दिन भर में कितना पानी पिए!

Water

जल ही जीवन है”  यह कहावत आपने भी सुनी होगी क्योंकि हमारे शरीर का लगभग 70% हिस्सा पानी से बना होता है, और हमारी रोजमर्रा हर छोटी-बड़ी क्रिया के लिए  पानी बेहद जरूरी है।

आपको हर दिन कितना पानी पीना चाहिए? यह एक सीधा सवाल है लेकिन इसका जवाब थोड़ा मुश्किल है। हर किसी के लिए एक ही सूत्र लागू नहीं होता। बहुत सारे अध्ययन हुए हैं जिन्होंने अलग-अलग सलाह दी है परन्तु आपको कितना पानी पीना चाहिए, यह आपकी सेहत, आपकी सक्रियता और आपके रहने की जगह पर निर्भर करता है।

आइए इस लेख में हम जानते हैं कि एक दिन में व्यक्ति को कितना पानी पीना चाहिए और इसके पीछे के विज्ञान को समझते हैं:

जीवन का अमृत: पानी का महत्व | Importance of water

जब हमें प्यास लगती है, तो प्यास बुझाने के लिए पानी ही चाहिए होता है। कोई कोल्ड्रिंक, जूस, या नारियल पानी उस कमी को पूरा नहीं कर सकते। एक बार हम बिना खाए भले रह लें, पर प्यास रहना बहुत मुश्किल होता है, करवा चौथ और रोजा रखने वाले लोग इस से परिचित होंगे। 

पानी हमारे शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओं को सुचारु रूप से चलाने में सहायक होता है। यह हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, और जोड़ों को लुब्रिकेट करता है। नीचे दी गई किताबें पानी और उसके स्वास्थ्य लाभों पर केंद्रित हैं, जो आपको पानी के महत्व और उसके उपयोग के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद कर सकती हैं। यहाँ कुछ प्रसिद्ध पुस्तकों के नाम दिए गए हैं:

“यू आर नॉट सिक, यू आर थर्स्टी!” (Your Body’s Many Cries for Water) – इस पुस्तक के लेखक डॉ. एफ. बटमंगेलिद्ज हैं। इस पुस्तक में उन्होंने पानी की कमी के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं पर प्रकाश डाला है।

“द वाटर प्रिस्क्रिप्शन” (The Water Prescription) – क्रिस्टोफर वासी द्वारा लिखित, यह पुस्तक पानी के चिकित्सीय उपयोगों पर जोर देती है और बताती है कि कैसे पानी से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

“वाटर: फॉर हेल्थ, फॉर हीलिंग, फॉर लाइफ: यू आर नॉट सिक, यू आर थर्स्टी!” – यह भी डॉ. एफ. बटमंगेलिद्ज द्वारा लिखित है, और यह पुस्तक पानी के स्वास्थ्य लाभों पर गहन चर्चा प्रदान करती है।

इन पुस्तकों के माध्यम से आप पानी के महत्व को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और यह जान सकते हैं कि सही मात्रा में पानी पीना क्यों जरूरी है।

विज्ञान के अनुसार पानी पीने के फायदे | Benefits of drinking water

सही मात्रा में पानी पीना सेहत और सुंदरता दोनों के लिए जरूरी होता है, आइए जानें कैसे।

1) हाइड्रेशन मेन्टेन :

Dehydration

 जब हम पर्याप्त पानी पीते हैं, हमारा दिल रक्त को आसानी से पंप कर पाता है, जिससे शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व सही ढंग से पहुंचते हैं। इससे हमें अधिक ऊर्जा मिलती है और हम कम थकान महसूस करते हैं।

इसके अलावा पानी हमारी कोशिकाओं को आवश्यक नमी प्रदान करता है, जिससे वे स्वस्थ रहती हैं और अपने कार्य अच्छी तरह से कर पाती हैं। यह हमारी मांसपेशियों और जोड़ों को भी चिकनाई प्रदान करता है, उन्हें स्वस्थ रखता है और उनमें लचीलापन बढ़ाता है।

साथ ही, पानी हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर जब हम गर्मी में होते हैं या शारीरिक श्रम करते हैं; हमारा शरीर पसीना छोड़ता है और पसीने के वाष्पित होने से शरीर ठंडा होता है।

2) वजन नियंत्रण :

Weight Loss

पानी पीना वजन प्रबंधन में एक अहम भूमिका निभाता है। यह हमारे शरीर की मेटाबोलिज्म दर को बढ़ाता है, जो कि हमारी कैलोरी बर्निंग क्षमता को तेज करता है। जब हमारी मेटाबोलिक दर अच्छी होती है, तो हमारा शरीर अधिक कुशलता से कैलोरी को जलाता है, जिससे वजन नियंत्रण में सहायता मिलती है। इसके अलावा, पानी हमारी भूख को भी नियंत्रित करता है। जब हम भोजन से पहले पानी पीते हैं, तो हमारा पेट कुछ हद तक भर जाता है। इससे हमें कम भूख लगती है और हम कम खाना खाते हैं। यह तकनीक खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी होती है जो अपने खाने की मात्रा को कम करना चाहते हैं।

इस प्रकार, नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी पीना हमें एक स्वस्थ और संतुलित डाइट बनाए रखने में मदद करता है, और यह हमारे वजन नियंत्रण की योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।

3) डिटॉक्सीफिकेशन :

Detox

पानी पीने से हमारी पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है, जिससे कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है। पानी भोजन के पचने में मदद करता है और आंतों में मल के सहज संचालन को आसान बनाता है, जिससे मल नरम रहता है और आसानी से बाहर निकल जाता है।

 इसके अलावा, पानी हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे हमारी किडनी स्वस्थ रहती है। किडनी पानी के जरिए इन विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करती है और हमारे मूत्र के माध्यम से उन्हें बाहर निकाल देती है, जिससे मूत्राशय के संक्रमण का खतरा भी कम होता है। इस तरह पानी हमारे पाचन, लिवर और किडनी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और शरीर को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में मदद करता है।

4) मानसिक स्वास्थ्य :

Mental Health

 जब हम उचित रूप से हाइड्रेटेड रहते हैं, तो हमारा मस्तिष्क अधिक कुशलतापूर्वक कार्य कर सकता है। मस्तिष्क का लगभग 75% हिस्सा पानी से बना होता है, इसलिए पानी की उचित मात्रा मस्तिष्क की कोशिकाओं के स्वास्थ्य और कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक है।

हाइड्रेशन से मानसिक स्पष्टता में सुधार होता है, जिसका मतलब है कि हम अधिक स्पष्ट और तेजी से सोच सकते हैं। यह हमें जटिल समस्याओं को हल करने, निर्णय लेने और क्रिएटिविटी में सुधार में मदद करता है। इसके अलावा, जब हमारा मस्तिष्क ठीक से हाइड्रेटेड रहता है, तो हमारी याददाश्त और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बेहतर होती है।

पानी की अच्छी मात्रा पीने से हमारा मूड भी बेहतर होता है। निर्जलीकरण के कारण अक्सर चिड़चिड़ापन और थकान महसूस होती है, जो हमारे मूड पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पर्याप्त पानी पीने से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है, जिससे हमारा समग्र मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। इस प्रकार, पानी पीना सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।

5) एंटी एजिंग :

anti- aging anjeer

जब हम पर्याप्त पानी पीते हैं, तो हमारी त्वचा हाइड्रेटेड और तरोताजा रहती है। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है, जो इसे मुलायम और चमकदार बनाता है। इस प्रक्रिया से त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है, जैसे कि झुर्रियां और फाइन लाइन्स कम नजर आती हैं।

पानी पीना त्वचा के पोर्स को भी साफ करने में मदद करता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थ) को बाहर निकालने में सहायक होता है, जिससे त्वचा की समस्याएँ जैसे कि मुँहासे और रूखापन कम होते हैं। स्वस्थ और साफ त्वचा होने से हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

इसलिए, यदि आप अपनी त्वचा को स्वस्थ और जवान बनाए रखना चाहते हैं, तो खूब पानी पीना शुरू कर दें। यह एक सरल और प्रभावी तरीका है जो आपकी त्वचा को भीतर से स्वस्थ बनाता है।

क्या सचमुच 8 गिलास पानी से रह सकते हैं हाइड्रेट | Is 8 glasses of water a day enough

अक्सर आपने भी देखा होगा कि 8 गिलास या 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है, यह एक आम गाइडलाइन है जो कई दशकों से प्रचलित है। लेकिन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में यही पैमाना फिट नहीं बैठ सकता। यूनिवर्सिटी ऑफ अबेरदीन के शोध के अनुसार, आठ गिलास पानी की सलाह एक सामान्यीकृत नियम है जो हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता।

उनके शोध से पता चलता है कि पानी की जरूरत व्यक्तिगत होती है और कई बाहरी व भीतरी कारकों पर निर्भर करती है। इसलिए, कुछ लोगों के लिए आठ गिलास पानी काफी हो सकता है जबकि दूसरों के लिए यह मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है।

University of Aberdeen का निष्कर्ष यह है कि पानी की खपत के लिए एक समान दिशानिर्देश सभी के लिए कारगर नहीं हो सकता। इसलिए, व्यक्ति को अपनी जरूरतों के अनुसार पानी पीना चाहिए और अपने शरीर के संकेतों को समझना चाहिए।

पानी पीने की मात्रा को किन कारकों से प्रभावित होती है | Factors affecting water demand

दिन में कितना पानी पीना चाहिए( how much water should be drunk) यह विभिन्न कारको पर निर्भर करता है जो इस प्रकार हैं:

  • शारीरिक सक्रियता: जितनी अधिक शारीरिक गतिविधि, उतनी अधिक पानी की आवश्यकता।
  • आयु: विभिन्न आयु समूहों को अलग-अलग मात्रा में पानी की जरूरत होती है।
  • वजन: व्यक्ति का वजन पानी की खपत को प्रभावित करता है।
  • जलवायु या पर्यावरण: गर्म या शुष्क जलवायु में रहने वाले लोगों को अधिक पानी की जरूरत होती है।
  • गर्भावस्था और स्तनपान: गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अधिक पानी की जरूरत होती है।
  • स्वास्थ्य और रोग की स्थिति: कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ या बीमारियाँ पानी की आवश्यकता को बढ़ा सकती हैं।
  • तनाव: तनाव की उच्च स्थितियों में भी पानी की अधिक मात्रा की जरूरत पड़ सकती है।

शरीर में पानी की कमी के लक्षण | Dehydration symptoms

  • शुष्क त्वचा और होंठ
  • कब्ज़
  • बदबूदार सांस
  • सिरदर्द
  • कम रोग प्रतिरोधक क्षमता
  • त्वचा का ख़राब स्वास्थ्य
  • पेशाब कम आना या पीला आना 
  • थकान

पानी की कमी से होने वाले रोग | Water deficiency diseases

कम पानी पीने से शरीर पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। यहाँ कुछ मुख्य प्रभाव दिए गए हैं:

  • निर्जलीकरण (Dehydration): यह सबसे सामान्य प्रभाव है जो कम पानी पीने से होता है। निर्जलीकरण से थकान, सिरदर्द, और चक्कर आना हो सकता है। इससे शारीरिक और मानसिक प्रदर्शन पर भी असर पड़ता है।
  • पाचन समस्याएं: पर्याप्त पानी न पीने से पाचन क्रिया प्रभावित होती है, जिससे कब्ज और अन्य पाचन संबंधी विकार हो सकते हैं।
  • गुर्दे की समस्याएं: पर्याप्त जल सेवन न करने से गुर्दे पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जिससे गुर्दे की पथरी और अन्य गुर्दे के रोगों का जोखिम बढ़ सकता है।
  • त्वचा की समस्याएं: निर्जलीकरण से त्वचा सूखी और कम लोचदार हो जाती है, जिससे त्वचा पर झुर्रियाँ और अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  • ऊर्जा की कमी और थकान: पानी की कमी से शरीर में ऊर्जा का स्तर घटता है, जिससे आप अधिक थकान महसूस कर सकते हैं।
  • मूत्र संक्रमण और अन्य उत्तेजनाएं: कम पानी पीने से मूत्र में विषाक्त पदार्थों की सांद्रता बढ़ जाती है, जो मूत्र संक्रमण और अन्य मूत्र संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।

तो फिर एक दिन में कितना पानी पिए | How much water to drink in a day

Water

विशेषज्ञों का सुझाव है कि पुरुषों को प्रतिदिन लगभग 3.7 लीटर (लगभग 13 कप) और महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 2.7 लीटर (लगभग 11 कप) पानी पीना चाहिए। यह सिफारिश व्यक्ति की उम्र, लिंग, शारीरिक सक्रियता, और वातावरण के अनुसार बदल सकती है।

आपको कितना पानी पीना चाहिए?

पानी की आवश्यक मात्रा का निर्धारण निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है

  • वातावरण: गर्म और आर्द्र जलवायु में रहने वाले लोगों को अधिक पानी पीने की जरूरत होती है।
  • उम्र और लिंग: बच्चों और वयस्कों की पानी की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। सामान्यतः, पुरुषों को महिलाओं की तुलना में अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
  • शारीरिक गतिविधियां: जो लोग नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियाँ करते हैं, उन्हें पसीने के माध्यम से खोए गए तरल पदार्थ को पुनः प्राप्त करने के लिए अधिक पानी पीने की आवश्यकता होती है।
  • स्वास्थ्य स्थिति: कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ जैसे कि मधुमेह या किडनी के रोग पानी की आवश्यकता को प्रभावित कर सकती हैं।

NCBI के अध्ययन के अनुसार, पुरुषों के लिए 3,000 मिलीलीटर दैनिक तरल पदार्थ का सेवन उचित है (लगभग 12.5 ग्लास), और महिलाओं के लिए 2,200 मिलीलीटर (लगभग 9.2 ग्लास)।

यहाँ पर हर ग्लास को लगभग 240 मिलीलीटर माना गया है, जो कि एक सामान्य ग्लास का आकार होता है।

बच्चों के लिए, जल सेवन की सिफारिशें उनकी उम्र, वजन, और स्वास्थ्य की स्थिति पर आधारित होती हैं। यहां कुछ सामान्य गाइडलाइंस दी गई हैं:

  • 1 से 3 वर्ष के बच्चे: इस आयु वर्ग के बच्चों को लगभग 1.3 लीटर (लगभग 44 औंस) तरल पदार्थ प्रतिदिन पीने की सिफारिश की जाती है।
  • 4 से 8 वर्ष के बच्चे: इस आयु वर्ग के बच्चों को लगभग 1.7 लीटर (लगभग 57 औंस) तरल पदार्थ प्रतिदिन पीने की सिफारिश की जाती है।
  • 9 से 13 वर्ष के बच्चे: इस आयु वर्ग के लड़कियों को लगभग 2.1 लीटर (लगभग 71 औंस) और लड़कों को लगभग 2.4 लीटर (लगभग 81 औंस) तरल पदार्थ प्रतिदिन पीने की सिफारिश की जाती है।
  • 14 से 18 वर्ष के किशोर: इस आयु वर्ग की लड़कियों को लगभग 2.3 लीटर (लगभग 78 औंस) और लड़कों को लगभग 3.3 लीटर (लगभग 112 औंस) तरल पदार्थ प्रतिदिन पीने की सिफारिश की जाती है।

आपको एक दिन में कितने गिलास पानी पीना चाहिए, उसकी ये सामान्य मात्रा दी है। आप भी जानते हैं कि शारीरिक गतिविधि और गर्मी के मौसम में पानी की मात्रा में बढ़ोतरी हो जाती है, और बढ़ती उम्र के हिसाब और ठंडे वातावरण में इसमें कमी भी आ जाती है।

 पूरे दिन में कितने लीटर पानी पीना चाहिए, इसके लिए सबसे अच्छा है आप विशेषज्ञ की राय लें वो आपके शरीर के वजन, उम्र आदि के हिसाब से पानी का सेवन करने की सही मात्रा बता पाएंगे।यह तरीका आपको उचित हाइड्रेशन सुनिश्चित करने में मदद करेगा और आपके स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम होगा।

पानी की कमी से अपने शरीर को बचाने के 10 आसान टिप्स | Dehydration treatment

पानी की कमी या निर्जलीकरण से बचने के लिए यहाँ 10 आसान और प्रभावी टिप्स दिए गए हैं:

  • नियमित अंतराल पर पानी पीएं : दिन भर में नियमित अंतराल पर पानी पीने की आदत डालें, चाहे प्यास लगे या न लगे।
  • हाइड्रेशन ऐप्स का उपयोग करें : मोबाइल ऐप्स जैसे कि Water Reminder या Daily Water आपको पानी पीने की याद दिलाने में मदद कर सकते हैं।
  • पानी लेकर चलें : जब भी बाहर जाएं, अपने साथ एक वॉटर बॉटल लेकर चलें।
  • फ्लेवर्ड वॉटर का प्रयोग करें : अगर आपको सादा पानी पसंद नहीं है, तो नींबू, संतरा, या पुदीना जैसे स्वाभाविक फ्लेवर्स का उपयोग करके पानी का स्वाद बढ़ा सकते हैं।
  • हर्बल चाय और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें : हर्बल चाय और अन्य कैफीन-मुक्त पेय भी हाइड्रेशन में मदद कर सकते हैं।
  • शरीर के संकेतों पर ध्यान दें : अगर आपको थकान महसूस हो रही है या सिरदर्द हो रहा है, तो यह पानी की कमी का संकेत हो सकता है।
  • व्यायाम के दौरान अधिक पानी पिएं : व्यायाम करते समय और बाद में अधिक मात्रा में पानी पीना सुनिश्चित करें।
  • अल्कोहल सेवन के साथ पानी पिएं : अल्कोहल डिहाइड्रेट कर सकता है, इसलिए अल्कोहल पीते समय और उसके बाद पानी का सेवन करें।
  • फल और सब्जियाँ खाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो : तरबूज, खीरा, संतरा, और स्ट्रॉबेरी जैसे फल और सब्जियाँ, जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है, आपके हाइड्रेशन में मदद कर सकती हैं।

सुबह उठकर पानी  पिएं – जैसे ही आप सुबह उठें, एक गिलास पानी पीएं। इस प्रक्रिया को लगातार तीन सप्ताह तक करें, और यह जल्दी ही आपकी एक नियमित आदत बन जाएगी।

ज्यादा पानी पीने के नुकसान | Jyada pani peene se kya hota hai

पानी शरीर के लिए बहुत लाभदायक और जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी पीना (drinking too much water) हानिकारक भी हो सकता है।

  • हाइपोनेट्रेमिया: यह तब होता है जब शरीर में सोडियम का स्तर खतरनाक रूप से कम हो जाता है क्योंकि ज्यादा पानी पीने से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन में बदलाव हो सकता है। 
  • गुर्दे पर अतिरिक्त बोझ: जब आप बहुत अधिक पानी पी ते हैं, तो गुर्दे पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है क्योंकि उन्हें अधिक मात्रा में तरल पदार्थ को फिल्टर करना पड़ता है। इससे गुर्दे की समस्याएँ भी हो सकती हैं।
  • स्लीप डिस्टर्बेंस: अधिक पानी पीने से रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना पड़ सकता है, जिससे नींद में खलल पड़ता है।
  • मस्तिष्क की सूजन: बहुत ज्यादा पानी पीने से मस्तिष्क के कोशिकाओं में पानी जमा हो सकता है, जिससे मस्तिष्क की सूजन हो सकती है। यह गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • मिचली और उल्टी: अधिक पानी पीने से पेट बहुत भरा हुआ महसूस हो सकता है, जिससे मिचली और उल्टी हो सकती है।

निष्कर्ष

पानी हमारे जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व है और यह हमारे शरीर की विभिन्न क्रियाओं के लिए आवश्यक होता है। पानी पीना हमारे अंगों के सही ढंग से काम करने में मदद करता है। इसलिए, यह जानना कि हमें प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिए, स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।

ध्यान रखें कि आपका शरीर आपको जरूरत के हिसाब से संकेत देता है। प्यास लगना या मूत्र का रंग गहरा होना जैसे संकेतों को नज़रअंदाज न करें। सही मात्रा में पानी पीना आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा। अपनी दैनिक जीवनशैली में सही मात्रा में पानी पीने की आदत को शामिल करें और स्वस्थ जीवन शैली की ओर कदम बढ़ाएं।​

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