How to improve memory power

याददाश्‍त में सुधार करने के 7 सटीक तरीके – भूल जाने की आदत से छुटकारा पाएं

चाहे आप एक विद्यार्थी हों, कार्यरत व्यक्ति हों या बुजुर्ग, एक मजबूत और तेज याददाश्त हर किसी के लिए जरूरी है। लेकिन अक्सर हम कभी परीक्षा में प्रश्न के उत्तर भूल जाते हैं तो कभी अपनी मीटिंग की तारीख। यदि आप भी इस तरह की परेशानी से गुजर रहे हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए ही है। हम आपको वे सभी टिप्स और ट्रिक्स बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपने दैनिक जीवन में भूलने की समस्या को कम कर सकते हैं और अपनी याददाश्त को और भी प्रभावी बना सकते हैं। तो चलिए, देखते हैं कैसे।

How to increase memory

याददाश्त कमजोर होने के लक्षण

जरूरी बातें जैसे किसी का नाम, जन्मदिन या महत्वपूर्ण घटनाओं को भूल जाना, रोज़मर्रा की चीज़ें जैसे कि चाबियाँ, मोबाइल फोन या चश्मा कहाँ रखा था यह याद न रहना, बातचीत के दौरान सही शब्द न सूझना, और एक ही बात को बार-बार पूछना या दोहराना ये सभी याददाश्त कमजोर होने के सामान्य लक्षण हैं। 

लेकिन ध्यान दें, अगर कभी-कभी आप कुछ चीजें भूल जाते हैं तो यह सामान्य हो सकता है। हमें अपनी याददाश्त के कमजोर होने का विचार तब करना चाहिए जब ये समस्याएँ अक्सर और लगातार होने लगें।

आज के तेजी से प्रतिस्पर्धी दौर में, मेमोरी को बढ़ाने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक जटिल बन गई है। चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना हो या करियर में ऊँचाइयों को छूना, हर क्षेत्र में एक उच्च कोटि की याददाश्त जरुरी हैं। 

याददाश्त तेज कैसे करें | How to improve Memory power

आइये जानते है, याददाश्त को तेज करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी तरीके :

1) भरपूर नींद का योगदान

नींद हमारे शरीर और मन की रिपेयर और रिलैक्स करने की प्रक्रिया है जो कि मेमोरी शार्पनेस को बढ़ावा देने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। Harvard के अध्ययनों से यह पता चलता है कि अच्छी नींद लेना और उसकी प्रचुरता आपकी याददाश्त को मजबूती प्रदान करती है और सीखने की क्षमता को भी सुधारती है।

नींद और स्मृति नवीनीकरण

जब आप सोते हैं, आपका मस्तिष्क दिन भर की घटनाओं और सीखी गई जानकारी को पुनर्व्यवस्थित करता है, जिससे आपकी नींद और याददाश्त का सीधा संबंध बनता है। यह प्रक्रिया स्मृति निर्माण, अर्थात ’मेमोरी कंसोलिडेशन’ में सहायता करती है। स्थायी याददाश्त की प्रक्रिया रात्रि के उचित आराम के साथ मजबूत होती है।

अच्छी नींद के लिए सुझाव

  • नियमित समय पर सोने का प्रयास करें।
  • बिस्तर को सिर्फ सोने के लिए समर्पित रखें, टीवी देखने और मोबाइल इस्तेमाल करने से बचें।
  • सुखदायक रिलैक्सेशन तकनीकें, जैसे ध्यान और गहरी सांस लेना, अपनाएं।
  • शरीर को मानसिक रूप से रिलैक्स बनाने के लिए बिस्तर से पहले का समय हल्के फुल्के पढ़ने या म्यूजिक सुनने में बिताएं।

उपरोक्त सुझावों को अपनाकर आप नींद की गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं, जिससे आपकी याददाश्त और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होगी। आपका मन अधिक चुस्त और तरोताज़ा महसूस करेगा, जिससे मेमोरी शार्पनेस में सुधार होगा।

2) याददाश्त को तेज करने के लिए खाना

आपका दिनचर्या और आहार किसी भी दूसरे स्वास्थ्य उपाय से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होते हैं जब बात आती है ब्रेन फूड्स की। एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स आपकी स्मृति और बौद्धिक क्षमता को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। आइए जाने, ये पोषक तत्व युक्त खाद्य पदार्थ कौन-कौन से हैं।

याददाश्त बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ

इस श्रेणी में आने वाले खाद्य पदार्थ न केवल आपके दिमाग को पोषित करते हैं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य को भी लाभान्वित करते हैं। NCBI के अनुसार, निम्न खाद्य पदार्थ विशेष रूप से ब्रेन फूड्स माने गए हैं:

  • हरे पत्तेदार सब्जियां: केल, पालक, कोलार्ड, और ब्रोकोली में विटामिन के, ल्यूटिन, फोलेट, और बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये तत्व मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाते है।
  • फैटी मछलीओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछलियां जैसे कि सैल्मन, कॉड, और पोलाक, मस्तिष्क की कोशिकाओं के विकास और मरम्मत में महत्वपूर्ण होती हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड, अल्जाइमर रोग से संबंधित बीटा-एमिलॉइड प्रोटीन के स्तर को कम करते हैं, जिससे याददाश्त बेहतर होती है।
  • जामुन: ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी आदि में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स मस्तिष्क की उम्र बढ़ने के प्रक्रिया को धीमा करते हैं और स्मृति में सुधार करते हैं। ये जामुन मस्तिष्क की कोशिकाओं की रक्षा और पुनर्जीवित करने में मदद करते हैं।
  • चाय और कॉफीग्रीन टी , कैफीन पीने से हमारा ध्यान बढ़ता है और नई यादें अच्छी तरह बनती हैं, साथ ही हमारा दिमाग भी तेज होता है।
  • अखरोट: अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेषकर अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए), मस्तिष्क की कोशिकाओं की मरम्मत और विकास में महत्वपूर्ण होते हैं। अखरोट खाने से हमारा दिमाग अच्छा काम करता है और याददाश्त भी बेहतर होती है, क्योंकि इसमें अच्छे फैट और प्रोटीन होते हैं।
  • अलसी के बीज: अलसी बीज में मौजूद आल्फा-लिनोलेनिक एसिड और फाइबर से याददाश्त को बढ़ावा मिलता है और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • एवोकाडो: एवोकाडो याददाश्त में सुधार करने में मदद करता है क्योंकि इसमें मोनोऑनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होते हैं, और यह खून की सिरकुलेशन को भी बेहतर बनाता है।

हेल्दी डाइट के फायदे

पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी डाइट आपके दिमागी स्वास्थ्य को कई तरह से सुधारती है, स्वस्थ आहार लेने से हमारे मानसिक संतुलन में सुधार होता है और नाव कम होता है। इससे स्मृति और सीखने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। जब हम पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाते हैं, तो हमारा दिमाग अधिक कार्यक्षमता से काम करता है, जिससे हमारे ध्यान और फोकस में भी बेहतरी आती है। साथ ही, ऐसे आहार से ब्रेन फॉग कम होता है और स्पष्ट सोच में भी सुधार होता है। इस प्रकार, संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन हमारे मस्तिष्क की समग्र स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

इसलिए, याददाश्त और दिमागी शक्ति को तेज करने के लिए अपने दैनिक आहार में एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे आपका समग्र स्वास्थ्य भी सुधरेगा और आप एक सक्रिय एवं स्वस्थ जीवनशैली का अनुभव करेंगे।

3) मेडिटेशन और योग की भूमिका

अपनी याददाश्त के विकास के लिए, आपने निश्चित ही मेडिटेशन फॉर मेमोरी की महत्वपूर्णता के बारे में सुना होगा। माइंडफुलनेस और ध्यान तकनीकों को अपनाने से ध्यान से याददाश्त में सुधार होने के साक्ष्य हैं। ये तकनीकें आपके मस्तिष्क को वर्तमान क्षण में केंद्रित रखने में मदद करती हैं, जिससे मानसिक उलझनें कम होती हैं और याददाश्त मजबूत होती है।

माइंडफुलनेस को दैनिक जीवन में शामिल करके, आप सूक्ष्मता से वर्तमान पल के प्रति सजग रह सकते हैं, जिसे प्रेजेंट मोमेंट अवेयरनेस कहा जाता है। इससे एकाग्रता में वृद्धि होती है और परिणामस्वरूप, याददाश्त की मजबूती भी।

  • एक शांतिपूर्ण स्थान पर नियमित रूप से ध्यान लगाने से मन की एकाग्रता बढ़ती है, जो स्मृति में सुधार में सहायक होती है।
  • अपनी सांसों पर ध्यान देना, जैसे कि उनकी गति और गहराई, मस्तिष्क को वर्तमान क्षण में केंद्रित रखता है, जिससे याददाश्त और ध्यान में सुधार होता है।
  • अपने शरीर की संवेदनाओं के प्रति जागरूक रहने से स्मृति बेहतर होती है।

नियमित योगाभ्यास भी मेमोरी इम्प्रूवमेंट में कारगर सिद्ध हुआ है। योग की विविध मुद्राएं और आसन न केवल शरीर के लिए, बल्कि दिमागी स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। योग के अभ्यास से शरीर और मन दोनों में सामंजस्य स्थापित होता है, जिससे सामर्थ्य और सहनशीलता में वृद्धि होती है। कुछ योगासन जो याददाश्त में सुधार करने में मदद करते हैं

  • पद्मासन (लोटस पोज): यह आसन शांति और एकाग्रता को बढ़ाता है। जब हम पद्मासन में बैठते हैं, तो हमारा मन शांत होता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है, जिससे याददाश्त में सुधार होता है।
  • सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड): इस आसन से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है, खासकर मस्तिष्क की ओर। बेहतर रक्त संचार से मस्तिष्क स्वस्थ रहता है और इससे स्मृति शक्ति भी बढ़ती है।
  • भ्रामरी प्राणायाम (बी ब्रीदिंग): इस प्राणायाम से तनाव कम होता है और मन की प्रकाशिता बढ़ती है। जब हमारा मन शांत और स्थिर होता है, तो हमारी याददाश्त बेहतर होती हैं।

4) एक्सरसाइज

शारीरिक व्यायाम न सिर्फ आपको फिजिकल एक्टिवीटी के माध्यम से fit रखता है, बल्कि ब्रेन हेल्थ को भी सुधारता है। एक एक्टिव लाइफस्टाइल से आपकी कार्यक्षमता और याददाश्त दोनों में ही वृद्धि होती है। नियमित व्यायाम करने से न केवल आपके शरीर की मसल्स मजबूत होती हैं, बल्कि मस्तिष्क में रक्त संचार भी सुधरता है। यह बेहतर रक्त संचार मस्तिष्क को तरोताजा रखता है और नये न्यूरोन्स के निर्माण को भी प्रोत्साहन देता है।

कार्डियोवास्कुलर व्यायाम, जैसे कि दौड़ना और स्विमिंग, हृदय की सेहत को सुधारता है और वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, जैसे कि वजन लिफ्टिंग, मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है। फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़, बैलेन्स एक्सरसाइज़ व्यायाम सेन्सरी-मोटर नेटवर्क को सुधारकर याददाश्त में सुधार कर सकता है

कई अध्ययनों ने दिखाया है कि व्यायाम से स्नायुरक्षाकारी प्रोटीन के निर्माण की अधिक सेक्रेशन होती है और न्यूरॉन्स की वृद्धि और विकास में सुधार होता है, जिससे मस्तिष्क की स्वास्थ्य में सुधार होता है।

5) नशे की लत से बना लें दूरी

वर्तमान समय में नशे से मुक्ति प्राप्त करना न केवल वैयक्तिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह याददाश्त की मजबूती और मन की स्थिरता के लिए भी अवश्य है। याददाश्त और नशा दोनों सीधे तौर पर आपस में जुड़े हुए हैं, और नशे की आदत से उत्पन्न होने वाले ब्रेन डैमेज का असर सीधा आपकी स्मृति पर पड़ता है।

नशे की लत से स्मृति कम हो सकती है और मानसिक क्रियाकलापों में कमी हो सकती है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि नशीले पदार्थों का दीर्घकालिक सेवन मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।

नशे की आदत से छुटकारा पाने पर आमतौर पर स्मृति में सुधार देखा जा सकता है। मानसिक सहायता और सही मार्गदर्शन के साथ, नशे की लत से मुक्ति संभव है।

यदि आप भी नशे की आदत को छोड़ना चाहते हैं और अपनी याददाश्त को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो आरंभिक कदम के रूप में समर्थन समूहों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों से सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है।

6) अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित करो

आपके जीवन में नए हॉबीज और दिमागी खेल एक महत्वपूर्ण योगदान हैं। हॉबी डेवलपमेंट और माइंड गेम्स के माध्यम से न केवल आपका दिमाग सक्रिय रहता है, बल्कि आपकी याददाश्त और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में भी सुधार होता है।

  • नए शौक और हॉबीज : जब आप नई चीजें सीखते हैं या नई हॉबीज का अभ्यास करते हैं, तो आपका मस्तिष्क नए न्यूरोनल पथ विकसित करता है, जो में सोचने के कौशल में वृद्धि करता है। कुछ हॉबीज जैसे कि संगीत वाद्ययंत्र बजाना, नई भाषा सीखना, या चित्रकारी, दिमाग को चुनौती देकर और नए कनेक्शन बनाकर स्मृति शक्ति को मजबूत करती हैं।
  • दिमागी खेल और पहेलियां : माइंड गेम्स जैसे कि पहेलियां, सुडोकू, या शतरंज खेलना, याददाश्त को तेज कर सकता है। यह खेल आपके लॉजिकल थिंकिंग और प्रॉब्लेम-सॉल्विंग कौशलों को विकसित करने के लिए एक मजेदार और कारगर तरीका प्रदान करते हैं।

7) अपने विटामिन बी का परीक्षण करवाएं

विटामिन बी में बी1 (थायमिन), बी6 (पायरिडॉक्सीन), और बी12 (कोबालामिन) जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मस्तिष्क के स्वस्थ फंक्शन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ये विटामिन बी के रूप में जाने जाते हैं और उनकी सही मात्रा की आवश्यकता होती है ताकि मस्तिष्क का संचालन ठीक से हो सके और याददाश्त में सुधार हो सके।

विटामिन बी युक्त आहार में ब्रोकोली, मूली, बन्द गोभी, सोया बीन्स, मूंग दाल, अंडे, और मछली जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं। इन आहारों को नियमित रूप से खाने से मस्तिष्क की स्वस्थ फंक्शनिंग को सहायक मिल सकता है और याददाश्त में सुधार हो सकता है।

याददाश्त बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा

आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग याददाश्त को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख और प्रमाणित तरीका हो सकता है, क्योंकि इनमें प्राकृतिक और जड़ी-बूटियों का संयोजन होता है जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

  1. ब्रह्मी: यह एक प्रमुख आयुर्वेदिक दवा है जिसे याददाश्त में सुधार के लिए प्रयोग किया जाता है। ब्रह्मी मस्तिष्क की क्रियाकलापों को सुधारने में मदद करती है और मानसिक चिकित्सा में उपयोगी होती है।
  2. अश्वगंधा: यह एक प्राकृतिक स्ट्रेस प्रबंधक है जो तंतु को शांत करता है और मानसिक स्थिति को सुधारता है। यह याददाश्त को स्थिर और सुधारता है.
  3. शंकपुश्पी: एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्मरणशक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से उपयोग किया जाता है। इसके सेवन से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और याददाश्त में सुधार हो सकता है।
  4. जतामांसी: यह दवाई तुरंत जागरूकता और मानसिक चिकित्सा में सुधार करने में मदद कर सकती है, जिससे याददाश्त में सुधार होता है।
  5. वच: यह दवाई मस्तिष्क के क्रियाकलापों को सुधारने में मदद करती है और स्मृति को बढ़ावा देती है।

याददाश्त को सुधारने के लिए इन आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग सही मात्रा और तरीके के साथ किया जाना चाहिए, और यदि आपको किसी चिकित्सक की सलाह की आवश्यकता है, तो उनसे परामर्श लेना अच्छा होता है। इससे मस्तिष्क का स्वास्थ्य सुरक्षित रूप से सुधार सकता है और याददाश्त में सुधार हो सकता है।

निष्कर्ष

इस लेख की चर्चा से हम समझ सकते हैं कि याददाश्त तेजी और स्मृति वृद्धि प्राप्त करना, कई महत्वपूर्ण पहलुओं का संगम है। आपके दैनिक जीवन में सही नियमों को अपनाना और संतुलित जीवनशैली की ओर अग्रसर होना, समग्र मानसिक स्वास्थ्य की प्राप्ति की दिशा में एक सशक्त कदम है।

चाहे वह पर्याप्त और गहरी नींद हो, या संतुलित आहार जिसमें आवश्यक पोषक तत्व शामिल हों, या फिर ध्यान और योग के जरिए मानसिक शांति – ये सभी आपके दिमागी स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। नियमित व्यायाम और शारीरिक सक्रियता भी एक मुख्य आधार है, जिससे स्मृति वृद्धि में सहायता मिलती है।

इसे ध्यान में रखते हुए, आप अपनी याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए उपरोक्त युक्तियों को अपनाएं और स्मृति के साथ-साथ आपके समग्र स्वास्थ्य को भी प्रोत्साहित करें।

FAQs

याददाश्त कमजोर होने का क्या कारण है?

याददाश्त कमजोर होने के कारणों में आयु, तनाव, अपोषण, नींद की कमी, और जीवनशैली की अस्वस्थता शामिल हो सकती हैं। इन कारणों से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है, जैसे कि प्रतिदिन की समय-समय पर व्यायाम, सही आहार, और पर्याप्त नींद का पालन करना। तनाव को कम करने के लिए मानसिक तंत्रों का पालन करना भी मददगार हो सकता है। अगर किसी को याददाश्त की समस्या है, तो उन्हें एक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए जिससे सही उपचार और सलाह प्राप्त हो सके।

पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा विटामिन कौन सा है?

पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा विटामिन विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स होता है। विटामिन बी के विभिन्न प्रकार (जैसे बी1, बी2, बी3, बी6, और बी12) मानसिक तंत्रों को स्थिर और मजबूत रखने में मदद करते हैं, जिससे पढ़ाई में अधिक ध्यान और याददाश्त की क्षमता बढ़ती है। इन विटामिनों के सही मात्रा में सेवन से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और यदि किसी को इनकी कमी होती है, तो उन्हें विटामिन सप्लीमेंट्स की सलाह लेनी चाहिए।

याददाश्त कमजोर हो जाए तो क्या खाएं?

यदि आपकी याददाश्त कमजोर हो जाती है, तो आपको सही आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। पहले तो, आपको प्रतिदिन के भोजन में पौष्टिक भोजन शामिल करना चाहिए, जैसे कि अखरोट, बादाम, मूली, शाकाहारी भोजन, और ताजा फल। ये आपके मस्तिष्क के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं और याददाश्त को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही, आपको हर दिन पानी पीने का अच्छा अभ्यास भी अपनाना चाहिए, क्योंकि दिनभर हाइड्रेशन बनाए रखना मस्तिष्क की स्वस्थता के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन सप्लीमेंट्स की भी सलाह ली जा सकती है, लेकिन इससे पहले एक चिकित्सक से परामर्श लेना बेहतर होता है। सही आहार, पौष्टिकता, और पानी की मात्रा का पालन करके आप अपनी याददाश्त को सुधार सकते हैं और मस्तिष्क को मजबूती दे सकते हैं।

कौन सा फल खाने से याददाश्त बढ़ती है?

याददाश्त को बढ़ाने के लिए कई फल आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। खासकर, खजूर एक ऐसा फल है जो याददाश्त को सुधारने में मदद कर सकता है। खजूर में विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर होता है जो मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, खजूर में ग्लूकोज, सुक्रोज, और फ्रूक्टोज की मात्रा भी अच्छी होती है, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, नारियल भी याददाश्त को बढ़ाने में मदद कर सकता है। नारियल का तेल मस्तिष्क के लिए गुणकारी होता है और इसमें मस्तिष्क के लिए आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। इन फलों को अपने आहार में शामिल करके आप अपनी याददाश्त को सुधार सकते हैं।

याददाश्त बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा क्या है?

याददाश्त को बढ़ाने के लिए कई तरीके हैं और यह आयुर्वेदिक दवाओं के माध्यम से भी संभव है। आयुर्वेदिक दवाएं याददाश्त को सुधारने में मदद कर सकती हैं क्योंकि वे प्राकृतिक और सुरक्षित होती हैं।शंकपुश्पी, ज्यों की एक प्रमुख आयुर्वेदिक दवा, मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह दवा मस्तिष्क के प्राकृतिक कार्यों को संतुलित करने में मदद करती है और याददाश्त को बेहतर बनाती है। जतामांसी भी एक अन्य महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक दवा है जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह दवा तनाव को कम करने में मदद कर सकती है और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकती है। इन आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने और याददाश्त को बढ़ाने में मदद कर सकता है, लेकिन आपको इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर के मार्गदर्शन के साथ ही इन आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करना बेहद महत्वपूर्ण है।

Sources :

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