उच्च रक्तचाप: कारण और निवारण

Blood Pressure

हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) एक सामान्य लेकिन गंभीर स्थिति है जो न केवल वृद्ध लोगों में, बल्कि युवा वयस्कों में भी तेजी से बढ़ रही है। हाई ब्लड प्रेशर का प्रारंभिक चरण अक्सर बिना किसी लक्षण के होता है, इसलिए इसे “साइलेंट किलर” कहा जाता है।

अगर इसका समय पर पता नहीं चला और इलाज नहीं हुआ, तो यह हृदय, मस्तिष्क, और अन्य अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस ब्लॉग में, हम युवा वयस्कों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण, कारण और बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

उच्च रक्तचाप | High blood pressure in hindi

उच्च रक्तचाप, जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में खून का दबाव सामान्य से अधिक होता है। NHLBI के अनुसार यह समस्या सभी अमेरिकी वयस्कों में से आधे को प्रभावित करती है और कई लोग इसके बारे में जानते भी नहीं हैं।

भारत में भी उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) तेजी से बढ़ रही है। बदलती जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और मानसिक तनाव जैसे कारक इस समस्या को बढ़ावा दे रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार, भारत में करीब 30% वयस्क उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।

रक्तचाप को दो संख्याओं के रूप में लिखा जाता है, जैसे 120/80 mm Hg। पहला नंबर सिस्टोलिक दबाव को दर्शाता है, जो दिल से खून पंप करते समय होता है। दूसरा नंबर डायस्टोलिक दबाव को दर्शाता है, जो दिल में खून भरने के दौरान होता है।

एक स्वस्थ सिस्टोलिक दबाव 120 mm Hg से कम और डायस्टोलिक दबाव 80 mm Hg से कम होना चाहिए। अगर सिस्टोलिक दबाव 130 mm Hg या उससे अधिक और डायस्टोलिक दबाव 80 mm Hg या उससे अधिक हो, तो यह उच्च रक्तचाप माना जाता है लेकिन नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर के कारण | Causes of high blood pressure in young adults

1) मोटापा (Obesity)- जब शरीर में अधिक चर्बी होती है, तो दिल को ब्लड पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। अधिक फास्ट फूड और मीठे पेय पीने से वजन बढ़ सकता है, जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है।

2) खराब आहार (Unhealthy Diet)- अधिक नमक, तेल और बाहर के खाने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। आजकल लोग ताजे फल और सब्जियों की जगह आर्टिफिशल जूस, पैकेट फूड और इंस्टेंट स्नैक्स पर अधिक निर्भर हो गए हैं। ये खाद्य पदार्थ न केवल पोषक तत्वों की कमी वाले होते हैं, बल्कि इनमें उच्च मात्रा में सोडियम और अनहेल्दी फैट्स होते हैं, जो हाई बीपी को बढ़ा सकते हैं।

3) शराब और धूम्रपान (Alcohol and Smoking)- बहुत अधिक शराब पीना और धूम्रपान करना ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकते हैं। शराब खून की नलियों को संकुचित(shrink) करती है और धूम्रपान निकोटिन के कारण दिल को तेजी से पंप करने के लिए मजबूर करता है।

4) शारीरिक गतिविधि की कमी (Lack of Physical Activity)- नियमित व्यायाम न करने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। आजकल लोग अधिकतर समय टीवी देखने, कंप्यूटर पर काम करने या मोबाइल चलाने में बिताते हैं, जिससे उनका शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। कंप्यूटर और स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग ने शारीरिक गतिविधि को सीमित कर दिया है, जिससे वजन बढ़ने और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ गया है।

5) आनुवांशिकी (Genetics)- अगर आपके परिवार में किसी को हाई ब्लड प्रेशर है, तो आपके भी इसे विकसित करने की संभावना अधिक हो सकती है। यह आपके जीन में हो सकता है। हालांकि, आनुवांशिकी को बदला नहीं जा सकता, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है।

6) तनाव (Stress)- अधिक तनाव और चिंता भी ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं। पढ़ाई, ऑफिस और घर का काम और व्यक्तिगत जीवन की समस्याएं मानसिक दबाव बढ़ा सकती हैं। आज की तेज-तर्रार जीवनशैली में तनाव और मानसिक दबाव का स्तर बढ़ गया है।

7) कुछ दवाएं (Certain Medications)- कुछ दवाएं, जैसे कि जन्म नियंत्रण की गोलियां और दर्द निवारक दवाएं, ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं। इन दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

8) स्वास्थ्य समस्याएं (Health Conditions)- कुछ स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे कि किडनी की बीमारी, थायराइड की समस्या और नींद की कमी, भी ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं। इन स्थितियों का समय पर इलाज न होने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण | उच्च रक्तचाप के लक्षण | High blood pressure symptoms

हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआती चरणों में अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते। लेकिन जब लक्षण प्रकट होते हैं, तो उनमें शामिल हो सकते हैं:

  • सिरदर्द: विशेष रूप से सुबह में।
  • नकसीर: अक्सर और बिना किसी स्पष्ट कारण के।
  • सांस की तकलीफ: विशेषकर थोड़ी सी मेहनत के बाद।
  • चक्कर आना: अचानक उठते समय।
  • लाल चेहरा: चेहरे पर असामान्य लालिमा।
  • थकान: सामान्य से अधिक थकान महसूस होना।
  • सीने में दर्द: दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना।

गंभीर हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों में दृष्टि संबंधी समस्याएं, मिचली, उल्टी और भ्रम शामिल हो सकते हैं।

उच्च रक्तचाप का खुद इलाज करने के तरीके | High blood pressure treatment

उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए कई प्रभावी उपाय हैं जिन्हें युवा वयस्कों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

1) स्वस्थ आहार करे हाई ब्लड प्रेशर को कम 

भोजन में नमक की मात्रा को कम करें। अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा फल जैसे केले, सेब, संतरे और तरबूज खाएं। सब्जियों में पालक, ब्रोकली, गाजर और बीट्स को भी शामिल करें। साबुत अनाज जैसे ओट्स, ब्राउन राइस और जौ को अपने खाने में जोड़ें। कम वसा वाले डेयरी उत्पादों में स्किम्ड मिल्क, लो-फैट दही और कम वसा वाला पनीर खाएं। इसके अलावा, बादाम, अखरोट और चिया सीड्स जैसे नट्स और बीज भी खाएं। यह सभी चीजें आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करेंगी।

2) कार्डियोवस्कुलर व्यायाम 

रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना बहुत जरूरी है। इसमें तेज चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसे व्यायाम शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, कुछ योगासन जैसे वृक्षासन (Tree Pose), भुजंगासन (Cobra Pose), और बालासन (Child’s Pose) का अभ्यास भी करें। यह सभी व्यायाम और योगासन आपके शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होते हैं।

3) खुश रहकर बी पी को कहे बाय 

रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। इससे मन शांत होता है और टेंशन कम होती है। इसके अलावा, पसंदीदा गतिविधियाँ जैसे डांस करना, गार्डनिंग, संगीत सुनना और किताबें पढ़ना भी हैप्पी हार्मोन को सक्रिय करते हैं, जिससे हमें खुशी मिलती है और बीपी (ब्लड प्रेशर) कंट्रोल में रहता है। यह सब हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

4) अत्यंत महत्वपूर्ण अच्छी नींद

सात से आठ घंटे की पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लेना उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। नींद का हमारे शरीर और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव होता है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो हमारा शरीर तनाव हार्मोन (जैसे कि कॉर्टिसोल) का अधिक उत्पादन करता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है।अच्छी नींद लेने से हमारा दिल और दिमाग दोनों स्वस्थ रहते हैं। नींद की कमी से हमारे दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।

5) हाई बीपी के घरेलू उपचार | How to reduce high blood pressure with naturally

1) लहसुन-लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-हाइपरटेंसिव गुण होते हैं जो रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट एक या दो कच्ची लहसुन की कलियां चबाएं या लहसुन के टुकड़ों को पानी के साथ निगलें।

2) तुलसी और नीम-तुलसी और नीम के पत्ते भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। 10-15 तुलसी के पत्ते और 2-3 नीम के पत्ते लेकर पीस लें और एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।

3) मेथी के बीज-मेथी के बीज में फाइबर और पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है। एक चम्मच मेथी के बीज रात भर पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट बीजों को चबाएं या पानी के साथ निगलें।

4) नींबू पानी और आंवला-नींबू और आंवला उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होते हैं। नींबू में विटामिन सी होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है। एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं। आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। ताजे आंवले का रस निकालकर सुबह खाली पेट पिएं।

5) हिबिस्कस चाय-हिबिस्कस फूलों से बनी चाय पीने से भी रक्तचाप कम होता है। यह चाय एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है।

6) कोकोआ-डार्क चॉकलेट या कोकोआ पाउडर का सेवन रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। कोकोआ में फ्लेवोनोइड्स होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को आराम देने और रक्त प्रवाह को सुधारने में मदद करते हैं।

7) सौंफ-सौंफ में पोटेशियम और फाइबर होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। एक चम्मच सौंफ को एक गिलास गर्म पानी में भिगोकर पिएं।

8) काली मिर्च और शहद-एक कप गर्म पानी में एक चुटकी काली मिर्च पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। यह मिश्रण रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।

तुरंत बीपी कम करने के उपाय | हाई ब्लड प्रेशर को 3 मिनट में कैसे ठीक करें | How to cure high blood pressure in 3 minutes

हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कम करने के लिए कुछ त्वरित उपाय हैं, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये उपाय अस्थायी होते हैं और दीर्घकालिक समाधान नहीं होते। उच्च रक्तचाप को स्थायी रूप से नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव और डॉक्टर की सलाह का पालन करना जरूरी है। यहां कुछ त्वरित उपाय दिए गए हैं:

गहरी सांस लें- गहरी और धीमी सांस लेना रक्तचाप को तुरंत कम करने में मदद कर सकता है। एक शांत स्थान पर बैठें और गहरी सांस लें। 5-10 मिनट तक गहरी सांस लेते रहें। इससे आपका शरीर और मन शांत होगा और रक्तचाप कम हो सकता है।

ठंडे पानी से चेहरा धोएं- ठंडे पानी से चेहरा धोने से ताजगी महसूस होती है और यह रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। ठंडे पानी से चेहरा धोने से शरीर का तापमान नियंत्रित होता है और तनाव कम होता है।

पैरों को ऊँचा उठाएं- अपनी पीठ के बल लेटें और पैरों को ऊँचा उठाएं। आप अपने पैरों को दीवार के सहारे भी ऊपर रख सकते हैं। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है।

आराम करें और शांत रहें- तुरंत आराम करना और शांत रहना भी रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। कुछ मिनटों के लिए आराम करें, आंखें बंद करें, और सकारात्मक सोचें। इससे मानसिक तनाव कम होगा और रक्तचाप कम हो सकता है।

डॉक्टर से परामर्श- यदि उच्च रक्तचाप के लक्षण लगातार बने रहते हैं या गंभीर हो जाते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

ये उपाय तत्काल राहत के लिए हैं, लेकिन लंबे समय तक उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।

FAQs

हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए?

हाई ब्लड प्रेशर में कुछ खाद्य पदार्थों से बचना बहुत जरूरी होता है। इनमें शामिल हैं: नमक (सोडियम) युक्त खाद्य पदार्थ जैसे प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, पिज्जा, चिप्स और पैक्ड सूप्स; तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे फ्रेंच फ्राइज, समोसे और पकौड़े; रेड मीट जैसे बीफ और पोर्क; प्रोसेस्ड मीट जैसे सॉसेज, हॉट डॉग और बेकन; चीनी युक्त पेय और मिठाई जैसे सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड जूस, केक, कुकीज और कैंडीज; अत्यधिक कैफीन युक्त पेय जैसे चाय, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स; और अधिक मात्रा में शराब।

उच्च रक्तचाप में कौन से आसन का अभ्यास नहीं किया जाता है?

उच्च रक्तचाप के मरीजों को उन योगासनों से बचना चाहिए जिनमें सिर की ओर रक्त प्रवाह बढ़ता है। इनमें प्रमुख आसन शीर्षासन (Headstand), सर्वांगासन (Shoulder Stand), और अधोमुख श्वानासन (Downward Facing Dog Pose) शामिल हैं। इन आसनों में शरीर का उल्टा होना या सिर की ओर झुकना शामिल होता है, जिससे सिर और गर्दन की ओर रक्त प्रवाह अधिक होता है। ऐसे योगासन उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए इन्हें करने से बचना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर में चाय पीना चाहिए या नहीं?

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को कैफीन युक्त चाय से बचना चाहिए, क्योंकि कैफीन से रक्तचाप बढ़ सकता है। इसके बजाय, हर्बल चाय जैसे कैमोमाइल, हिबिस्कस, और पुदीना चाय पी सकते हैं जो रक्तचाप को कम करने में मदद करती है।

गैस की वजह से बीपी बढ़ता है क्या?

गैस और पेट फूलने से अस्थायी रूप से रक्तचाप बढ़ सकता है, क्योंकि यह असहजता और तनाव पैदा कर सकता है। हालांकि, यह सीधे उच्च रक्तचाप का कारण नहीं होता है।

उच्च रक्तचाप में कौन सा अंग प्रभावित होता है?

उच्च रक्तचाप से हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे, आंखें और धमनी प्रभावित हो सकते हैं। इससे हृदय पर दबाव बढ़ता है, स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है, गुर्दे कमजोर हो सकते हैं, दृष्टि पर असर हो सकता है, और धमनी सख्त हो सकती है। इन समस्याओं को समय पर इलाज और सही जीवनशैली से रोका जा सकता है।

बीपी हाई होने पर क्या पीना चाहिए?

बीपी हाई होने पर पानी पीना बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, हरी चाय या नींबू पानी भी अच्छा विकल्प हो सकता है। 

हाई ब्लड प्रेशर में नाक से खून आना क्यों आता है कैसे रोके ?

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के कारण नाक से खून आ सकता है क्योंकि रक्तचाप बढ़ने से नाक की छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं टूट सकती हैं। इससे नाक से खून बह सकता है। इसे रोकने के लिए, रक्तचाप को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। इसके लिए नियमित रूप से दवा लें, स्वस्थ आहार खाएं, नमक की मात्रा कम करें और नियमित व्यायाम करें। अगर नाक से खून आना बार-बार हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

क्या नींबू रक्तचाप को तुरंत कम कर सकता है?

नींबू रक्तचाप को तुरंत कम नहीं कर सकता, लेकिन यह लंबे समय में लाभकारी हो सकता है। नींबू में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। नींबू पानी पीने से शरीर को हाइड्रेटेड रखा जाता है, और यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नियमित दवा, सही खानपान, और जीवनशैली में बदलाव जरूरी हैं।

25 साल की उम्र में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?

25 साल की उम्र में सामान्य ब्लड प्रेशर आमतौर पर 120/80 मिमीHg के करीब होना चाहिए। इसमें 120 सिस्टोलिक (दिल की धड़कन के दौरान रक्तचाप) और 80 डायस्टोलिक (दिल की धड़कन के बीच में रक्तचाप) होता है। यदि आपका ब्लड प्रेशर इससे अधिक या कम है, तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें। सही ब्लड प्रेशर बनाए रखना स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

सर्दियों में बीपी हाई क्यों होता है?

सर्दियों में बीपी हाई होने का कारण यह होता है कि ठंड में शरीर की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। ठंडे मौसम में लोग कम सक्रिय रहते हैं और गरम खाने-पीने की आदतें भी बदल जाती हैं, जो बीपी को और बढ़ा सकती हैं। 

क्या नहाने से बीपी बढ़ता है?

सामान्यतः नहाने से बीपी नहीं बढ़ता, लेकिन बहुत गर्म पानी से नहाने पर दिल की धड़कन तेज हो सकती है, जिससे रक्तचाप भी बढ़ सकता है।

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