गिलोय जूस: नेचुरल हीलिंग का स्रोत!
हमारे आसपास प्रकृति ने अनेक स्वास्थ्यवर्धक और चमत्कारी पौधे प्रदान किए हैं, जिनमें से हम कई के बारे में जानते भी नहीं हैं। इन्हीं में एक है गिलोय की बेल (गुडुची)। यह बेल औषधीय गुणों से तो भरपूर होती ही है, साथ हमारे घरों की बालकनियों और बगीचों में सुंदरता बिखेरती है। एक पुरानी कहावत है, प्रकृति हर मर्ज की दवा रखती है।और यह बात गिलोय जूस पर बिल्कुल सटीक बैठती है।
आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त, और कफ) को संतुलित करने में मदद करता है और विज्ञान मानता है, गिलोय जूस में अनेक प्रकार के बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं जो इसे एक शक्तिशाली इम्युनोमोडुलेटर बनाते हैं।
आइए, इस लेख में हम आश्चर्यचकित कर देने वाले फायदों के बारे में जानें, जो गिलोय के रस को न सिर्फ एक पेय, बल्कि एक जीवन अमृत बनाते हैं।
गिलोय जूस | Giloy Juice
गिलोय एक तरह की बहुवर्षीय (कई वर्षों रहने वाली) बेल है, जिसके पत्ते पान के पत्तों के समान होते हैं। इसमें गर्मी के मौसम में पीले रंग के फूल खिलते हैं। इस बेल से कई जगहों पर जड़ें निकलती हैं और वे नीचे की ओर लटकती हैं। गिलोय का स्वाद तीखा होता है, लेकिन इसमें कोई विशेष गंध नहीं होती।
गिलोय की पत्तियों को पीसकर इसका जूस बनाया जाता है, इसके अलावा गिलोय का तना भी रस बनाने के काम आता है।
गिलोय के औषधीय गुण | Giloy juice medical properties
गिलोय में एंटीपायरेटिक (ज्वरनाशक), एंटी-वायरल, एंटी-ऑक्सीडेंटऔर एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
National Center for Biotechnology Information शोध के अनुसार, हाल के शोधों में, गिलोय के डाइक्लोरोमिथेन एक्सट्रैक्ट्स (डीसीई) के एंटी-ट्यूमर गुणों का पता चला है। यह पाया गया कि इसका उपयोग कैंसर कोशिकाओं, विशेषकर हेला सेल्स पर, उनकी वृद्धि को रोकने और उन्हें नष्ट करने में मदद कर सकता है। गिलोय के सेवन से कैंसर सेल्स की वृद्धि में कमी आई और इसने लिपिड पेरोक्सीडेशन और लैक्टेट डिहाइड्रोजनेज़ (एलडीएच) की रिलीज़ में वृद्धि की, जिससे उनकी मृत्यु दर में वृद्धि हुई।
इसके अलावा, गिलोय के अर्क का उपयोग गले के कैंसर के उपचार में भी सफलतापूर्वक किया गया है। यह न केवल कैंसर के खिलाफ बल्कि संक्रमणों के खिलाफ भी प्रतिरक्षा बढ़ाता है और मानवों में इसका कोई जहरीला प्रभाव नहीं पाया गया है।
गिलोय की ये खूबियाँ इसे एक विशेष औषधीय महत्व का पौधा बनाती हैं, जिसका उपयोग आज के समय में विभिन्न रोगों के उपचार में हो रहा है।
गिलोय जूस के फायदे | Giloy juice benefits
आज हम आपको गिलोय की बेल का जूस पीने के 8 अद्भुत फायदों के बारे में बात करेंगे, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हैं।
1) इम्युनिटी का रक्षक
गिलोय के पत्ते और तने का अर्क बहुत ही खास होता है।इसमें मौजूद इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण हमारे शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं। जब हम गिलोय के पत्तों और तने से बने जूस का सेवन करते हैं, तो यह हमारी इम्युनिटी को मजबूत बनाता है। इसके अंदर पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व हमें अनेक प्रकार के संक्रमण और रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं। इसके नियमित उपयोग से हमारे श्वेत रक्त कोशिकाएं, (WBCs) जो हमारे शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं, मजबूत होती हैं और हमें विभिन्न प्रकार के संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में सहायता करती हैं।
2) गिलोय का इस्तेमाल ब्लड बढ़ाने में
ब्लड की कमी से पीड़ित महिलाओं के लिए गिलोय का रस काफी फायदेमंद है। एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे थकान, कमजोरी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।गिलोय में मौजूद पोषक तत्व और खनिज जैसे कि लौह (आयरन) और जिंक खून के निर्माण में सहायक होते हैं। इसका नियमित सेवन शरीर में लौह तत्वों की मात्रा बढ़ाकर शरीर में खून की कमी को दूर कर सकता है। महिलाओं को भी गिलोय के जूस का सेवन करना चाहिए अक्सर ब्लड की कमी पीरियड्स से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
3) गिलोय जूस से डेंगू का निवारण
डेंगू वह बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है और इससे शरीर में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जिसका असर व्यक्ति की इम्युनिटी पर पड़ता है। इस समय में, गिलोय का जूस पीने से बहुत फायदा होता है। गिलोय में मौजूद प्राकृतिक तत्व हमारे शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करते हैं।
जब कोई डेंगू से पीड़ित होता है, तब गिलोय का जूस पीने से शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ने में मदद मिलती है। इससे खून की कमी दूर होती है और शरीर स्वस्थ रहता है। डेंगू के बुखार में भी गिलोय के काढ़े से राहत मिलती है। इस तरह, गिलोय की पत्तियों का जूस पीने और उसके काढ़े का सेवन करने से डेंगू में बहुत फायदा होता है।
4) गिलोय डायबिटीज से बचने के लिए
आजकल, बड़ों के अलावा छोटे बच्चों में भी शुगर यानी मधुमेह की समस्या देखने को मिल जाती है। मधुमेह तब होता है जब हमारे खून में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है। गिलोय डायबिटीज को संतुलित रखने का अच्छा उपाय है। गिलोय में ब्लड शुगर को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। यह न सिर्फ शुगर को कंट्रोल करता है, बल्कि इंसुलिन, जो शरीर में शुगर को संतुलित करने का काम करता है, उसके काम को भी बेहतर बनाता है। इस तरह, गिलोय का सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए एक उपयोगी और नैचुरल उपचार के रूप में कार्य कर सकता है।
5) खूबसूरती बढ़ाएं गिलोय का प्रयोग
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट औषधीय गुण होते है , त्वचा संबंधित समस्याओं में विशेष रूप से लाभदायक होता है। यह त्वचा की सूजन और इरिटेशन को कम करने में सहायक है, जो मुँहासे, एक्जिमा, सोरायसिस जैसी समस्याओं में आमतौर पर होती है।
शोधों में पाया गया है कि गिलोय के तने की छाल से निकाले गए तेल का उपयोग त्वचा की समस्याओं के उपचार में किया जा सकता है। इस तेल में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो समय से पहले बालों की सफेद होने की समस्या से बचाव में मदद कर सकते हैं। गिलोय के इन उपयोगों से यह स्पष्ट होता है कि यह जड़ी-बूटी न केवल आंतरिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है, बल्कि बाहरी सौंदर्य और त्वचा की देखभाल में भी उतनी ही कारगर है।
6) गिलोय के सेवन से डाइजेशन अच्छा
अगर आप पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज या अन्य समस्याओं से परेशान है तो गिलोय जूस का सेवन रोजाना करे। इस जूस में मौजूद गुण पाचन तंत्र को सही तरीके से संचालित करने में मदद करते हैं और आहार को अच्छी तरह से पाचन करने में सहायक होते हैं। इससे आप कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं से बच सकते हैं। इसके अलावा गिलोय का उपयोगदस्त, कोलाइटिस, उल्टी, हाइपरएसिडिटी आदि को कम करने में मदद करता है।
7) नेचुरल डिटॉक्सिफायर गिलोय का जूस
आयुर्वेद में गिलोय को एक डिटॉक्सिफायर माना जाता हैजो हमारे शरीर को स्वच्छ और ताजगी भरा रखने में मदद करती है। हमारे शरीर में लीवर और किडनी ऐसे दो महत्वपूर्ण अंग हैं जो शरीर को शुद्ध करने का काम करते हैं। लीवर हमारे खून को साफ करता है, वहीं किडनी हमारे शरीर से अतिरिक्त पानी और अशुद्धियों को बाहर निकालती है। गिलोय इन दोनों अंगों को और भी अच्छी तरह से काम करने में मदद करती है, जिससे वे ज्यादा प्रभावी रूप से अपना काम कर सकें और हमारा शरीर अधिक स्वस्थ रहे।
8) गिलोय का उपयोग जोड़ों के दर्द में
सर्दी के मौसम में जोड़ों का दर्द एक आम शिकायत होती है, जो कई बार असहनीय हो सकता है। इस दर्द से राहत पाने में गिलोय एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (विरोधी सूजन) गुण होते हैं। ये गुण गठिया, आर्थराइटिस, और अन्य जोड़ों की सूजन संबंधी विकारों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। गिलोय के नियमित सेवन से सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द में कमी आ सकती है।
गिलोय के फायदे अन्य पदार्थ के साथ
नीम गिलोय जूस के फायदे
नीम और गिलोय जूस के मिश्रण से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं:
फायदे | विवरण |
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प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार | गिलोय और नीम दोनों ही प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, जिससे शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में सक्षम होता है। |
त्वचा सम्बन्धी लाभ | नीम में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और गिलोय त्वचा की स्वास्थ्य सुधार में मदद करता है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं कम होती हैं। |
डिटॉक्सीफिकेशन | यह मिश्रण शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने में सहायक होता है, जिससे शरीर की सामान्य स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार होता है। |
पाचन में सुधार | गिलोय और नीम पाचन क्रिया को सुधारते हैं और पाचन संबंधी विकारों में राहत प्रदान करते हैं। |
रक्त शुद्धि | यह मिश्रण रक्त को शुद्ध करने का कार्य करता है, जिससे रक्त संबंधित विकारों में लाभ होता है। |
ज्वर को कम करना | गिलोय और नीम ज्वर को कम करने में प्रभावी होते हैं, विशेषकर डेंगू और मलेरिया जैसे बुखार में। |
आंवला एलोवेरा गिलोय जूस के फायदे
आंवला, एलोवेरा, और गिलोय के जूस के मिश्रण से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं:
फायदे | विवरण |
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प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार | तीनों घटक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, जिससे शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमणों और रोगों से बचाव करने में सक्षम होता है। |
त्वचा के लिए लाभकारी | एलोवेरा और आंवला त्वचा की स्वास्थ्य और जीवंतता को बढ़ाते हैं, जबकि गिलोय त्वचा संबंधित समस्याओं में राहत प्रदान करता है। |
पाचन क्रिया में सुधार | यह मिश्रण पाचन क्रिया को सुधारता है और पेट संबंधित विकारों में राहत देता है। |
डिटॉक्सिफिकेशन | इन सामग्रियों के मिश्रण से शरीर के टॉक्सिन्स को निकालने में मदद मिलती है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। |
बालों के लिए लाभकारी | आंवला बालों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, और एलोवेरा भी बालों की स्वास्थ्य में सुधार करता है। |
रक्त शुद्धि | यह जूस रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है, जिससे रक्त संबंधित विकारों में लाभ होता है। |
गिलोय जूस कैसे बनाये | How to make giloy juice
गिलोय जूस बनाने के लिए, सबसे पहले दो मीटर लंबी गिलोय की बेल और उसके पत्तों को धोकर एक मिक्सर में पीस लें ताकि एक स्मूथ पेस्ट बन जाए। फिर, इस पेस्ट को लगभग एक लीटर पानी के साथ एक बड़े बर्तन में मिलाएं और गैस पर चढ़ाकर उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। इस प्रक्रिया से गिलोय के गुण पानी में समाहित हो जाएंगे। उबलने के बाद, जूस को गैस से उतारें, छानकर ठंडा करें और इसका सेवन करें। यह जूस स्वास्थ्य लाभकारी होता है ।
गिलोय जूस पीने का तरीका | How to use giloy
आप गिलोय जूस बनाने के लिए या तो प्राकृतिक पत्तों का उपयोग कर सकते हैं, या फिर बाजार में उपलब्ध कुछ ब्रांड्स के गिलोय जूस को खरीद सकते हैं, जिन पर मात्रा भी लिखी होती है और लेने का तरीका भी आप उसका उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, गिलोय के चूर्ण और टैबलेट्स का भी उपयोग किया जा सकता है।
लिखित तालिका में पतंजलि गिलोय जूस के फायदे, बैद्यनाथ गिलोय जूस के फायदे, डाबर गिलोय जूस के फायदे प्रस्तुत किए गए हैं:
गिलोय जूस के सामान्य फायदे | विवरण |
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प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना | गिलोय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे विभिन्न संक्रमणों और रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। |
पाचन क्रिया में सुधार | गिलोय पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और पाचन संबंधी विकारों में राहत प्रदान करता है। |
त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभकारी | गिलोय त्वचा के रोगों और संक्रमणों में लाभ प्रदान कर सकता है, जिससे त्वचा स्वस्थ और स्वच्छ रहती है। |
जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत | गिलोय के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत प्रदान करते हैं। |
रक्त शुद्धि | गिलोय रक्त को शुद्ध करने का काम करता है, जिससे रक्त संबंधित विकारों में लाभ होता है। |
ऊर्जा और जीवनी शक्ति में वृद्धि | गिलोय शारीरिक ऊर्जा और जीवनी शक्ति को बढ़ावा देता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। |
ये फायदे पतंजलि, बैद्यनाथ, और डाबर जैसे विभिन्न ब्रांड्स के गिलोय जूस में सामान्य रूप से पाए जाते हैं।
गिलोय जूस कब पीना चाहिए | How to take Giloy juice
गिलोय जूस को पीने का सबसे उत्तम समय सुबह खाली पेट होता है। इस समय जूस पीने से इसके स्वास्थ्यवर्धक लाभों का सबसे ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है। खाली पेट होने पर शरीर जूस में मौजूद पोषक तत्वों को अधिक सहजता और प्रभावी ढंग से अवशोषित कर पाता है। गिलोय की पत्तियां का काढ़ा आपको प्रतिदिन एक कप से ज्यादा नहीं पीना चाहिए।
गिलोय जूस साइड इफेक्ट्स इन हिंदी | Side effects of Giloy
फायदे और नुकसान सभी के होते हैं, गिलोय बहुत फायदेमंद है लेकिन अधिक गिलोय का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है जाने कैसे:-
1) एलर्जी: कुछ लोगों में गिलोय से एलर्जिक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं, जैसे खुजली, चकत्ते, या त्वचा पर रैशेज।
2) अधिक सेवन से दस्त: गिलोय का अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे दस्त,पेट में दर्द या जलन हो सकते हैं।
3) गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान: गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान गिलोय के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इसके प्रभाव के बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
निष्कर्ष
जैसा कि लेख की शुरुआत में बताया गया था, गिलोय में वात, कफ, और पित्त – तीनों प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति होती है, जिससे यह आयुर्वेद में एक बेहद जरूरी और महत्वपूर्ण औषधि का दर्जा प्राप्त करता है। इसके नैसर्गिक होने के कारण, इसके कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होते हैंआप भी इस औषधि का उपयोग करके अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, लेकिन गिलोय का उपयोग करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी स्वास्थ्य स्थिति का ध्यान देना चाहिए। विशेष स्वास्थ्य स्थितियों में, गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद महत्वपूर्ण है।