कैसे बदल सकती हैं आपकी गट हेल्थ?

Gut health

आंतों (Gut Health) को स्वस्थ रखना, यानी संपूर्ण सेहत को बेहतर बनाना। आजकल इंस्टाग्राम, फेसबुक, news and you tube channels जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोग अपनी सेहत के प्रति पहले से अधिक जागरूक हो रहे हैं। खाने से पहले लोग सोच-समझकर फैसला लेते हैं कि वह भोजन उनके स्वास्थ्य पर क्या असर डालेगा। हम अपने दिल, दिमाग और मांसपेशियों की देखभाल पर ध्यान देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंतों का स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है?

2024 में गट हेल्थ को लेकर नई रिसर्च और ट्रेंड्स तेजी से उभर रहे हैं। इस ब्लॉग में हम उन नए तरीकों पर चर्चा करेंगे, जिनके जरिए आप अपनी आंतों को स्वस्थ रख सकते हैं और पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं। ये उपाय न सिर्फ आपकी आंतों के लिए, बल्कि पूरे शरीर के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

गट हेल्थ | Gut Health in hindi

आंत का स्वास्थ्य शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आंत केवल पाचन प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि इम्यून सिस्टम, मानसिक स्वास्थ्य और शरीर के ऊर्जा स्तर को भी प्रभावित करती है। आयुर्वेद के अनुसार, “अग्नि” या पाचन अग्नि को शरीर का आधार माना गया है, और यदि यह संतुलित और मजबूत हो, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है।

आयुर्वेदिक ग्रंथ चरक संहिता  में भी कहा गया है कि पाचन तंत्र की सही कार्यप्रणाली से शरीर में विषैले पदार्थ नहीं बनते और रोगों से बचाव होता है। इस दृष्टिकोण से, आंत का स्वास्थ्य हमारे संपूर्ण शरीर की सेहत का मूल आधार है, और इसके बिगड़ने से शरीर कई बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है।

खराब गट हेल्थ संकेत

गट हेल्थ (आंत स्वास्थ्य) की समस्याओं के संकेत कई रूपों में प्रकट हो सकते हैं। आंतों की सेहत खराब होने पर आपको पेट दर्द, गैस, ब्लोटिंग, कब्ज या दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, अचानक वजन बढ़ना या घटना, थकान, नींद में परेशानी, और त्वचा से जुड़ी समस्याएं, जैसे कि एक्जिमा या मुंहासे भी गट हेल्थ खराब होने के संकेत हो सकते हैं।

गट हेल्थ का सीधा संबंध इम्यून सिस्टम से होता है, इसलिए बार-बार बीमार पड़ना या कमजोर इम्यूनिटी भी आंत की खराब सेहत का एक लक्षण हो सकता है। मानसिक तनाव और गट हेल्थ के बीच भी गहरा संबंध होता है, जिससे तनाव बढ़ने पर आंतों में समस्याएं बढ़ सकती हैं।

आंत स्वास्थ्य में सुधार कैसे करें | How to improve gut health

आंतों को स्वस्थ रखने के लिए अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स और एक संतुलित लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। वर्तमान ट्रेंड में कुछ नए और प्रभावी तरीके सामने आए हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपने आंत स्वास्थ्य को और भी बेहतर बना सकते हैं आइये आगे पढ़ें –

1) प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स का बढ़ता महत्व

प्रोबायोटिक्स: ये फायदेमंद बैक्टीरिया होते हैं, जो आंत में जाकर पाचन को बेहतर बनाते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया को नियंत्रित करते हैं। दही, इडली-डोसा, आम का अचार, केफिर, किमची, कांजी, टेम्पेह, सोया सॉस, सौकरौट, और सिरका, सभी फर्मेंटेड फूड्स हैं जो पाचन स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करते हैंऔर इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देता है।

प्रीबायोटिक्स: ये विशेष प्रकार के फाइबर होते हैं, जो आंत में गुड बैक्टीरिया को बढ़ने और फलने-फूलने में मदद करते हैं। प्रीबायोटिक्स लहसुन, प्याज, केले, और साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। ये आंत के अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम करते हैं, जिससे आंतों का संतुलन बेहतर रहता है।

इनके अलावा, आप प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक सप्लीमेंट्स का भी उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, ताकि सही प्रकार और मात्रा का चयन किया जा सके।

2) फाइबर को प्राथमिकता 

फाइबर आपके पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह न केवल कब्ज से राहत दिलाता है, बल्कि आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में भी मदद करता है। आने वाले समय में, फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ेगा, जिनमें शामिल हैं:

  • साबुत अनाज: जौ, ओट्स, ब्राउन राइस, बाजरा,क्विनोआ (Quinoa), रागी
  • दालें और बीन्स: मूंग दाल, चना, राजमा, मसूर दाल
  • फल: सेब, नाशपाती, केले, संतरा, अमरूद, एवोकाडो
  • सब्जियां: ब्रोकोली, पालक, गाजर, शकरकंद, मटर
  • बीज: चिया सीड्स,फ्लैक्स सीड्स, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज

इन खाद्य पदार्थों से न केवल फाइबर की आपूर्ति होती है, बल्कि ये आंत के स्वास्थ्य को सुधारने, वजन घटाने, और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में भी मदद करते हैं।

3) माइक्रोबायोम टेस्टिंग का बढ़ता चलन

माइक्रोबायोम टेस्टिंग एक नया और उभरता हुआ ट्रेंड है, जो आने वाले समय में और भी लोकप्रिय होगा। इस टेस्ट के जरिए आपकी आंत में मौजूद बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों का विश्लेषण किया जाता है। यह आपको यह जानने में मदद करता है कि आपकी आंत में कौन से बैक्टीरिया हैं और कौन से बैक्टीरिया पाचन समस्याओं या बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

इस टेस्ट से आप यह भी जान सकते हैं कि आपको कौन से खाद्य पदार्थों से एलर्जी है या कौन से खाद्य पदार्थ आपके पाचन तंत्र के लिए बेहतर हैं। यह एक पर्सनलाइज्ड हेल्थकेयर का हिस्सा है, जो भविष्य में बहुत तेजी से लोकप्रिय होगा।

4) ग्लूटेन-मुक्त और डेयरी-मुक्त आहार

ग्लूटेन-मुक्त और डेयरी-मुक्त आहार हमारी आंतों (गट हेल्थ) के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आजकल लोग ग्लूटेन की जगह मल्टीग्रेन और रागी जैसे अनाज खा रहे हैं, जो पेट के अच्छे बैक्टीरिया को संतुलित रखते हैं और पाचन को ठीक करते हैं।

इसके साथ ही, प्लांट बेस्ड डाइट यानी पौधों से बने खाने से हमारा पाचन तंत्र और मजबूत होता है और शरीर को सही पोषण मिलता है। बादाम दूध, सोया दूध, और नारियल दूध जैसे डेयरी-मुक्त विकल्प भी आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं, क्योंकि ये हल्के और आसानी से पचने वाले होते हैं।

5) हर्बल ड्रिंक्स का बढ़ता उपयोग

आजकल ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत गर्म पानी, नींबू पानी, अदरक पानी, मेथी पानी या सेब के सिरके (विनेगर) के साथ करते हैं। ये हर्बल सप्लीमेंट्स न केवल आंतों की सेहत (गट हेल्थ) को सुधारने में मदद करते हैं, बल्कि पूरे शरीर के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

ये पाचन तंत्र को सुधारते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देते हैं। साथ ही, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। इनका सेवन मेटाबोलिज्म को तेज कर वजन घटाने में भी मदद करता है, त्वचा की चमक बढ़ाता है, और शरीर को ऊर्जावान रखकर थकान को कम करता है।

6) फास्टिंग ट्रेंड्स (उपवास)

आंतरायिक उपवास (intermittent fasting) आजकल एक बहुत ही मशहूर तरीका बन गया है, जो हमारी आंतों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जब हम कुछ समय तक बिना खाना खाए रहते हैं, तो हमारी आंत को आराम मिलता है, जिससे यह खुद को ठीक कर पाती है। इससे पेट के अंदर की सूजन कम होती है और आंत में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जो हमारी गट हेल्थ यानी आंतों की सेहत को बेहतर बनाते हैं।

उपवास के दौरान शरीर में एक प्रक्रिया होती है जिसे ऑटोफैगी कहते हैं। इस प्रक्रिया से शरीर पुरानी और खराब कोशिकाओं को साफ कर देता है, जिससे नई और स्वस्थ कोशिकाएं बनती हैं। इस तरह, आंतरायिक उपवास सिर्फ आंतों की नहीं, बल्कि पूरे शरीर की सेहत को सुधारता है और उसे बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।

7) बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए बढ़ती जागरूकता

जब हमारी बॉडी डिटॉक्स होती है, तो हम खुद को हल्का और ताजगी से भरा हुआ महसूस करते हैं। यह हमारीगट हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने से आंतें साफ रहती हैं और उनका काम बेहतर होता है। आजकल लोग शरीर को डिटॉक्स करने के लिए प्राकृतिक उपायों को अपना रहे हैं, जैसे मोरिंगा पत्तियों का पाउडर, सोंठ का पाउडर, और त्रिफला पाउडर

8) एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ का रोल 

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ गट हेल्थ को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये खाद्य पदार्थ शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और सूजन का कारण बन सकते हैं। जब आपकी आंत में सूजन कम होती है, तो पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है और आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ने में मदद मिलती है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों डाइट में शामिल करें :

  • बेरीज (जैसे ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी)
  • नट्स (जैसे बादाम, अखरोट)
  • हरी पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक, केल)
  • ग्रीन टी
  • डार्क चॉकलेट

9) आंतों के लिए पानी का अत्यधिक महत्व

पानी न केवल शरीर को हाइड्रेट रखता है, बल्कि आंतों के स्वास्थ्य (गट हेल्थ) को भी बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पानी आंतों में भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करता है और पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाता है। पर्याप्त पानी पीने से पाचन तंत्र में मौजूद फाइबर को प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलती है, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

इसके अलावा, पानी आंतों में बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जिससे अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ने का अवसर मिलता है। पानी शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे आंतों की सफाई होती है और गट हेल्थ बेहतर बनी रहती है।

10) गट-ब्रेन कनेक्शन मजबूत बनाने के लिए योग 

आंत और मानसिक स्वास्थ्य के बीच बहुत गहरा संबंध है, जिसे गट-ब्रेन कनेक्शन के रूप में जाना जाता है। जब हम मानसिक तनाव या चिंता में होते हैं, तो यह सीधे हमारी आंतों पर प्रभाव डाल सकता है। तनाव के कारण हमारे शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, पेट दर्द, कब्ज, दस्त, या गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इसके अलावा, मानसिक तनाव आंतों में मौजूद माइक्रोबायोम के संतुलन को भी बिगाड़ सकता है, जिससे आंत के अच्छे बैक्टीरिया कम हो जाते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि हो सकती है। इससे गट हेल्थ प्रभावित होती है और अन्य पाचन समस्याएं बढ़ सकती हैं।

इसलिए, योग, ध्यान, और व्यायाम जैसे स्ट्रेस-मैनेजमेंट के तरीके अपनाने से तनाव को कम किया जा सकता है। ये न केवल मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि पाचन तंत्र को भी आराम देते हैं और आंतों के कार्य को बेहतर बनाते हैं। नियमित रूप से इन तरीकों का पालन करने से आंत की सेहत में सुधार होता है और शरीर और दिमाग के बीच संतुलन बना रहता है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है।

FAQs

आंतों को चिकना कैसे करें?

आंतों को चिकना बनाने के लिए सबसे पहले फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। फाइबर आंतों की सफाई में मदद करता है और मल त्याग को आसान बनाता है। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि यह आंतों को हाइड्रेटेड रखता है और उन्हें चिकना बनाए रखता है। प्रोबायोटिक्स जैसे दही और छाछ का सेवन आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र सुचारू रहता है।

पेट की आंतें कमजोर हो तो क्या खाना चाहिए?

अगर पेट की आंतें कमजोर हो रही हैं, तो फाइबर युक्त आहार जैसे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही, दही और प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थ आंतों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। हल्का और पचने में आसान भोजन, जैसे मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया, भी आंतों को आराम प्रदान करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।

आंत की गति कैसे बढ़ाएं?

आंत की गति को बढ़ाने के लिए अपने आहार में अधिक फाइबर शामिल करें, जो आंतों की गतिविधि को बढ़ाता है। इसके अलावा, रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आंतों की गति में सुधार होता है। नियमित व्यायाम, विशेषकर योग, आंतों की गतिविधि को बेहतर बनाने में मदद करता है। पवनमुक्तासन और सूर्य नमस्कार जैसे आसन विशेष रूप से प्रभावी होते हैं।

आंतों में फंसी गैस को कैसे निकालें?

आंतों में फंसी गैस को निकालने के लिए सौंफ और अजवाइन खाएं । यह प्राकृतिक रूप से पाचन में मदद करते हैं और गैस को बाहर निकालने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, पवनमुक्तासन जैसे योगासन और हल्का व्यायाम गैस की समस्या को दूर करने में प्रभावी होते हैं। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से भी गैस की समस्या में राहत मिलती है।

आंतों के लिए सबसे अच्छा फल कौन सा है?

आंतों के लिए पपीता सबसे अच्छा फल माना जाता है, क्योंकि इसमें पाचन एंजाइम पपाइन होता है, जो आंतों की सफाई और पाचन में मदद करता है। इसके अलावा, सेब और नाशपाती जैसे फलों में भी फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो आंतों के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। ये फल पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं।

आंतों के लिए कौन सा व्यायाम करें?

आंतों के लिए पवनमुक्तासन एक बेहतरीन योगासन है, जो आंतों की सफाई और गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, सुप्त वज्रासन और पश्चिमोत्तानासन भी पाचन को सुधारने और आंतों की गति को बढ़ाने में प्रभावी होते हैं। नियमित योग और हल्का व्यायाम आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।

आंत के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है?

आंतों के लिए त्रिफला एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है, जो पाचन में सुधार करती है और आंतों की सफाई में मदद करती है। अजवाइन और इसबगोल भी पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होते हैं, खासकर कब्ज की समस्या में। आयुर्वेदिक दवाएं आंतों की प्राकृतिक सफाई को बढ़ावा देती हैं और आंतों की समस्याओं को दूर करती हैं।

क्या दूध आंतों के लिए अच्छा है?

दूध आंतों के लिए अच्छा हो सकता है, बशर्ते कि आपको लैक्टोज इंटोलरेंस न हो। दूध में कैल्शियम और प्रोटीन होते हैं, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। हालांकि, अगर दूध से गैस या पेट फूलने की समस्या होती है, तो दही या छाछ का सेवन बेहतर विकल्प हो सकता है। ये प्रोबायोटिक होते हैं, जो आंतों के स्वास्थ्य को सुधारते हैं।

आंतें ठीक से काम नहीं करने पर क्या होगा?

अगर आंतें ठीक से काम नहीं करतीं, तो कब्ज, दस्त, पेट फूलना और गैस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, आंतों में सूजन और पाचन में कठिनाई हो सकती है, जिससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। लंबे समय तक आंतों की समस्याओं से शरीर कमजोर हो सकता है और थकान महसूस हो सकती है।

मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी आंतें ठीक हैं?

अगर आपका मल त्याग नियमित और बिना किसी परेशानी के हो रहा है, तो यह संकेत है कि आपकी आंतें ठीक से काम कर रही हैं। इसके अलावा, अगर आपको पेट में कोई दर्द या असुविधा नहीं हो रही है और आपकी भूख ठीक से लग रही है, तो यह भी आंतों के स्वास्थ्य का संकेत है। सही पाचन और नियमित मल त्याग आंतों की स्वस्थ स्थिति दर्शाते हैं।

प्रति दिन कितने मल त्याग स्वस्थ हैं?

प्रति दिन 1 से 2 बार मल त्याग करना सामान्य और स्वस्थ माना जाता है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए प्रति दिन 3 बार भी सामान्य हो सकता है। मल त्याग की नियमितता और आसानी से होने वाला मल त्याग आपके पाचन तंत्र और आंतों की स्वस्थ स्थिति को दर्शाता है।

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