेक अध्ययन से पता चला है कि पॉलीफेनोल्स न केवल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं, बल्कि टाइप 2 डायबिटीज को भी नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
14) शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए | Shatavari benefits for female
शतावरी, एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी, महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। महिलाओं के लिए शतावरी को जीवनी शक्ति भी कहा जाता है। यह महिलाओं के हॉर्मोनल संतुलन में सहायक है, जिससे मासिक धर्म की समस्याएं कम होती हैं।
इसके अलावा, यह गर्भावस्था के समय और उसके बाद के लक्षणों को भी कम करता है। शतावरी में ऐंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ बनाए रखते हैं। इसके रेगुलर सेवन से स्तन का दूध भी बढ़ सकता है। हालांकि, किसी भी सप्लीमेंट या जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
15) शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए | Shatavari for men
शतावरी का सेवन मुख्यतः महिलाओं के स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है, लेकिन शतावरी का सेवन पुरुष भी कर सकते है। बॉडी बिल्डिंग में शतावरी सहायक साबित होती है क्योंकि यह मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती है। इसका सेवन से शरीर को अधिक पोषण मिलता है, और मांसपेशियों की मजबूती भी बढ़ती है।
शतावरी से शरीर को ज्यादा ऊर्जा मिलती है। इसके साथ-साथ, यह टेस्टोस्टेरोन के संतुलन में भी सहायक होता है। शतावरी पुरुषों में शुक्राणुओं की बेहतर गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि कर सकती है, जिससे उनका प्रजनन स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। यह उन्हें स्ट्रेस और थकावट से मुक्ति पाने में भी मदद करता है।
16) बच्चों के लिए शतावरी | Shatavari benefits for children
शतावरी, बच्चों के लिए भी फायदेमंद होती है। यह पाचन प्रक्रिया को सुधार सकती है और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत कर सकती है। शतावरी से बच्चों में ऊर्जा और उत्साह भी बढ़ सकता है। यह बच्चों के मानसिक विकास में भी सहायक होती है और स्नायुविकार (\”Neurological Disorder\”) से बचाव में भी मदद करती है।
गाइडलाइन्स:
- मात्रा: बच्चों के लिए शतावरी की उपयुक्त मात्रा का चयन करते समय सावधानी बरतें।
- डॉक्टर की सलाह: शतावरी या किसी भी जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले पेडियाट्रिशियन से सलाह अवश्य लें।
- साइड इफेक्ट्स: किसी भी प्रकार के असामान्य प्रतिक्रिया या साइड इफेक्ट की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
शतावरी के फायदों को देखते हुए, बहुत से माता-पिता इसे अपने बच्चों के लिए चुन सकते हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि उपयोग से पहले सही जानकारी और पेशेवर सलाह हो।
शतावरी का उपयोग – How to Use Asparagus in Hindi
शतावरी का उपयोग प्रमुख रूप से औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है, लेकिन इसका सेवन भी किया जाता है। यहां शतावरी के सेवन के कुछ प्रमुख तरीके दिए गए हैं:
- शतावरी का ताजा जूस पी सकते हैं, जिसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं ।
- शतावरी को हरी सलाद में मिलाकर भी खाया जा सकता है।
- आप शतावरी को भूनकर(रोस्टेड)भी खा सकते हैं।
- शतावरी को अचार और स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं।
- शतावरी की चाय बना सकते हैं।
शतावरी का अचार रेसिपी
सामग्री: Indigents
- शतावरी की जड़ें – 250 ग्राम
- सरसों का तेल – 1 कप
- सरसों के दाने, जीरा, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, नमक
- अदरक-लहसुन का पेस्ट – 2 छोटे चम्मच
- अचार का मसाला – 2 छोटे चम्मच
- विनेगर – 2 बड़े चम्मच
विधि: Recipe
- शतावरी की जड़ों को धोकर टुकड़ों में काट लें।
- तेल गर्म करें, सरसों के दाने और जीरा डालें।
- हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, अदरक-लहसुन पेस्ट और अचार का मसाला डालकर मिलाएं।
- शतावरी डालें, नमक और विनेगर डालकर मिला लें।
- ठंडा होने पर जार में भर दें।
“कुरकुरा ऐस्पैरागस” बनाने की रेसिपी:
सामग्री: Indigents
- ताजा ऐस्पैरागस – 250 ग्राम
- नमक – स्वाद अनुसार
- काली मिर्च पाउडर – ½ छोटी चम्मच
- तेल या मक्खन – 2 बड़े चम्मच
विधि: Recipe
- ऐस्पैरागस को धो कर अगला और पिछला हिस्सा काट दें।
- एक पैन में तेल या मक्खन गरम करें।
- ऐस्पैरागस को पैन में डालें और मध्यम आंच पर 5-7 मिनट तक सेंकें जब तक वह कुरकुरा और सुनहरा न हो जाए।
- नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- वैकल्पिक रूप से, ऊपर से लेमन रस डालें।
- इस तरह, आपका आसान और ताजा \”कुरकुरा ऐस्पैरागस\” तैयार है! इसे अपनी पसंदीदा चटनी या सॉस के साथ सर्व करें।
शतावरी टी रेसिपी:
सामग्री: Indigents
- शतावरी पाउडर – 1 छोटी चम्मच
- पानी – 1 कप (250 मिलीलीटर)
- शहद – स्वाद अनुसार (वैकल्पिक)
- तुलसी पत्तियां – 2 से 3 (वैकल्पिक)
- अदरक – एक छोटा टुकड़ा, कद्दुकस किया हुआ (वैकल्पिक)
विधि: Recipe
- पानी को एक पैन में डालें और उसे उबालने के लिए रख दें।
- जब पानी अच्छी तरह से उबलने लगे, तो उसमें शतावरी पाउडर डाल दें।
- अदरक और तुलसी पत्तियां भी डाल सकते हैं अधिक स्वाद और फायदे के लिए।
- इस मिश्रण को 5-7 मिनट तक मध्यम आंच पर पकाएं।
- अब चाय को चलने से छान लें और एक कप में डालें।
NOTE : हृदय रोग में शतावरी की चाय फायदेमंद हो सकती है।
शतावरी कैसे खाएं और शतावरी कब खाना चाहिए | Shatavari kaise khaye or kab khaye
शतावरी हमें बाजार में आसानी से मिल जाती है, और इसे अपनी दैनिक दिनचर्या (daily routine) में जोड़ना बहुत ही आसान है। इस जड़ी-बूटी को हम गोलियां, चूर्ण या तरल रूप में ले सकते हैं। इसकी सही खुराक कितनी होनी चाहिए, यह इसके प्रकार पर आधारित है। हमें हमेशा पैकेट पर दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए, या डॉक्टर से सही मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।
शतावरी के नुकसान | Shatavari ke side effects in Hindi
शतावरी को आमतौर पर अधिकांश व्यक्तियों के लिए सुरक्षित माना जाता है,परंतु shatavari ke nuksan और जोखिमों के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है।
- गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाएं: इन्हें शतावरी लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- अन्य बीमारियाँ और दवाएँ: शतावरी किसी अन्य दवाओं के साथ इंटरेक्ट कर सकती है, और इसका उपयोग करते समय इसके संभावित इंटरेक्शन के बारे में ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
Note: पहली बार जब शतावरी लें, तो थोड़ी मात्रा में लें और धीरे-धीरे बढ़ाएं।
निष्कर्ष | Conclusion
शतावरी, एक प्राचीन जड़ी-बूटी, कई रूपों में उपलब्ध है जैसे शतावरी पाउडर, शतावरी चूर्ण, शतावरी टैबलेट और शतावरी घृत। इन सभी रूपों में सेहत संबंधित फायदे होते हैं, और इसका मुख्य कारण शतावरी के अद्वितीय औषधीय गुण हैं।
चाहे कोई भी रूप में भी हो, शतावरी सेहत को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह न केवल ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का भी समाधान देता है।
याद रखें, कोई भी नया सप्लीमेंट शुरू करने या अपनी दिनचर्या में महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले हमेशा एक विशेषज्ञ या चिकित्सक से सलाह लें।
FAQs:
शतावरी का असर कितने दिन में होता है?
शतावरी का असर व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर 1-2 हफ्ते में दिखाई देना शुरू होता है।
शतावरी लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?
शतावरी का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट या रात को सोने से 1 घंटे पहले होता है।
शतावरी की तासीर क्या होती है?
शतावरी की तासीर ठंडी होती है। यह पित्त और वात को शांत करती है और कफ की मात्रा को बढ़ा सकती है।
क्या शतावरी से वजन बढ़ सकता है?
पतलेपन की समस्या वाले लोग शतावरी दूध पी सकते हैं। शतावरी में पोषक तत्व होते हैं जो वजन बढ़ाने में सहायक हैं। रोज गर्म दूध में इसका पाउडर मिलाकर पीएं।
क्या शतावरी को खाली पेट ले सकते हैं?
शतावरी को सुबह खाली पेट शहद के साथ लेने से फायदा होता है। इसका सेवन से डायरिया (लूज मोशन )
जैसी समस्या से राहत मिल सकती है।
शतावरी कितने दिन खाना चाहिए?
शतावरी का उपयोग व्यक्ति की जरूरत अनुसार होता है। यदि आप इसे लंबे समय तक और किसी रोग के उपचार में लेना चाहते हैं, तो डोज के बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
शतावरी (Shatavari) का रेट क्या है?
सतावर का वर्तमान मूल्य जानने के लिए आप ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर जांच सकते हैं। कई बार, आपको वहाँ पर छूट और ऑफर्स के साथ उत्पाद मिल सकता है।पतंजलि वेबसाइट के अनुसार, उनका शतावर चूर्ण (100 ग्राम) कीमत 160 रुपए में उपलब्ध है।
शतावरी कितने प्रकार के होते हैं?
शतावरी के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं जो उसके रंग के आधार पर विभाजित किए जाते हैं:
श्वेत शतावरी (White Shatavari): यह सबसे आम प्रकार का शतावरी है और इसके जड़ें सफेद रंग की होती हैं।
पीला शतावरी (Yellow Shatavari): इसके जड़ें पीले रंग की होती हैं।
बैंगनी शतावरी (purple Shatavari): यह प्रकार कम ही पाया जाता है और इसके जड़ें बैंगनी रंग की होती हैं।
सबसे अच्छा शतावरी कौन सा है?
आयुर्वेद में, श्वेत शतावरी (White Shatavari) को सबसे अधिक उपयोगी माना जाता है।
पीली शतावरी क्या काम आती है?
पीली शतावरी शरीर को ताकत देती है, स्ट्रेस कम करती है, और विटामिन C का एक महत्वपूर्ण स्रोत होती है।