क्या आप जानते है, पानी पीने का सही तरीका!

Water

स्वस्थ जीवन जीने के लिए सही मात्रा में पानी पीना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन यदि गलत ढंग से पानी पिया जाए तो यह हमारे शरीर में बीमारियों को न्योता दे सकता है। बच्चे तो बच्चे, हम बड़े भी अनजाने में पानी पीने के दौरान कई गलतियाँ करते हैं, जो हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं।

आइए जानते हैं कि कैसे पानी पीने का सही तरीका अपनाकर हम इन गलतियों से बच सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

गलत तरीके से या खड़े होकर पानी पीने से क्या होता है | Side effects of drinking water while standing

विज्ञान और आयुर्वेद दोनों ही पानी पीने के सही तरीके पर जोर देते हैं, क्योंकि गलत तरीके से पानी पीने से कई बीमारियाँ हो सकती हैं। आइए जानें कि खड़े होकर पानी पीने से कौन-कौन सी समस्याएँ हो सकती हैं और हमें कैसे इससे बचना चाहिए:

1) डाइजेस्टिव सिस्टम को परेशानी 

जब कोई खड़े होकर तेजी से पानी पीता है, तो पानी भोजन नली से होकर सीधे पेट के निचले हिस्से में गिरता है, जिससे नसों पर दबाव बढ़ जाता है और नर्वस सिस्टम अशांत हो जाता है इसके कारण पानी पूरी तरह से पच नहीं पाता और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है इसलिए हमेशा बैठकर पानी पीना चाहिए, जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम सही ढंग से काम करता और बेहतर रहता है।

2) इनवाइट जॉइंट पैन 

जब हम बैठकर पानी पीते हैं तो यह धीरे-धीरे पेट में जाता है, जिससे पाचन तंत्र सही ढंग से काम करता है। लेकिन यदि खड़े होकर पानी पिया जाता है, तो यह जोड़ों में जमा हो सकता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और आगे जाकर जोड़ों में दर्द और गठिया की समस्या हो सकती है।

3) स्टोर गंदगी इन ब्लेडर  

जब हम खड़े होकर जल्दी-जल्दी पानी पीते हैं तो पानी का फ्लो फास्ट होता है, जिससे किडनी को उसे छानने में दिक्कत होती है। इस प्रकार पानी की गंदगी मूत्राशय में जमा हो जाती हैं जिससे पेशाब संबंधी रोग और किडनी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

4) सांस की नली में रूकावट 

जल्दी-जल्दी पानी पीने से पानी सांस नली में अटक सकता है, जिससे साँस लेने में दिक्कत, खाँसी और घुटन हो सकती है। यह श्वसन मार्ग को बंद कर सकता है और फेफड़ों को भी नुकसान पहुँचा सकता है।

5) गलत तरीके से पानी पीने से हो सकता है हर्निया

खड़े होकर पानी पी ने से पानी तेजी से पेट के निचले हिस्से में जमा हो जाता है। इससे पेट की अंदरूनी दीवारों पर दबाव बढ़ता है, जिससे आंत्रवृद्धि (हर्निया) की समस्या हो सकती है। धीरे-धीरे यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए, हमेशा बैठकर और धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए, ताकि पेट पर दबाव न पड़े और हर्निया जैसी समस्याओं से बचा जा सके।

पानी पीने का सही तरीका | How to drink water correctly in hindi

अब अगर आपको इन बीमारियों से बचना है तो अपनाये पानी पीने के ये तरीके :

  • एक साथ ज्यादा पानी न पिएं: जब हम एक साथ ज्यादा पानी पीते हैं, तो हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम पर एक्स्ट्रा लोड बढ़ जाता है, जो पेट के लिए अच्छा नहीं होता। इसलिए, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार पानी पिएं। सामान्यतः 10-12 गिलास दिनभर के लिए पर्याप्त होता है।
  • घूंट भरकर पीएं पानी: जब हम एक-एक घूंट पानी पीते हैं, तो पानी में जो मिनरल्स होते हैं, वे सही तरीके से एब्सॉर्ब होते हैं, जिससे शरीर को पोषण और एनर्जी  मिलती है।
  • हमेशा पहले बैठें फिर पीएं पानी: बैठकर पानी पीने से पानी का फ्लो धीमा और नियंत्रित होता है। इससे पानी आंतों के माध्यम से अवशोषित होकर रक्त में मिल जाता है, जिससे पूरे शरीर को हाइड्रेशन मिलता है।
  • भोजन के साथ और तुरंत बाद पानी न पीएं: जब हम खाना खाते हैं, तो हमारी जठराग्नि तेज होती है, जो खाने को पचाने में मदद करती है। लेकिन यदि हम भोजन के साथ और तुरंत बाद पानी पीते हैं, तो यह जठराग्नि को बुझा देता है। इससे हमारा खाना सही से पच नहीं पाता और सड़ने लगता है, जिससे अपच और गैस की समस्या हो सकती है।
  • गिलास से पानी पीना सबसे अच्छा: गिलास से पानी पीना अधिक स्वच्छ होता है क्योंकि बोतल से पीने पर मुंह बोतल से लगता है, जिससे स्वच्छता में कमी आ सकती है। इससे पानी की मात्रा भी याद रखने में मदद मिलती है।
  • मिट्टी या तांबे के बर्तन में पानी पीएं: मिट्टी या तांबे के बर्तन में रखा पानी ‘त्रिदोष’ (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करता है और इसमें प्राकृतिक मिनरल्स भी होते हैं।
  • सामान्य या गुनगुना पानी पीएं: बहुत ठंडा या गर्म पानी शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकता है और पाचन पर बुरा असर डाल सकता है।
  • मात्रा का ध्यान दें: कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन और ज्यादा पानी पीने से ओवरहाइड्रेशन होता है, जिससे जी मिचलाना, उल्टी, सिर दर्द और गंभीर मामलों में दौरा, कोमा या मौत भी हो सकती है।

FAQs

क्या पीना चाहिए, गर्म या ठंडा पानी?

गुनगुना पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। यह पाचन तंत्र को आराम देता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। ठंडा पानी पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकता है और शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है। इसलिए, हमेशा गुनगुना या सामान्य तापमान का पानी पीएं।

पानी पीने के नियम क्या हैं?

पानी पीने के नियमों में बैठकर और धीरे-धीरे पीना, खाने के साथ और तुरंत बाद न पीना, और गुनगुना पानी पीना शामिल है। दिनभर में छोटे-छोटे अंतराल पर पानी पिएं।

आयुर्वेद के अनुसार पानी कैसे पीना चाहिए?

आयुर्वेद के अनुसार, तांबे या मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। पानी को घूंट-घूंट करके पीएं और हमेशा बैठकर पीएं। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है, इससे शरीर डिटॉक्स होता है और पाचन शक्ति बढ़ती है।

24 घंटे में कितना पानी पीना चाहिए?

रोजाना 8-10 गिलास (2-3 लीटर) पानी पीना चाहिए, लेकिन यह आपकी शारीरिक गतिविधियों और मौसम पर निर्भर करता है। अधिक पसीना आने पर या गर्म मौसम में पानी की मात्रा बढ़ा सकते हैं। सही मात्रा में पानी पीने से डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है और शरीर के सभी अंग सही ढंग से काम करते हैं

शौच के कितने देर बाद पानी पीना चाहिए?

शौच के 20-30 मिनट बाद पानी पीना चाहिए। इससे शरीर को पाचन और अन्य कार्यों के लिए समय मिलता है और पानी के सही अवशोषण में मदद मिलती है। इस अवधि के बाद पानी पीने से पेट साफ रहता है और पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।

सुबह खाली पेट में कितना पानी पीना चाहिए?

सुबह खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है, पाचन को सुधारता है और मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। सुबह का पानी पीना दिनभर की ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण होता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है

मोटापा कम करने के लिए कौन सा पानी पीना चाहिए?

मोटापा कम करने के लिए गुनगुना पानी या नींबू पानी पीना फायदेमंद होता है। गुनगुना पानी शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है और नींबू पानी मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है। इसे सुबह खाली पेट पीने से वजन घटाने में तेजी आ सकती है।

पानी पीने से कौन सी बीमारी दूर होती है?

पानी पीने से डिहाइड्रेशन, कब्ज, सिरदर्द, त्वचा संबंधी समस्याएं, मूत्र संबंधी समस्याएं और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियां दूर होती हैं। नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।

क्या हम बिना प्यास के पानी पी सकते हैं?

हाँ, बिना प्यास के भी थोड़ा-थोड़ा पानी पीना चाहिए। इससे शरीर हमेशा हाइड्रेटेड रहता है और डिहाइड्रेशन की संभावना कम होती है। नियमित अंतराल पर पानी पीने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

आपको कैसे पता चलेगा कि आपके शरीर को पानी की जरूरत है?

अगर आपको प्यास लगती है, मुंह सूखता है, पेशाब का रंग गहरा होता है या थकान महसूस होती है, तो ये संकेत हैं कि आपके शरीर को पानी की जरूरत है। इन संकेतों पर ध्यान देकर समय पर पानी पिएं।

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