कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?
क्या आप अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को लेकर चिंतित हैं और इसे संतुलित करना चाहते हैं? इस लेख में हम जानेंगे कि कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए किन आहार का सेवन करना चाहिए, और कैसे छोटे-छोटे परिवर्तन हमारे जीवन में बड़े प्रभाव ला सकते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं।
कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसका प्रभाव
कोलेस्ट्रॉल एक मोमी, वसायुक्त पदार्थ है जो हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाया जाता है। यह हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह हार्मोन, विटामिन डी, और वे पदार्थ बनाने में मदद करता है जो भोजन को पचाने में सहायक होते हैं। हालांकि, अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ संकेत हो सकते हैं जिन्हें समझना ज़रूरी है। छाती में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ़ होना, और आवर्ती थकान – ये सारे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण माने जाते हैं। यदि आप इन लक्षणों को अपने में अनुभव कर रहे हैं, तो तत्काल डॉक्टर से जांच करवा लेनी चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी और इसके परिणाम देखने में कुछ हफ़्ते या महीने लग सकते हैं। इसमें आपकी लाइफस्टाइल की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। संतुलित आहार और नियमित रूप से व्यायाम करके कोलेस्ट्रॉल कुछ हद तक कम किया जा सकता है। पर इसके परिणामों को देखने में कई हफ़्ते या महीनों का समय लग सकता है।
यह सही है कि आपकी यह डेली रूटीन लगातार फॉलो (Follow) करते रहना होगा इसके परिणाम देखने के लिए। कुछ अच्छी आदतें आपको एक नई जिंदगी दे सकती हैं।
उच्च कोलेस्ट्रॉल के जोखिम
- हृदय रोगों का जोखिम: अधिक कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा हो सकता है, जिससे वे संकरी और कठोर हो जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।
- स्ट्रोक का खतरा: संकरी धमनियों के कारण रक्त का प्रवाह मस्तिष्क तक ठीक से नहीं हो पता है, जिससे स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ता है।
- पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज (PAD): यह बीमारी तब होती है जब पैरों की धमनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे चलने में दर्द और अन्य समस्याएँ हो सकती हैं।
समझना महत्वपूर्ण है कि कोलेस्ट्रॉल कितने दिन कम होता है, इस पर आपकी जीवनशैली का गहरा प्रभाव पड़ता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल को कम करने का प्रयास किया जा सकता है, पर इसके परिणामों को देखने में कई हफ़्ते या महीनों का समय लग सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?
यदि आप कोलेस्ट्रॉल कम करने की चाह रखते हैं, तो आपको अपने आहार में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने चाहिए। आइए जानते हैं कि उच्च फाइबर युक्त आहार, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, और प्लांट स्टेरोल्स से भरपूर खाद्य पदार्थ कैसे आपके लिपिड प्रोफाइल को सुधार सकते हैं।
फाइटोस्टेरॉल्स, जिन्हें पौधे के स्टेरॉल्स भी कहा जाता है, कोलेस्ट्रॉल से संबंधित अणुओं का एक परिवार हैं।
कौन सी दाल खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है?
फाइबर की अधिकता वाली दालें जैसे चना, मूँग और मसूर न सिर्फ आपकी भूख को शांत करती हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में भी सहायक होती हैं।
- चना: उच्च फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत
- मूँग: आसानी से पचने वाले और ह्रदय के लिए लाभकारी
- मसूर: विटामिन बी, आयरन, मैग्नीशियम से भरपूर
कौन सी सब्जियां कोलेस्ट्रॉल कम कर सकती हैं?
हरी पत्तेदार सब्जियां हृदय के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है, कम कैलोरी वाली होने के कारण, ये स्वस्थ शरीरिक वजन को बनाए रखने में सहायक होती हैं। फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण कोलेस्ट्रॉल कम करने में प्रभावी होती हैं।
- बैंगन: इसमें नसुनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट और सॉल्यूबल फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रभावी है।
- टमाटर: लाइकोपीन से भरपूर टमाटर न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं बल्कि हृदय के लिए भी लाभकारी होते हैं।
- ब्रोकोली: इसमें फाइबर के साथ-साथ विटामिन K और C भी होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हैं।
- गाजर: गाजर में मौजूद फाइबर और बीटा-कैरोटीन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं।
- फलियाँ: विभिन्न प्रकार की फलियाँ, जैसे राजमा, छोले, और सोयाबीन, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं।
- पालक: ल्यूटिन और फाइबर की प्रचुरता से लाभकारी, ल्यूटिन आंखों के स्वास्थ्य के लिए तो लाभकारी है ही, साथ ही यह हृदय रोगों से भी बचाता है।
- मेथी: प्राकृतिक तरीके से कोलेस्ट्रॉल घटाने में सहायक हैं , इसमें सॉल्यूबल फाइबर, स्टेरॉयडल सैपोनिन्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, और ब्लड शुगर नियंत्रण क्षमता होती है।
कौन से फल कोलेस्ट्रॉल कम कर सकते हैं?
- सेब: सेब में पेक्टिन नामक फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को बांधकर उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
- संतरा: संतरे में फ्लेवोनोइड्स और पेक्टिन होते हैं, जो LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
- अवोकाडो: इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स और फाइबर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं।
- बेरीज (जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी): बेरीज में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं और LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।
- अंगूर: अंगूर में रेस्वेराट्रोल और फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक हैं।
- कीवी: कीवी में विटामिन C और E, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं।
- नाशपाती: नाशपाती फाइबर से भरपूर होती है, जो खासकर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में प्रभावी है।
- अनार: अनार में पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करते हैं।
- तरबूज: तरबूज में लाइकोपीन होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट है और यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
क्या खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है? (कुछ और विकल्प)
- साबुत अनाज, न केवल आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाता है, बल्कि आपके समग्र हृदय स्वास्थ्य को भी सुधारता है।ओट्स में बीटा-ग्लूकन नामक एक प्रकार का सॉल्यूबल फाइबर होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने में भी सहायक है। जौ में भी बीटा-ग्लूकन फाइबर होता है, जो न केवल कोलेस्ट्रॉल कम करता है, बल्कि रक्त शर्करा के स्तर को भी स्थिर रखता है। जौ रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मददगार होता है। दलिया में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने और पाचन स्वास्थ्य को सुधारने के गुण होते हैं। यह भूख को नियंत्रित करके वजन प्रबंधन में भी मदद करता है।
- नट्स : नट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। नट्स में पाए जाने वाले कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम, रक्तचाप को कम करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सहायक होते हैं।बादाम में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। इसमें विटामिन E, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपुर होते हैं, जो हृदय के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। ये न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल बल्कि सूजन को भी कम करते हैं और हृदय रोगों के जोखिम को कम करते हैं
- फैटी फिश, जैसे कि सालमन (salmon), मैकेरल, सार्डिन, और टूना, कोलेस्ट्रॉल कम करने में बेहद लाभकारी होती हैं, इन मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की उच्च मात्रा होती है, जो हृदय रोगों के जोखिम को कम करते हैं और खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं। इनके अलावा ये मछलियां रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करती हैं, फैटी फिश का नियमित सेवन हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखता है और हृदय के लिए अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को बढ़ाता है।
- डार्क चॉकलेट और कोको, हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होते हैं। डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारने और खराब LDL कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीडेशन को रोकने में मदद करते हैं। इससे हृदय रोगों का जोखिम कम होता है। कोको, जो डार्क चॉकलेट का मुख्य घटक है, रक्तचाप को कम करने और रक्त प्रवाह को सुधारने में सहायक होता है। हालांकि, डार्क चॉकलेट का सेवन मॉडरेशन में करना चाहिए, क्योंकि यह कैलोरी में उच्च होती है। शुद्धता और कम चीनी वाली डार्क चॉकलेट का चुनाव करना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है।
- लहसुन, जो अपने शक्तिशाली स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है, हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में विशेष रूप से लाभकारी होता है। इसमें एलिसिन नामक एक यौगिक होता है, जो रक्तचाप को कम करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। लहसुन कोलेस्ट्रॉल के निर्माण को कम करके और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना) के जोखिम को घटाने में मदद करता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय को स्वस्थ रखने और विभिन्न हृदय रोगों से बचाव में उपयोगी हैं। लहसुन को कच्चा या पकाकर, विभिन्न व्यंजनों में मिलाकर आसानी से आहार में शामिल किया जा सकता है।
- चाय, जो विश्वभर में अपने स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है, कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी उपयोगी हो सकती है। चाय में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स, विशेषकर कैटेचिन्स और पॉलीफेनॉल्स, खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं। ग्रीन टी, विशेष रूप से, इसमें बहुत प्रभावी है और इसे हृदय संबंधी रोगों के जोखिम को कम करने वाला माना जाता है। काली चाय भी इसी प्रकार के लाभ प्रदान करती है। हालांकि, चाय में चीनी या दूध मिलाने से इसके स्वास्थ्य लाभ कम हो सकते हैं, इसलिए इसे सादा पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
- एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इस तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स की प्रचुरता होती है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारते हैं और हृदय रोगों के जोखिम को कम करते हैं। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है, जिनमें ओलेओकैंथल और ओलेयूरोपीन जैसे यौगिक शामिल हैं, जो सूजन को कम करने और धमनियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं। इसका उपयोग सलाद ड्रेसिंग, खाना पकाने के लिए किया जा सकता है। इस तेल का नियमित उपयोग स्वस्थ आहार का एक महत्वपूर्ण अंग है और यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने की एक्सरसाइज
आपके लिए अपने दैनिक जीवन में एरोबिक व्यायाम को शामिल करना ह्रदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। इससे न केवल आपका कोलेस्ट्रॉल कम होता है बल्कि आपकी फिटनेस भी मजबूत बनती है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कौन सा व्यायाम करें?
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए ऐसे व्यायाम चुनें जो आपके ह्रदय को सशक्त बनाने में सहायक हों। इन व्यायामों में शामिल हैं:
- ब्रिस्क वॉकिंग
- साइकिल चलाना
- तैराकी
- एरोबिकस या डांस
- नियमित योग अभ्यास और प्राणायाम (जैसे कपालभाति, अनुलोम-विलोम) से शरीर की मेटाबोलिज्म को सुधारने और तनाव को कम करने में मदद मिलती है, जो कोलेस्ट्रॉल को प्रबंधित करने में सहायक है।
क्या दौड़ने से कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है?
बिल्कुल, दौड़ना उन एरोबिक व्यायामों में से एक है जो न केवल आपके कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है बल्कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में सहायक है। नियमित रूप से दौड़ने से आपका शरीर अधिक कुशलता से कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन कर सकता है।
आयुर्वेद से कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें?
आयुर्वेद, भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली, है जो वर्षों से प्राकृतिक औषधि और उपचार विधियों के माध्यम से विभिन्न रोगों का निदान करती आ रही है। आयुर्वेदिक उपचार में जड़ी-बूटियों का महत्वपूर्ण स्थान है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य सुधार में भी सहायक होते हैं।
- गुग्गुल एक ऐसी ही औषधि है जिसका उपयोग कोलेस्ट्रॉल में कमी लाने के लिए किया जाता है। यह न सिर्फ खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को बढ़ाता भी है। गुग्गुल में गुग्गुलस्टेरोन नामक सक्रिय तत्व होता है, जो खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को नियंत्रित करता है और कोलेस्ट्रॉल के मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, गुग्गुल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने और धमनियों में सूजन को कम करने में सहायक हैं। आयुर्वेद में, गुग्गुल का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है, जैसे कि टैबलेट, पाउडर, या कैप्सूल, और इसे कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली जड़ी-बूटियों के एक भाग के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- अर्जुन की छाल जो आयुर्वेद में अपने हृदय संबंधी लाभों के लिए विख्यात है, कोलेस्ट्रॉल प्रबंधन में भी बेहद प्रभावी मानी जाती है। इसमें फ्लेवोनोइड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, और टैनिन्स होते हैं, जो खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक होते हैं। अर्जुन की छाल का उपयोग हृदय की क्षमता और कार्यप्रणाली को बढ़ाने, रक्त परिसंचरण को सुधारने और धमनियों में जमा होने वाले प्लाक को कम करने में किया जाता है। यह हृदय संबंधी विकारों के जोखिम को भी कम करता है। आयुर्वेद में, अर्जुन की छाल का काढ़ा या चाय के रूप में सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिससे इसके स्वास्थ्य लाभों का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।
- अश्वगंधा का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रबंधित करने में भी मददगार हो सकता है। यह शरीर में लिपिड प्रोफाइल को संतुलित करता है, जिससे खराब LDL कोलेस्ट्रॉल कम होता है और अच्छे HDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण भी हृदय की सुरक्षा में योगदान देते हैं। अश्वगंधा का उपयोग चाय, पाउडर, या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले एक योग्य आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेना सर्वोत्तम होता है।
- तुलसी, जिसे आयुर्वेद में ’होली बेसिल’ के नाम से जाना जाता है, एक प्राचीन औषधीय पौधा है जिसका उपयोग स्वास्थ्य लाभों के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ प्रदान करते हैं। तुलसी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी सहायक हो सकती है। यह रक्तवाहिकाओं को साफ करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती है। तुलसी का उपयोग चाय के रूप में, या ताजे पत्तों को सीधे खाने में, या यहां तक कि इसके आवश्यक तेल के रूप में भी किया जा सकता है। तुलसी का नियमित सेवन न केवल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करता है, बल्कि तनाव को कम करने और उत्तम प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
- त्रिफला, जो आयुर्वेद में एक लोकप्रिय और प्राचीन हर्बल रेमेडी है, तीन फलों – आंवला, हरितकी (हरड़), और बिभितकी (बहेड़ा) का मिश्रण होता है। यह संयोजन शरीर के लिए अनेक लाभ प्रदान करता है और विशेषकर पाचन स्वास्थ्य और डिटॉक्सीफिकेशन में उपयोगी होता है। त्रिफला कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन में भी मददगार है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं। त्रिफला का सेवन शरीर के चयापचय को बढ़ावा देता है, जो वजन प्रबंधन में भी योगदान देता है, और इस प्रकार यह अप्रत्यक्ष रूप से कोलेस्ट्रॉल स्तर को भी प्रभावित कर सकता है। त्रिफला का उपयोग पाउडर या कैप्सूल के रूप में हो सकता है, और इसे नियमित रूप से लेने से आंतरिक शुद्धि के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी संतुलित करने में मदद मिल सकती है।
कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन के दौरान तनाव प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि तनाव से शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है
FAQs
आलू, जब उबालकर या बेक करके खाया जाता है, तो यह सेहत के लिए हानिकारक नहीं होता। हालांकि, तले हुए आलू में बढ़ती संतृप्त वसा की मात्रा के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है।
पाचन और चयापचय सुधारने में गर्म पानी सहायक हो सकता है, जिससे वसा जलने और कोलेस्ट्रॉल घटने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद मिल सकती है। हालांकि, इस पर सीधे शोध अभी तक स्पष्ट नहीं हैं।
कोलेस्ट्रॉल में कमी आहार में बदलाव, व्यायाम और जीवनशैली के नियमित सुधार के बाद आमतौर पर कुछ हफ्तों या महीनों में देखने को मिलती है।
हां, दौड़ना एक प्रभावी एरोबिक व्यायाम है जो कोलेस्ट्रॉल कम करने और समग्र ह्रदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर फैटी मछलियाँ, जैसे कि सामन और मैकेरल, साथ ही बादाम और अखरोट जैसे नट्स में अच्छा ‘HDL’ कोलेस्ट्रॉल होता है।
चावल प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल मुक्त होते हैं, पर यदि चावल को घी या तेल में बनाया जाए या फिर उसमें अन्य संतृप्त वसा युक्त पदार्थों को मिलाया जाए तो यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।