अपच (बदहजमी) के लक्षण और उपचार!

Indigestion

हर दिन की जल्दबाजी में, अपच की समस्या अक्सर नजरअंदाज हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपच आपके समग्र स्वास्थ्य पर कितना बड़ा प्रभाव डाल सकता है? ‘अपच के लक्षण और उपचार’ नामक यह लेख आपको  विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा और आपको बताएगा कि कैसे आप सही उपचार और परहेज से इससे निपट सकते हैं, तो आइए जानते हैं कि कैसे घरेलू उपचार अपनाकर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखा जा सकता है।

बदहजमी | Indigestion

अपच, जिसे बदहजमी भी कहते हैं, पेट के ऊपरी हिस्से में होने वाली बेचैनी होती है। जब पेट में बनने वाला एसिड पाचन तंत्र की सुरक्षात्मक परत को नुकसान पहुँचाता है, तो पेट की सूजन और जलन बढ़ती है जिससे बहुत अधिक तकलीफ हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, बदहजमी अक्सर गलत खान-पान के कारण होती है। आमतौर परअपच में कोई बड़ी जटिलता नहीं होती, लेकिन अगर लंबे समय तक इसका इलाज न हो तो यह समस्या गंभीर हो सकती है।

पेट में खाना न पचने के कारण | Indigestion causes

अपच एक आम समस्या है लेकिन इसके घरेलू उपाय जानने से पहले अक्सर अपच किस कारण हो सकती है, यह जानना भी जरूरी है:

1) अनियमित खान-पान: 

irregular eating

जब हम अलग-अलग समय पर खाते हैं, तो हमारा पेट और आंतें सही तरीके से काम नहीं कर पातीं। इसके कारण, पेट में गैस,अपच और कब्ज जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए, समय पर और नियमित खाना खाना बहुत जरूरी है ताकि हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम कर सके।

2) बिना चबाए खाना: 

fast eating

यदि हम खाने को अच्छी तरह चबाते नहीं  है तो इस से हमारे पेट को पचाने में मुश्किल होती है और पेट में गैस,अपच हो सकती हैं। इसलिए, खाना खाते समय उसे आराम से और अच्छी तरह चबाना चाहिए। यह हमारे पाचन के लिए अच्छा होता है।

3) अधिक मसालेदार या तैलीय भोजन:

Oily Food

ज्यादा मसालेदार या तैलीय भोजन खाने से हमारे पाचन तंत्र पर भार पड़ता है। इस तरह  खाना पचने में समय लेता है और कई बार पेट में जलन, अपच या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए, हल्का और कम मसालेदार भोजन करना बेहतर होता है ताकि हमारा पाचन तंत्र आसानी से खाने को पचा सके।

4) व्यायाम की कमी: 

less exercise

अगर हम रोज व्यायाम नहीं करते हैं, तो हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर सकता। इससे हमें पेट की समस्या हो सकती है, जैसे कि पेट दर्द और गैस की समस्या। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोज थोड़ा व्यायाम करना जरूरी है।

5) स्ट्रेस: 

Stress

जब हम स्ट्रेसमें होते हैं, तो हमारे शरीर पर असर पड़ता है, जिसमें हमारा पाचन तंत्र भी शामिल है। तनाव की स्थिति में, हमारा शरीर कुछ रसायन छोड़ता है जो पाचन क्रिया को सही से होने नहीं देते। इसका मतलब है कि खाना पचाने में हमारे शरीर को दिक्कत होती है। इससे पेट में दर्द, गैस या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, तनाव कम करना और शांत रहना हमारे पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

6) अल्कोहल और धूम्रपान: 

Smoke

शराब, और  सिगरेट ,  पीने से हमारे पेट की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। शराब पीने से हमारे पेट में जलन और खराब पाचन हो सकता है। इसी तरह, सिगरेट में मौजूद केमिकल्स पेट के एसिड को बढ़ा सकते हैं, जिससे अपच और पेट में दर्द हो सकता है। इसलिए, शराब और सिगरेट से दूर रहना पेट की सेहत के लिए अच्छा होता है।

7) पर्याप्त पानी न पीना: 

water

जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते, तो हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता। पानी हमारे पेट को साफ रखता है और खाने को आसानी से पचाने में मदद करता है। कम पानी पीने से हमारे पेट में कब्ज और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, रोजाना काफी मात्रा में पानी पीना जरूरी होता है ताकि हमारा पाचन सही रहे।

8) गलत आदतें: 

bad habits

खाने के तुरंत बाद सोने या फिर तुरंत पानी पीने से पाचन में समस्या आ सकती है। जब हम खाने के बाद तुरंत सोते हैं, तो हमारा शरीर खाने को ठीक से पचा नहीं पाता। इससे पेट में भारीपन और अपच हो सकता है। वहीं, खाने के तुरंत बाद बहुत ज्यादा पानी पीने से भी पाचन क्रिया प्रभावित होती है, क्योंकि इससे पेट में मौजूद एसिड कम हो जाता है, जो खाने को पचाने में मदद करता है। इसलिए, खाने के बाद कुछ समय तक सोने या बहुत ज्यादा पानी पीने से बचना चाहिए।

9) बच्चों में अपच की समस्या

fast food

बच्चे जब ज्यादा चॉकलेट, जंक फूड या पैक्ड फूड खाते हैं, तो उन्हें पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। ये चीजें ज्यादा मीठी, नमकीन और तैलीय होती हैं, जो बच्चों के पेट के लिए ठीक नहीं होतीं। इससे बच्चों को पेट दर्द, गैस और कब्ज जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इन खानों में पोषक तत्व भी कम होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए, बच्चों को संतुलित और पोषण से भरपूर आहार देना ज्यादा अच्छा होता है।

10) गर्भावस्था के दौरान अपच

pregnancy

गर्भावस्था के दौरान अपच की समस्या आम होती है। इस समय में, शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं और गर्भाशय का आकार बढ़ने से पेट पर दबाव पड़ता है। इससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और खाना पचने में समय लगता है। इस दौरान, महिलाओं को पेट में जलन, भारीपन और गैस की समस्या हो सकती है। सही आहार और धीरे-धीरे खाना खाने से इस समस्या को कम किया जा सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में संतुलित और पौष्टिक आहार लेना और खाने के बाद थोड़ी देर टहलना अच्छा होता है।

अपच के लक्षण और उपचार

बदहजमी की समस्या होने पर नीचे दिए गए सामान्य लक्षण महसूस हो सकते हैं।

  1. पेट में दर्द या जलन: खाना खाने के बाद आपके पेट में दर्द या जलन महसूस होना अपच का एक आम लक्षण है।
  2. भारीपन और असुविधा: खाने के बादपेट भरा महसूस होना  या असहजता होना।
  3. पेट में एसिड: अपच के कारण पेट में एसिड का स्तर बढ़ सकता है, जिससे सीने में जलन हो सकती है  और गैस बनती है।
  4. खट्टी डकारें और अफरा: पेट का एसिड मुँह की ओर आने से खट्टी डकारें या अफरा (बेल्चिंग) होना।
  5. अल्सर: लंबे समय तक अपच रहने से पेट में अल्सर (घाव) हो सकते हैं।
  6. कब्ज और डकार: मल त्याग में कठिनाई या अनियमितता और बार-बार डकार आना भी अपच का कारण हो सकता है।।
  7. मितली या उल्टी: कुछ मामलों में मितली आना या उल्टी होना।
  8. पेट फूलना और दर्द: पेट फूलने की समस्या और ऊपरी पेट में दर्द अपच के कारण होता है।

अपच के घरेलू उपाय

अपच को दूर करने के उपाय के रूप में हम हमारी रसोई में पाए जाने वाले कई खाद्य पदार्थों का उपयोग कर सकते हैं जो प्रभावी और सुरक्षित होते हैं। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं:

1) अदरक:अदरक, जो कि एक पारंपरिक और प्रभावी औषधि है,  यह विशेष रूप से अपच के लिए बहुत उपयोगी होता है, खासकर जब अपच खाना न पचने या ज्यादा खा लेने के कारण होने वाली समस्याएं हों। अदरक में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और डाइजेस्टिव सहायता प्रदान करने वाले गुण होते हैं, जो पेट की गैस, जलन और भारीपन को कम करते हैं।

अदरक पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है और पेट की मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे भोजन का बेहतर पाचन होता है और वाली अपच में राहत मिलती है। इसका उपयोग आप चाय के रूप में कर सकते हैं, जहाँ ताजा अदरक को पानी में उबालकर उसका सेवन करने से पेट की जलन और अपच में आराम मिलता है।

2) धनिया: धनिया, जो कि हमारी रसोई में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाला मसाला है, पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। धनिया पाचन क्रिया को सुधारने और पेट की गैस को कम करने में मददगार होता है। इसमें एंटी-स्पास्मोडिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट की ऐंठन और जलन को कम करते हैं।

धनिया के बीज और पत्तियों का उपयोग पेट के लिए किया जा सकता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज की समस्या में भी राहत देता है। धनिया के बीज का पानी पीने से भी पेट की गैस और अपच में आराम मिलता है।

धनिया का सेवन ताजा पत्तियों के रूप में सलाद, चटनी, रायता या खाने के गार्निशिंग के लिए किया जा सकता है। धनिया के बीजों को भुनकर और पीसकर मसाले के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

3) पुदीना: पुदीना, जिसे मिंट भी कहा जाता है, अपच के लक्षणों में राहत प्रदान करने में बहुत प्रभावी होता है। यह ठंडा और ताजगी भरा होता है, जो पेट को आराम देने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। पुदीना में एंटी-स्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो पेट की मरोड़ और गैस की समस्याओं को कम करते हैं।

पुदीना का उपयोग आप चाय के रूप में कर सकते हैं, या फिर इसे सलाद, रायता, या अन्य खाने में ताजा पत्तियों के रूप में मिला सकते हैं। पुदीने की चटनी भी एक लोकप्रिय और स्वादिष्ट तरीका है इसका सेवन करने का। इसके अलावा, पुदीने का तेल भी पेट की समस्याओं में राहत के लिए उपयोगी होता है।

4) नारियल पानी: नारियल पानी, जो कि एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर पेय है, अपच को ठीक करने में काफी मददगार होता है। यह प्राकृतिक रूप से हल्का और सुपाच्य होता है, जिससे यह पेट के लिए आरामदायक होता है। नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स और विभिन्न खनिज लवण होते हैं जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं और पाचन क्रिया को सुधारते हैं।

कई बार अपच डिहाइड्रेशन के कारण बनते हैं। इस स्थिति में, नारियल पानी शरीर को जरूरी तरलता प्रदान करता है और पेट की समस्याओं को कम करता है। यदि आप अपच को ठीक करना चाहते हैं या अपच के कारण पेट में जलन, गैस या अन्य परेशानियाँ महसूस कर रहे हैं, तो नारियल पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है।

5) आंवला: आंवला, जो एक प्राचीन भारतीय फल है, अपच के लक्षणों और अपच से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एक उत्कृष्ट उपचार है। आंवला विटामिन C से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स की प्रचुर मात्रा होती है, जो पाचन क्रिया को सहायता प्रदान करते हैं।

अगर आपअपच के लक्षणों से परेशान हैं, जैसे कि पेट में भारीपन, अफारा, या खट्टी डकारें, तो आंवला इसमें बहुत मदद कर सकता है। आंवला आंतों को स्वस्थ बनाता है और अम्लता को कम करता है, जिससे अपच से पीड़ित लोगों को आराम मिलता है।

आंवला का सेवन आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। आप इसे कच्चा खा सकते हैं, इसका मुरब्बा बना सकते हैं, या फिर इसका जूस पी सकते हैं। आंवला पाउडर भी बाजार में आसानी से मिलता है, जिसे आप पानी के साथ मिलाकर पी सकते हैं। इसके अलावा, आंवला कैंडी भी एक लोकप्रिय विकल्प है, जिसे बच्चे और बड़े दोनों ही पसंद करते हैं। नियमित रूप से आंवला का सेवन करने से न सिर्फ बदहजमी दूर होती हैं , बल्कि अन्य स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी मिलते हैं।

6) दही: दही, जो कि हमारे भारतीय खान-पान का एक अहम हिस्सा है, अपच, सीने की जलन और बदहजमी को दूर करने में बहुत प्रभावी होता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आपके पेट के लिए अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। ये बैक्टीरिया पाचन क्रिया को सुधारते हैं और पेट को स्वस्थ रखते हैं।

अपच और सीने की जलन में दही ठंडक प्रदान करता है और पेट में एसिड के स्तर को कम करता है। इसके अलावा,  दही आंतों की सूजन और अन्य पेट से जुड़ी बीमारियों में भी राहत प्रदान करता है।

दही का उपयोग आप विभिन्न रूपों में कर सकते हैं। इसे सीधे खाया जा सकता है, लस्सी या रायता बनाकर पी सकते हैं।

7) लौंग: लौंग एक ऐसा मसाला है जो खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। विशेष रूप से, यह गैस्ट्राइटिस और पेट से जुड़ी समस्याओं में काफी कारगर होता है। गैस्ट्राइटिस, जो कि पेट की आंतरिक परत में सूजन के कारण होता है, अक्सर दर्द और असुविधा का कारण बनता है। लौंग में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण इस सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

लौंग के तेल में ऐसे घटक होते हैं जो पाचन को बेहतर बनाते हैं और पेट की गैस को कम करते हैं। यह पेट की जलन और खट्टी डकारों को भी कम करता है। गैस्ट्राइटिस के कारण अक्सर होने वाले पेट दर्द और अन्य लक्षण में लौंग बहुत लाभदायक होता है।

लौंग का उपयोग करने के लिए आप इसे चाय में डालकर पी सकते हैं, या फिर खाने में पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ लोग लौंग को मुँह में रखकर चबाते भी हैं, खासकर जब उन्हें पेट में दर्द या जलन महसूस होती है।

8) हींग: हींग हमारे पेट के लिए बहुत अच्छी चीज है। यह पेट में गैस और जलन को कम करती है। हींग पेट के एसिड को बेअसर  करती है, जिससे जलन में आराम मिलता है। यह पाचन को भी ठीक करती है और पेट को मजबूत बनाती है। हम इसे खाने में डाल सकते हैं या फिर पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

अगर पेट के निचले हिस्से में दर्द हो, तो हींग और पानी का घोल बनाकर इसे उस जगह पर लगाना भी फायदेमंद हो सकता है। यह एक प्राकृतिक उपचार है और कई लोगों को इससे आराम मिलता है।

9) मेथी: मेथी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है, खासकर जब बात अपच और पेट खराब होने की आती है। मेथी के दाने में फाइबर और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसका मतलब है कि मेथी खाने से पेट में गैस बनने की समस्या कम होती है और खाना अच्छे से पचता है।

अगर आपको अपच की समस्या हो, तो मेथी के दानों को रात भर पानी में भिगो दें और सुबह इन्हें चबाकर खाएं। इससे पेट साफ होता है और अपच में राहत मिलती है। मेथी का पानी पीना भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा, मेथी को पीसकर इसका पाउडर बना लें और इसे दाल या सब्जियों में मिलाकर खाएं।

10) सौंठ (सूखी अदरक का पाउडर): सौंठ, जो कि सूखी अदरक का पाउडर होता है, अपच से राहत पाने और पेट की परेशानी कम करने में बहुत उपयोगी होती है। यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है और पेट में गैस या जलन की समस्या को कम करती है। सौंठ में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और पाचन सुधारने वाले गुण होते हैं, जो पेट की अन्य समस्याओं जैसे कि भारीपन और असहजता को भी कम करते हैं।

अपच से राहत पाने के लिए सौंठ का पाउडर गर्म पानी के साथ ले सकते हैं। इसे चाय में डालकर या सूप में मिलाकर भी पी सकते हैं। सौंठ का उपयोग भोजन में मसाले के रूप में भी किया जाता है, जिससे खाने का स्वाद बढ़ता है और पाचन में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

इस लेख में अपच का इलाज, कारण और लक्षण बताए गए हैं। यदि आपको पेट से जुड़ी कोई परेशानी है, तो ये उपचार काफी कारगर साबित हो सकते हैं। हालांकि, यदि लंबे समय तक बीमारी बनी रहती है या लक्षण बढ़ते जाते हैं, तो डॉक्टर का संपर्क करना जरूरी है।

और हां, एक बात ध्यान में रखें कि घरेलू उपचार अपनाते समय सावधानियां जरूर बरतें। उपचार की सीमित मात्रा का ध्यान रखें, आपकी आयु और विशेष स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार ही उपचार चुनें। अत्यधिक या गलत तरीके से उपचार का इस्तेमाल करने से नुकसान भी हो सकता है।

याद रखें, आपका स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या के बारे में चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।

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