जानिए फैक्ट्री में पास्ता कैसे बनता है?
पूरी दुनिया में अपने अनोखे स्वाद और विविध प्रकारों के लिए मशहूर पास्ता, एक ऐसी डिश है जिसका जादू किसी को भी अपने वश में कर सकता है। कभी सोचा है कि यह स्वादिष्ट पास्ता आखिर बनता कैसे है? औद्योगिक स्तर पर पास्ता बनाने की प्रक्रिया, जो कि एक खास तकनीक और कला का संगम है, वास्तव में बड़ी दिलचस्प होती है, तो जानिए कैसे पास्ता फैक्ट्री (pasta factory) से आपकी प्लेट तक आता है ।
पास्ता का इतिहास | Pasta in hindi
पास्ता का इतिहास विलक्षण और समृद्ध है, जिसकी शुरुआत सम्भावित रूप से चीन से मानी जाती है और बाद में इसके विकास में मध्यकालीन इटली का बड़ा योगदान रहा है। समय के साथ यह विश्व के कोने-कोने में फ़ैल गया और आज यह अनेक रूपों और स्वादों में उपलब्ध है। पारंपरिक व्यंजनों से लेकर आधुनिक फ्यूजन तक, पास्ता ने ग्लोबल क्विजीन में खास स्थान बना लिया है।
पास्ता उत्पादन के लिए मुख्य सामग्री
पास्ता निर्माण सामग्री की बात करें तो मुख्यतः गेहूं का आटा और पानी इसके दो प्रमुख घटक हैं। गेहूं का आटा जो दुरुम सेमोलिना से बनता है, इसकी गुणवत्ता पास्ता के टेक्सचर और स्वाद को निर्धारित करती है। इसमें नमक और कभी-कभी अंडे का भी इस्तेमाल होता है, जो पास्ता को और भी अधिक लचीलापन और समृद्धता प्रदान करते हैं।
पास्ता बनाने के लिए आधुनिक मशीनरी का उपयोग
पास्ता निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है जो उच्च दक्षता और सटीकता की मांग करती है। इसे पूरा करने के लिए, आधुनिक पास्ता मशीनरी की अहम भूमिका होती है। मिश्रण मशीन से लेकर गूंदने की मशीन तक और फिर आकार देने की मशीन तक, प्रत्येक उपकरण का अपना महत्वपूर्ण स्थान है।
मिश्रण और गूंदने की मशीनें
पास्ता उत्पादन के प्रारंभिक चरण में मिश्रण मशीन का इस्तेमाल होता है। यह मशीन आटा और पानी को उचित अनुपात में मिलाकर समान आटा तैयार करती है, जिससे पास्ता की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है। गूंदने की मशीन, जो इस प्रक्रिया का अगला चरण है, आटा को आवश्यक संघनन और लचीलापन प्रदान करती है।
आकार देने वाली मशीनों के प्रकार
एक बार जब आटा तैयार हो जाता है, तो आकार देने की मशीन पास्ता को उसकी विशिष्ट पहचान देती है। ये मशीनें विभिन्न प्रकार के पास्ता जैसे कि स्पैगेटी, फुसिल्ली, पेन्ने आदि को उनके अनोखे आकार में ढालती हैं। इन मशीनों के अद्वितीय डिज़ाइन और सांचों के उपयोग से पास्ता निर्माण में नवीनता और सृजनात्मकता का विकास होता है।
कच्चे माल का चयन और तैयारी
पास्ता की उत्तम गुणवत्ता के लिए कच्चे माल का चयन एक निर्णायक कदम है। उद्योग में कच्चे माल का चयन बेहद सावधानीपूर्वक किया जाता है, जिसमें गेहूं के आटे की प्रोटीन सामग्री, नमी, और ग्लूटेन की मात्रा की जाँच शामिल है। गेहूं का आटा, जो कि पास्ता कच्चे सामग्री की गुणवत्ता की रीढ़ होता है, का चयन खेती से लेकर भंडारण तक की प्रक्रियाओं की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।
मिलर्स गेहूं के आटे की गुणवत्ता को निश्चित करने के लिए शुरुआती जांच में उसकी मिलिंग क्षमता, आकार, और विशिष्टता पर कठोर परीक्षण करते हैं। इसके अलावा, आटे की अन्य विशेषताओं जैसे कि रंग और कण आकार भी महत्वपूर्ण होते हैं। पास्ता निर्माण में इस्तेमाल होने वाली अन्य सामग्री जैसे कि पानी की गुणवत्ता और नमक, के भी परीक्षण होते हैं।
फर्मों द्वारा कच्चे माल का चयन कई मानदंडों के आधार पर किया जाता है जिसमें पार्टिकल साइज़ डिस्ट्रीब्यूशन, आटे की पानी अवशोषण क्षमता, और एलास्टिसिटी शामिल हैं। इन परीक्षणों के द्वारा गेहूं आटे के उचित संरचनात्मक गुणों को सुनिश्चित किया जाता है, जो कि पास्ता के अंतिम रूप, बनावट और ताजगी में योगदान देती है।
मिश्रण करने की प्रक्रिया
पास्ता उत्पादन में मिश्रण प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण चरण होता है। परिमाण और सामग्री की सही मात्रा का पता लगाना और उसे उचित तरीके से मिलाना, पास्ता की अंतिम गुणवत्ता पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालता है। पास्ता मिश्रण प्रक्रिया और आटा गूंथने की विधि में यथासंभव सटीकता और संगति बरतनी चाहिए।
परिमाण और सामग्री की सही मात्रा
सामग्री की सही मात्रा और उनके मिश्रण की सही विधि, न सिर्फ पास्ता के स्वाद और बनावट को नियंत्रित करती है बल्कि यह उत्पादन प्रक्रिया की कुशलता को भी बढ़ाती है। यह उद्योगों को उत्पादन को मानकीकृत करने और गुणवत्ता नियंत्रण को सुदृढ़ करने में मदद करता है।
मिश्रण प्रक्रिया में समय और तापमान की भूमिका
मिश्रण के दौरान समय और तापमान की सही सेटिंग, आटा की संगति और पास्ता की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। तापमान का नियंत्रण आटे की नमी और लचीलापन को प्रबंधित करता है, जबकि समय को संयमित करने से आटे के गुठली बनने की संभावना कम होती है, जिससे सुचारू और समान आटा तैयार होता है।
फैक्ट्री में पास्ता कैसे बनता है | Pasta kaise banate hain factory me
पास्ता निर्माण की व्यापक प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण चरणों से गुजरती है जिसे समझना प्रत्येक पास्ता प्रेमी के लिए रुचिकर हो सकता है। फैक्ट्री में प्रारंभिक चरण से लेकर अंतिम पैकेजिंग तक, प्रत्येक चरण पास्ता की गुणवत्ता और स्वाद को प्रभावित करता है।
पास्ता के निर्माण में सबसे पहला कदम होता है कच्चे माल जैसे कि गेहूं का आटा, पानी और कभी-कभार अंडे का मिश्रण। इस मिश्रण को निश्चित अनुपात में तैयार किया जाता है ताकि पास्ता की बनावट संतुलित रहे। इसके बाद, मिश्रण को गूंदने की प्रक्रिया में भेजा जाता है, जो आटे को नरम और लचीला बनाने के साथ-साथ ग्लूटेन की उचित मात्रा को विकसित करने का कार्य करता है।
आटा तैयार होने के पश्चात्, विभिन्न प्रकार के पास्ता निर्माण चरण में यह निर्मित होता है जैसे कि आकार देने की प्रक्रिया, जिसमें मशीनों का प्रयोग कर आटे को विभिन्न आकारों में ढाला जाता है। स्पैगेटी से लेकर फुसिल्ली तक, प्रत्येक पास्ता का अपना अलग आकार और आयाम होते हैं जो उन्हें विशेष पहचान देते हैं।
आकार देने के बाद, पास्ता को सुखाने के चरण में ले जाया जाता है जहां उचित तापमान और आर्द्रता के संयोजन से पास्ता को कड़ा और उसका शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए सुखाया जाता है। इस प्रक्रिया को सटीकता से नियंत्रित करना अति आवश्यक है ताकि पकाने के बाद पास्ता की गुणवत्ता और बनावट सही रहे।
अंतिम चरण में, सुखाया गया पास्ता अब पैकेजिंग के लिए तैयार होता है। यहां पर हर एक पास्ता को चुनिंदा पैकेजिंग में रखा जाता है जो उत्पाद की रक्षा करते हुए उसे उपभोक्ता तक सुरक्षित और स्वादिष्ट प्रस्तुत करता है। पैकेजिंग प्रक्रिया में गुणवत्ता नियंत्रण का कड़ाई से पालन किया जाता है ताकि कोई भी दोष या खराबी उत्पाद के साथ-साथ ब्रांड की प्रतिष्ठा को प्रभावित ना करे।
प्रत्येक चरण की यह समग्र पास्ता उत्पादन की प्रक्रिया, जो नियोजित और सावधानीपूर्वक उच्च मापदंडों पर आधारित होती है, फैक्ट्री से निकलने वाले हर एक पास्ता उत्पाद की उत्कृष्टता सुनिश्चित करती है।
गूंदने की विधि और महत्व
पास्ता निर्माण में आटा गूंथने की तकनीक किसी भी अन्य प्रक्रिया के मुकाबले ज्यादा नाज़ुक और महत्वपूर्ण होती है। आटे को गूंदना न केवल इसे एक समरूपता प्रदान करता है, बल्कि यह पास्ता गुणवत्ता में गूंदने की भूमिका को भी सुनिश्चित करता है। आटे की संरचना में ग्लूटेन की मात्रा और उसके संयोजन को प्रभावित करने वाला यह चरण, पास्ता की ताकत और कोमलता को निर्धारित करता है।
गूंदने की प्रक्रिया के दौरान, आटे को सजीव बनाये रखने के लिए उसमें पानी का संयोजन करना अत्यंत आवश्यक होता है। हाई-स्पीड मिक्सर्स और गूंदने वाली मशीनें इस प्रक्रिया को सहायता प्रदान करती हैं, लेकिन मानवीय जांच का कोई विकल्प नहीं है। आटे की स्थिरता, तापमान और नमी का संतुलन आदर्श गूंदने की प्रक्रिया के मूलभूत सिद्धांत होते हैं।
अंततः, इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य एक ऐसे आटे का निर्माण करना होता है जो पास्ता को उसकी विशिष्ट बनावट और खिंचाव प्रदान करती है, साथ ही पकने के दौरान उसे आकार को बनाये रखने की क्षमता भी देती है। गूंदने की तकनीक की इन्हीं विशेषताओं के कारण, पास्ता के अंतिम उत्पाद में उच्चता और परिष्कार आता है।
पास्ता को आकार देने की प्रक्रिया
पास्ता निर्माण के प्रक्रिया का एक आवश्यक और महत्वपूर्ण चरण है उसे आकार देना। यह कदम उत्पाद की विशेष पहचान और उसके परिवेश को परिभाषित करता है। पास्ता आकार देने की तकनीक और शेपिंग मशीन के सही उपयोग से पास्ता के एक से बढ़कर एक आकृतियाँ तैयार की जा सकती हैं जैसे कि फर्फल्ले, रोटीनी, और फुसिल्ली।
विभिन्न आकारों की पास्ता की बनावट
पास्ता की विविधता इसकी बनावट में निहित है जो इसके आनंद को बढ़ाती है। पास्ता के आकार इसकी संरेखण प्रक्रिया और रसोई में इसके पकाने की विधि पर भी प्रभाव डालते हैं।
औद्योगिक शैली में पास्ता शेपिंग मशीनों के उपयोग
आधुनिक शेपिंग मशीन उच्च-प्रदर्शन वाली होती हैं, जो कि औद्योगिक स्तर पर बड़े पैमाने पर और संगत आकार का पास्ता तैयार करने में सक्षम होती हैं। इन मशीनों की यह क्षमता उत्पादकता और दक्षता को बढ़ाती है, और साथ ही साथ उत्पादन के समय को कम करती है।
सुखाने की तकनीकी और मापदंड
पास्ता उत्पादन के समग्र प्रक्रिया में पास्ता सुखाने की प्रक्रिया एक निर्णायक चरण है। इस चरण में, तैयार पास्ता को सही ढंग से सुखाया जाता है ताकि उसकी उचित बनावट और शेल्फ लाइफ सुनिश्चित की जा सके। इसीलिए, तापमान नियंत्रण और आर्द्रता नियंत्रण के मापदंड बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। आइये इन मापदंडों को विस्तार से समझते हैं।
तापमान प्रबंधन
तापमान का सही प्रबंधन पास्ता को कुरकुरा और सूखा बनाए रखने के लिए आवश्यक है। अत्यधिक गरमी पास्ता को जला सकती है, जबकि कम तापमान पर सुखाने से पास्ता नमीयुक्त रह सकता है। सुखाने की प्रक्रिया में निर्धारित तापमान पर नियंत्रण रखना अत्यंत आवश्यक है।
ह्यूमिडिटी कंट्रोल
सुखाने के दौरान आर्द्रता नियंत्रण का महत्व भी कम नहीं है। आर्द्रता का स्तर पास्ता की संरचना और ताजगी को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। यदि आर्द्रता अधिक हो तो पास्ता में मोल्ड बन सकता है, जबकि अत्यधिक सूखापन इसे भुरभुरा बना सकता है। इसलिए सटीक आर्द्रता नियंत्रण जरूरी होता है।
गुणवत्ता नियंत्रण और मानकीकरण
पास्ता उत्पादन प्रक्रिया में गुणवत्ता नियंत्रण एक अहम् चरण है जो उपभोक्ताओं तक प्रीमियम गुणवत्ता और सुरक्षित उत्पाद पहुँचाने के लिए निहित है। पास्ता गुणवत्ता नियंत्रण, उत्पाद सुरक्षा मानक, और लैबोरेटरी परीक्षण इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों की जांच
पास्ता उत्पादन के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों की जाँच से यह सुनिश्चित किया जाता है कि उत्पाद खपत के लिए सुरक्षित हैं। यहां पर प्रदूषकों, एलर्जी कारकों और टॉक्सिन्स की उपस्थिति की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
लैब टेस्टिंग और उत्पाद मापदंड
विस्तृत लैबोरेटरी परीक्षण पास्ता के उत्पाद मापदंडों को मान्य करते हैं जिसमें नमी सामग्री, pH स्तर, और अन्य माइक्रोबायोलॉजिकल तत्व शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया उत्पाद की स्थिरता और शेल्फ लाइफ को सुनिश्चित करने में केंद्रीय भूमिका निभाती है।
पैकेजिंग और वितरण की प्रणाली
पास्ता के उत्पादन के अंतिम चरण, पैकेजिंग तथा वितरण, का उद्देश्य उत्पाद की सुरक्षा, संरक्षण और आकर्षण सुनिश्चित करना होता है। आधुनिक पास्ता पैकेजिंग तकनीक के माध्यम से पास्ता को एयरटाइट पैकेट्स में सील किया जाता है, जिससे यह लंबे समय तक ताजा रहे और इसकी गुणवत्ता में कोई कमी ना आए। विभिन्न प्रकार की पैकेजिंग सामग्री जैसे कि प्लास्टिक, कार्डबोर्ड या सस्तैनेबल मैटेरियल्स का उपयोग करके उपभोक्ताओं के पसंदीदा चयन और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।
पैकेजिंग के बाद, वितरण प्रक्रिया में पास्ता उत्पादों को खुदरा विक्रेताओं, सुपरमार्केट्स, और वितरण केंद्रों तक पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया में लॉजिस्टिक्स की उत्कृष्टता व्यापक रूप से महत्वपूर्ण होती है ताकि पास्ता की ताज़गी और गुणवत्ता बनी रहे। इसके उपरांत, उत्पाद पूरे देश या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताओं तक वितरित किए जा सकते हैं।
समग्रता, पैकेजिंग और वितरण दोनों ही पास्ता के व्यावसायिक परिचालन के आवश्यक हिस्से हैं जो प्रत्येक कंपनी की ब्रांड छवि और ग्राहक संतुष्टि का निर्माण करते हैं।
पास्ता खाने के फायदे | Benefits of pasta
1) ऊर्जा का उत्तम स्रोत: पास्ता में मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
2) फाइबर की उपलब्धता: साबुत गेहूं का पास्ता फाइबर में समृद्ध होता है, जो पाचन क्रिया को सहायता प्रदान करता है।
3) प्रोटीन का स्रोत: जब पास्ता को दालों, मीट या पनीर के साथ मिलाया जाता है, तो यह अच्छी मात्रा में प्रोटीन प्रदान करता है।
4) हृदय स्वास्थ्य में सुधार: पास्ता, विशेषकर जब इसे सब्जियों और ओलिव ऑयल के साथ परोसा जाता है, हृदय के लिए लाभदायक होता है।
5) विटामिन और मिनरल्स: पास्ता में विटामिन B, आयरन और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
विभिन्न प्रकार के पास्ता और उनकी विशेषताएं | Types of pasta
पास्ता एक लोकप्रिय इटालियन व्यंजन है जिसे विभिन्न आकार और प्रकार में बनाया जाता है। यहाँ पर कुछ प्रमुख पास्ता के प्रकार और उनकी विशेषताएं दी गई हैं:
- स्पघेटी – यह लंबी, पतली और सिलेंडर के आकार का होता है। स्पघेटी को आमतौर पर टमाटर सॉस और मीटबॉल के साथ परोसा जाता है।
- पेन्ने – ये छोटे ट्यूब्स के रूप में होते हैं जिनके सिरे कटे हुए होते हैं। पेन्ने गाढ़े सॉस के साथ अच्छे से मिल जाते हैं।
- फ्यूसिली – ये स्प्रिंग की तरह मुड़े हुए होते हैं। इसकी विशेषता है कि यह सॉस को अच्छी तरह से पकड़ लेता है।
- रिगाटोनी – ये बड़े और ट्यूब के आकार के होते हैं, जिनकी सतह पर खांचे होते हैं। यह बड़े टुकड़ों वाले सॉस के लिए उपयुक्त है।
- लसानिया – ये चौड़ी और पत्ती के समान होती हैं। इसे ओवन में बेक करके, चीज़ और सॉस के साथ लेयर्स बनाकर परोसा जाता है।
- मैकरोनी – ये छोटी, घुमावदार ट्यूब्स होती हैं। इसे आमतौर पर चीज़ के साथ मिलाकर ‘मैक एंड चीज़’ के रूप में परोसा जाता है।
पास्ता खाने के नुकसान | Side effects of pasta
पास्ता खाने के कुछ संभावित नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं, खासकर जब इसे अधिक मात्रा में या अस्वास्थ्यकर तरीके से खाया जाता है:
1) वजन बढ़ना: पास्ता में उच्च कार्बोहाइड्रेट की मात्रा होती है, जो अधिक खाने पर वजन बढ़ा सकती है।
2) ब्लड शुगर में वृद्धि: मैदे से बने पास्ता का सेवन ब्लड शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए उचित नहीं है।
3) पोषक तत्वों की कमी: यदि पास्ता का सेवन साबुत अनाज की जगह रिफाइंड आटे से बने पास्ता के रूप में किया जाता है, तो यह पोषक तत्वों की कमी को जन्म दे सकता है।
4) पाचन संबंधी समस्याएं: अधिक मात्रा में पास्ता का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएँ जैसे कि ब्लोटिंग और कब्ज हो सकते हैं।
5) संतुलित आहार की कमी: पास्ता पर अत्यधिक निर्भरता अन्य महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों और पोषक तत्वों की उपेक्षा कर सकती है, जिससे संतुलित आहार की कमी हो सकती है।
इसलिए, पास्ता का सेवन मॉडरेशन में करना और इसे संतुलित और पोषण से भरपूर आहार के हिस्से के रूप में शामिल करना महत्वपूर्ण है।
FAQs
पास्ता आमतौर पर गेहूं के आटे और पानी से बनता है। कुछ प्रकार में अंडे भी मिलाए जाते हैं।
पास्ता बनाने के लिए गेहूं के आटे को पानी और कभी-कभी अंडे के साथ मिलाया जाता है, फिर इसे विभिन्न आकारों में ढाला जाता है और सुखाया जाता है।
भारत में पास्ता आमतौर पर गेहूं के आटे से बनता है, हालांकि कुछ स्वास्थ्य-केंद्रित वेरिएंट में रागी, ज्वार जैसे अन्य अनाज का उपयोग भी होता है।
हाँ, पास्ता अक्सर रिफाइंड गेहूं के आटे या मैदे से बनता है, खासकर वह जो कमर्शियली उपलब्ध होता है।
पास्ता खाने से ऊर्जा मिलती है, यह प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत हो सकता है (खासकर यदि यह साबुत अनाज से बना हो) और इसमें विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं।
पास्ता खाने से पाचन सहायता, ऊर्जा की प्राप्ति, और यदि साबुत अनाज का उपयोग किया गया हो तो हृदय स्वास्थ्य में सुधार जैसे लाभ होते हैं।
पास्ता का सेवन मॉडरेशन में करना चाहिए, संतुलित आहार के हिस्से के रूप में हफ्ते में 2-3 बार से अधिक नहीं।
मैदा से बना पास्ता अगर अधिक मात्रा में खाया जाए तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर कम होता है। साबुत अनाज का पास्ता एक बेहतर विकल्प है।
मैक्रोनी पास्ता खाने से आपको ऊर्जा मिलती है और यदि यह साबुत अनाज से बना हो तो यह फाइबर का भी अच्छा स्रोत होता है। हालांकि, अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है।
पास्ता विविधता, स्वाद, और आसानी से तैयार किए जाने के कारण कई लोगों के लिए पसंदीदा खाना है। यह विभिन्न सब्जियों और प्रोटीन स्रोतों के साथ अच्छी तरह से मिल जाता है, जिससे यह एक संतुलित भोजन बन जाता है।
चावल और पास्ता दोनों ही स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकते हैं यदि वे साबुत अनाज से बने हों। आपकी विशेष डाइटरी जरूरतों और स्वास्थ्य लक्ष्यों के आधार पर चयन बेहतर है।
पास्ता और मैकरोनी (pasta and macroni) दोनों ही गेहूं के आटे से बने होते हैं, लेकिन मैकरोनी एक विशेष प्रकार का पास्ता होता है जिसका आकार ट्यूब जैसा होता है।
पास्ता इटली का एक पारंपरिक खाद्य पदार्थ है।
पास्ता शब्द का अर्थ है “आटा का पेस्ट”, जो इसकी बनावट और निर्माण प्रक्रिया को दर्शाता है।
एक कटोरी पास्ता में प्रोटीन की मात्रा इसके आधार (जैसे कि साबुत गेहूं, मैदा) और इसमें मिलाए गए अन्य घटकों पर निर्भर करती है, लेकिन औसतन 7-10 ग्राम प्रोटीन हो सकता है।
पास्ता को इंग्लिश में भी “Pasta” कहा जाता है।
पास्ता सैकड़ों विभिन्न आकारों और वेरिएंट्स में आता है, जैसे कि स्पेगेटी, पेन्ने, फुसिल्ली, और मैकरोनी।
ऐसा माना जाता है कि पास्ता की अवधारणा सबसे पहले चीन में विकसित हुई थी, लेकिन आधुनिक पास्ता का जो रूप हम आज जानते हैं, वह इटली से विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ।