सुबह साइकिलिंग सेहत के लिए क्यों जरूरी?

cycling

साइकिल, एक ऐसी सवारी जिसे बचपन में आपने भी खूब एन्जॉय किया होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस साइकिल ने हमारे यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर (independ) बनाने में अहम भूमिका निभाई है। जी हां, सही सुना आपने!

1890 के दशक में जब साइकिलें पॉपुलर हो रही थीं, तो महिलाओं ने भी इसे अपनाना शुरू कर दिया। सुसान बी. एंथनी, जो महिलाओं के अधिकारों की प्रमुख समर्थक थीं, ने कहा था कि “साइकिल ने महिलाओं की स्वतंत्रता में सबसे बड़ा योगदान दिया है।” उस समय साइकिल चलाना महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं था। इससे न केवल उनकी मूवमेंट आसान हो गई, बल्कि उन्होंने समाज में अपनी जगह भी मजबूत की।

साइकिल का आविष्कार किसने किया | Who invented bicycle

साइकिल का आविष्कार कई चरणों में हुआ और इसमें कई लोगों का योगदान रहा। प्रारंभिक साइकिल का श्रेय जर्मन आविष्कारक कर्ल वॉन ड्राइस को जाता है, जिन्होंने 1817 में पहली बार एक “ड्राइसिन” या “रनिंग मशीन” का निर्माण किया। यह लकड़ी की दो पहियों वाला वाहन था, जिसे पैरों की मदद से चलाया जाता था।

1830 के दशक में, स्कॉटिश आविष्कारक किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने साइकिल में पैडल और क्रैंक का इस्तेमाल करके इसे चलाने का तरीका विकसित किया, जिससे साइकिल चलाने में आसानी हुई। इसके बाद, 1860 के दशक में, फ्रांसीसी आविष्कारक पियरे मिखॉक्स और उनके बेटे अर्नेस्ट मिखॉक्स ने पहली बार पैडल को सीधे अगले पहिये से जोड़ा और इसे “वेलोसिपेड” नाम दिया, जो साइकिल का आधुनिक स्वरूप था।

आखिरकार, 1885 में, जॉन केम्प स्टार्ले ने पहली “सुरक्षित साइकिल” का निर्माण किया, जिसमें चेन ड्राइव और समान आकार के पहिये थे। इसे “रोवर” साइकिल कहा जाता था और यही डिजाइन आज की आधुनिक साइकिलों का आधार बना। इन सभी आविष्कारकों के योगदान से साइकिल का विकास हुआ और हम आज इसका आनंद ले सकते हैं।

साइकिल को हिंदी में क्या कहते हैं | What is bicycle called in hindi

साइकिल को हिंदी में “द्विचक्रवाहन” कहते हैं। “द्वि” का मतलब है दो और “चक्र” का मतलब है पहिया। तो, द्विचक्रवाहन का मतलब हुआ दो पहियों वाला वाहन। हालांकि हम सब इसे साइकिल ही कहते हैं, लेकिन जानना अच्छा है कि इसका हिंदी नाम भी है। साइकिल चलाना बहुत मजेदार होता है और यह हमारी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

 सुबह साइकिल चलाने के फायदे | Benefits of cycling in morning

आइए जानते हैं साइकिल चलाने से क्या-क्या फायदे मिलते है हमारी हेल्थ को :

1) एक तीर, दो निशाने: फिटनेस और वेटलॉस 

साइकिल चलाना एक ऐसा व्यायाम है जिससे आप स्वस्थ रहते हैं और आपकी कैलोरी भी बर्न होती है, जो मोटापा घटाने में मदद करती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि अगर आप नियमित रूप से साइकिल चलाते हैं और इसमें स्प्रिंट (बहुत तेज़ साइकिल चलाना) और शक्ति प्रशिक्षण (वजन उठाना) भी शामिल करते हैं, तो आपका चयापचय (metabolism) बढ़ सकता है।

इससे आपकी मांसपेशियाँ भी बनती हैं, और आप आराम करते समय भी अधिक कैलोरी बर्न करते हैं। इससे आपका वजन और भी तेजी से कम हो सकता है।

2) हार्ट डिजीज का खतरा कम 

साइकिलिंग एक तरह की एरोबिक एक्सरसाइज होती है जो  दिल की सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। यह हृदय गति बढ़ाकर दिल को मजबूत करता है और फिटनेस सुधारता है। साइकिल चलाने से “खराब” कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) कम होता है और “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) बढ़ता है।

रोज 30 मिनट साइकिल चलाने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, रक्त प्रवाह बेहतर होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

3) कैंसर से जंग, साइकिल के संग

अगर आपको कैंसर है या आप उससे ठीक हो रहे हैं, तो साइकिल चलाना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कई कैंसर मरीजों को इलाज के दौरान कम ऊर्जा और दर्द होता है, इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लें और अपनी ताकत के अनुसार ही साइकिल चलाएं।

साइकिल चलाने से आप पतले और फिट रह सकते हैं, जिससे स्तन कैंसर सहित कुछ अन्य कैंसर का खतरा भी कम हो सकता है। जब भी आपको लगे कि आप साइकिल चलाने के लिए तैयार हैं, तब ही इसे करें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।

4) खेल खेल में मसल्स और पैर स्ट्रांग 

साइकिल चलाना बहुत मजेदार है और इससे आपका निचला शरीर भी मजबूत होता है। यह आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है बिना जोड़ों पर जोर डाले। साइकिल चलाने से आपके जांघ की आगे और पीछे की मांसपेशियाँ (quads and hamstrings), कूल्हों की मांसपेशियाँ (glutes), पिंडलियों की मांसपेशियाँ (calves) मजबूत होती हैं।

चाहे आप छोटे बच्चे हों, बड़े हों या बॉडी बिल्ड करके मसल्स बनाना चाहते हों, साइकिल चलाना सबके लिए बेहतरीन व्यायाम है। इससे आप enjoy करते हुए मसल्स और सेहत दोनों बना सकते हैं।

5) शुगर में साइकिल चलाने के फायदे

मधुमेह के मरीजों का शरीर खून से शुगर (ग्लूकोज) को कोशिकाओं तक ले जाने में कम सक्षम होता है। साइकिल चलाने से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे शरीर बेहतर तरीके से इंसुलिन का उपयोग कर सकता है और ब्लड शुगर कम करने में मदद मिलती है। साइकिल चलाने से शरीर में वसा (ट्राइग्लिसराइड्स) जलती है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।

आम तौर पर, अगर आपका शुगर लेवल 100 mg/dL से कम है, तो साइकिल चलाने से पहले कुछ कार्बोहाइड्रेट खाएं। अगर आपका शुगर लेवल 100 से 250 mg/dL के बीच है, तो आप साइकिल चलाने के लिए तैयार हैं। फिर भी, साइकिल चलाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि वह आपकी सेहत की स्थिति को बेहतर जानते हैं।

अन्य साइकिल चलाने के फायदे | Other Cycling Benefits

साइकिल चलाने जैसी एक्टिविटी से पूरे शरीर को तो फायदा होता ही इसके अलावा कुछ अलग फायदे भी होते है जानें क्या है वो 

1) प्रकृति से जुड़ाव के साथ सकारात्मक सोच

ज़्यादातर लोग अपने काम या निजी जीवन को लेकर स्ट्रेस में रहते हैं, जो कि काफी आम बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है? इसे दूर करने के लिए आप सुबह-सुबह साइकिलिंग कर सकते हैं। पक्षियों की चहचहाहट, ठंडी-ठंडी हवा और फूलों की खुशबू से दिल और दिमाग खुश हो जाता है।

साइकिल चलाने से हमारे शरीर में “हैप्पी हार्मोन” यानी एंडोर्फिन्स का स्राव होता है, जो हमें खुश और तनावमुक्त महसूस कराता है। इससे हमें सकारात्मक रहने में भी मदद मिलती है क्योंकि साइकिल चलाने से न केवल हमारा शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।

2) Eco – Friendly

साइकिल चलाने से वायु प्रदूषण कम होता है क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है। इससे हमारे कार्बन फुटप्रिंट में कमी आती है और हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके अलावा, साइकिल चलाने से ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है, जिससे शहरों में शांति बनी रहती है।तो अगर आप पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं, तो साइकिलिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है।

3) सस्ता और किफायती

आजकल हम सब जानते हैं कि ईंधन की कीमतें कितनी बढ़ रही हैं। ऐसे में साइकिल चलाना न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि यह हमारी जेब के लिए भी फायदेमंद है। साइकिल चलाने में किसी ईंधन की आवश्यकता नहीं होती, जिससे हम पेट्रोल और डीजल के खर्च से बच सकते हैं। इसके अलावा, साइकिल की मेंटेनेंस भी बहुत कम होती है, जिससे यह एक टिकाऊ और किफायती विकल्प बन जाता है।

4) मजबूत रिश्ते 

साइकिलिंग से नए लोगों से मिलना आसान होता है। ग्रुप राइड्स में शामिल होकर नए दोस्त बनाए जा सकते हैं, जो इसे एक शानदार सोशल एक्टिविटी बनाता है। इसके अलावा, साइकिलिंग परिवार के साथ समय बिताने का भी अच्छा तरीका हो सकता है। इसमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सभी शामिल हो सकते हैं, जिससे परिवार के सभी सदस्य एक साथ मजेदार और स्वस्थ समय बिता सकते हैं।

5) टाइम बचत के साथ गुड हैबिट 

बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम से बचना चाहते हैं? तो साइकिल चलाइए! यह आपको जल्दी और आसानी से आपकी मंजिल तक पहुंचा देगी। साइकिल चलाने से न केवल ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलती है, बल्कि आपके अंदर आरामदायक जीवनशैली को छोड़ने की अच्छी आदत भी बन जाती है। आजकल कई लोग थोड़ी सी दूरी पर भी वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।

साइकिल चलाने के नुकसान | Side effects of cycling

सही बात कहें तो साइकिल चलाने का कोई खास नुकसान नहीं है। यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। बस कुछ छोटी-मोटी बातें हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है। गलत पॉश्चर या बहुत अधिक साइकिल चलाने से घुटनों, पीठ या कूल्हों में दर्द हो सकता है। इसके अलावा, भारी प्रदूषण, बारिश, बर्फबारी या अत्यधिक गर्मी में साइकिल चलाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

 इन चीजों से बचने के लिए सही गियर का इस्तेमाल करें और अपनी सीमा का ध्यान रखें। कुल मिलाकर, साइकिल चलाना एक सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प है, बस थोड़ी सावधानी बरतनी होती है। तो, आज ही अपनी साइकिल उठाएं और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं!

FAQs

रोज कितनी देर साइकिल चलाना चाहिए?

सामान्यतः, रोज 30 मिनट से 1 घंटे तक साइकिल चलाना अच्छा होता है। यह आपकी फिटनेस को बनाए रखने और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है।

साइकिल और पैदल चलना क्या अच्छा है?

साइकिल और पैदल चलना दोनों ही अच्छे व्यायाम हैं। साइकिल चलाने से आप तेजी से अधिक दूरी तय कर सकते हैं और यह दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छा है। पैदल चलना अधिक सरल है और इसे कहीं भी किया जा सकता है, यह जोड़ों पर कम जोर डालता है।

साइकिल चलाने के बाद क्या करना चाहिए?

साइकिल चलाने के बाद स्ट्रेचिंग करें, ताकि मांसपेशियों को आराम मिल सके। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हल्का स्नैक लें, ताकि आपकी ऊर्जा बहाल हो सके।

साइकिल चलाने का सही समय क्या है?

सुबह और शाम का समय साइकिल चलाने के लिए सबसे अच्छा होता है। सुबह का समय ताजगी और ऊर्जा से भरपूर होता है, जबकि शाम का समय दिनभर की थकान को दूर करने में मदद करता है।

खाना खाने के बाद साइकिल चला सकते हैं क्या?

खाना खाने के तुरंत बाद साइकिल चलाना सही नहीं है। खाना खाने के कम से कम 1 से 2 घंटे बाद साइकिल चलाएं, ताकि पाचन सही तरीके से हो सके और पेट में किसी प्रकार की समस्या न हो।

साइकिल चलाने के बाद पैरों को कैसे आराम दें?

साइकिल चलाने के बाद पैरों को आराम देने के लिए स्ट्रेचिंग करें, ठंडे पानी से स्नान करें, और पैरों को ऊंचा रखें। इससे मांसपेशियों को आराम मिलेगा और सूजन कम होगी।

साइकिल चलाने की अच्छी उम्र कितनी होती है?

साइकिल चलाने की कोई खास उम्र नहीं होती। बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी साइकिल चला सकते हैं, बशर्ते वे शारीरिक रूप से स्वस्थ हों और साइकिल चलाने के लिए सक्षम हों।

साइकिल चलाने के बाद नींद क्यों आती है?

साइकिल चलाने के बाद नींद आना सामान्य है क्योंकि शारीरिक गतिविधि से शरीर थक जाता है और मस्तिष्क को आराम की जरूरत महसूस होती है। व्यायाम से एंडोर्फिन हार्मोन भी रिलीज होते हैं, जो आपको आरामदायक और नींद महसूस करा सकते हैं।

साइकिल की स्पीड कितनी होनी चाहिए?

साइकिल की स्पीड आपकी फिटनेस और लक्ष्य पर निर्भर करती है। सामान्यतः, 15-20 किमी/घंटा की स्पीड पर साइकिल चलाना अच्छा होता है। शुरुआत में धीरे-धीरे चलाएं और समय के साथ अपनी स्पीड बढ़ाएं।

साइकिल दिवस क्यों मनाया जाता है?

साइकिल दिवस साइकिल चलाने के फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने और इसे एक पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

साइकिल दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस (world bicycle day) मनाया जाता है। भारत के केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 3 जून 2024 को  ‘फिट इंडिया फ्रीडम राइडर साइकिल रैली’ का उद्घाटन किया। इस रैली का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और सरकारी अभियानों का समर्थन करना था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!