छाछ के अद्भुत लाभ: जानिए क्यों इसे कहा जाता है सुपरड्रिंक!
गर्मियों की दोपहरी में ठंडी छाछ का एक गिलास, यह विचार मात्र ही न केवल ताजगी भर देता है बल्कि हमें हमारी दादी-नानी के घरेलू नुस्खों की याद भी दिलाता है। छाछ, जो कि दही से बनाई जाती है, न केवल हमें गर्मी से राहत देती है बल्कि हमारे स्वास्थ्य को भी अनेकों लाभ प्रदान करती है।
लेकिन क्या आप वाकई में जानते हैं कि यह साधारण सा दिखने वाला पेय कितना शक्तिशाली हो सकता है?इस लेख में, हम आपको छाछ पीने के फायदों के बारे में बताएंगे इस लेख में, हम आपको छाछ पीने के फायदों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
छाछ क्या होता है? | Buttermilk
छाछ, जिसे बटरमिल्क भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक पेय है जिसमें ऊर्जा, पोषण, और स्वास्थ्य समाहित हैं। दही से निर्मित छाछ सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं है, बल्कि यह हमें कई स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी प्रदान करता है। तो, चलिए जानते हैं कि इस विशिष्ट पेय में कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ हैं जो हमारे जीवन को स्वस्थ और उत्कृष्ट बना सकते हैं
छाछ कैसे बनता है | How to make Buttermilk
छाछ एक प्राकृतिक और पोषण से भरपूर पेय है, जिसे आमतौर पर दही या योगर्ट को मथने के द्वारा तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में, दही से मक्खन अलग हो जाता है और बचा हुआ पतला और खट्टा तरल पदार्थ को छाछ कहा जाता है। यह भारतीय घरों में बहुत ही लोकप्रिय है और इसे या तो एक अलग ड्रिंक के रूप में या फिर खाना बनाने में एक इंग्रीडिएंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेद में छाछ का महत्व
छाछ का महत्व बहुत पुराने समय से है, और इसका जिक्र प्राचीन आयुर्वेदिक साहित्य में भी मिलता है। आयुर्वेद, जो कि भारतीय परंपरागत इलाज का एक तरीका है, छाछ के अच्छे गुणों को महत्वपूर्ण मानता है, और यह मानता है कि छाछ सेहत को अच्छा रखने और कई बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकता है।
छाछ पाचन में मदद करने के लिए जाना जाता है, यह पेट को शांत करता है, और एसिडिटी, पेट की बीमारियाँ, खून की कमी, और भूख ना लगने जैसी समस्याएं दूर करता है। यह एक प्राकृतिक उपाय माना जाता है जो हमारी सेहत को बेहतर बनाता है।
छाछ के विभिन्न प्रकार
- पारंपरिक छाछ: ये वह छाछ है जो सबसे आमतौर पर दही या योगर्ट को मथने से बनती है।
- फ्लेवर्ड छाछ: इसमें जीरा पाउडर, काली मिर्च, अदरक, हरी मिर्च, कढ़ी पत्ता, और धनिया पत्ती जैसे मसाले मिलाए जाते हैं, जिससे इसका स्वाद और गुणवत्ता बढ़ जाती है।
- मीठी छाछ: इस छाछ में थोड़ी सी चीनी या गुड़ डाली जाती है ताकि खट्टापन कम हो और इसमें थोड़ा मिठास आ जाए।
- मसाला छाछ (masala buttermilk): ये छाछ मसालेदार छाछ (spiced buttermilk)के अच्छे गुणों को भुने जीरा पाउडर, काला नमक, और चाट मसाला मिलाकर बनती है।
छाछ में कितनी कैलोरी होती है | Buttermilk Calories
बटरमिल्क एक कम-कैलोरी पेय है जिसमें आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हैं। यहाँ 100 मिलीलीटर बटरमिल्क की पोषक तत्व की विवरण है:
पोषक तत्व | मात्रा |
---|---|
कैलोरी | 40 किलोकैलोरी |
प्रोटीन | 3.3 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 4.8 ग्राम |
शुगर | 4.8 ग्राम |
वसा | 0.9 ग्राम |
संतृप्त वसा | 0.6 ग्राम |
कोलेस्ट्रॉल | 4 मिलीग्राम |
सोडियम | 41 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 151 मिलीग्राम |
कृपया ध्यान दें कि ये मान औसतन हैं और विभिन्न ब्रांडों और तैयारी की विधियों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
छाछ पीने के फायदे इन हिंदी (Buttermilk Benefits)
1) पाचन क्रिया में सहायक
छाछ पीना पाचन क्रिया के लिए बेहद लाभदायक होता है। इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है। यह अपच, एसिडिटी और ब्लोटिंग को कम करता है, साथ ही नियमित रूप से सेवन करने पर पेट संबंधी अन्य समस्याओं को भी दूर करता है।
2) डिहाइड्रेशन से बचाव
छाछ शरीर को पानी पहुँचाता है और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखता है। इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, और सोडियम होता है जो हमारे शरीर के लिए जरूरी है। जब हम व्यायाम करते हैं या गर्मी में होते हैं, तो छाछ पीने से हमारे शरीर का पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स पूरा हो जाता है।
3) इम्यूनिटी बूस्टर
छाछ में मौजूद लैक्टोबैसिलस और एसिडोफिलस जैसे जीवाणु शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जब ये जीवाणु शरीर में उपस्थित होते हैं, तो वे शरीर के प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूत करते हैं, जिससे विभिन्न संक्रमणों और रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।
4) वजन घटाने में मददगार (buttermilk for weight loss)
छाछ में कम कैलोरी और वसा होती है, और इसमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन भी होता है, जिससे पेट जल्दी भर जाता है और आप ज्यादा नहीं खाते। इससे आपकी कुल कैलोरी कम हो जाती है, और यह वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
5) त्वचा को सुंदर बनाए
छाछ त्वचा के लिए बहुत अच्छा है। इसमें लैक्टिक एसिड पाया जाता है, जो डेड स्किन को हटाकर नई और चमकदार त्वचा लाता है। रोज़ छाछ त्वचा पर लगाने से त्वचा अच्छी होती है, दाग धब्बे कम होते हैं और त्वचा जवां दिखती है।
6) हड्डियों का स्वास्थ्य
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, और छाछ में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। छाछ का नियमित सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव हो सकता है।
7) डिटॉक्सिफिकेशन
छाछ शरीर के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफ़ायर की भूमिका निभाता है। यह शरीर से ज़हरीले पदार्थ निकालता है और लिवर को सही से काम करने में मदद करता है। इसके अलावा गुर्दे के सही कार्य में भी सहायक होता है।
8) हार्टबर्न से राहत
एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स से रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में परेशानी हो सकती है। छाछ इसमें राहत देने में मदद कर सकता है यह पेट के ज़्यादा एसिड को कम करता है और पाचन प्रणाली को सुधारता है, जिससे एसिडिटी और हार्टबर्न से फौरन राहत मिलती है।
9) बी पी कंट्रोल और हृदय के लिए लाभकारी
छाछ में पोटैशियम होता है जो रक्तदाब को नियंत्रित करने में अहम है। यह शरीर के अंदर पानी की सही मात्रा को बनाए रखने और नमक के प्रभाव को घटाने में मदद करता है, जिससे ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण पाया जा सकता है। छाछ को रोज पीने से हृदय की सेहत भी अच्छी रहती है।
10) बवासीर में छाछ पीने के फायदे
बवासीर (पाइल्स) के मरीजों के लिए छाछ पीने से कब्ज़ दूर होता है। छाछ में मौजूद शांतिदायक (anti-inflammatory) गुण बवासीर की सूजन को कम कर सकते हैं, जिससे राहत मिलती है। छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स संक्रमण से बचाव करते हैं और आंतों को स्वस्थ रखते हैं।
घर पर बटर मिल्क कैसे बनाएं (Buttermilk recipe)
सामग्री: Buttermilk Ingredient
पानी: 1 कप, दही: 2 बड़े छम्मच
पारंपरिक विधि : घर पर बटरमिल्क बनाना एक साधारण प्रक्रिया है।
- एक कटोरे में ताजा दही या योगर्ट लें।
- दही को हैंड ब्लेंडर या पारंपरिक मथनी (लकड़ी का मट्ठा) का उपयोग करके तेजी से फेंटें, जब तक मक्खन अलग न हो जाए और ऊपर उठ जाए।
- मक्खन के ठोस हिस्से को अलग करें और बची हुई तरल पदार्थ को इकट्ठा करें, जो कि दही छाछ है।
- आप मक्खनी दही को छान भी सकते हैं ताकि बचे हुए मक्खन के ठोस हिस्से निकल जाएं, हालांकि यह जरुरी नहीं है।
- बटरमिल्क को कुछ घंटों के लिए रेफ्रिजरेटर में रखें ताकि इसका स्वाद बढ़ जाए और दही छाछ पीने से पहले यह ठंडा हो जाए।
छाछ का उपयोग | Uses of Buttermilk
छाछ को एक रिफ्रेशिंग बेवरेज के रूप में स्वतंत्र रूप से पीया जा सकता है, लेकिन इसे विभिन्न व्यंजन बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यहाँ कुछ रचनात्मक तरीके दिए गए हैं जिससे आप अपने आहार में छाछ को शामिल कर सकते हैं:
- छाछ स्मूदी: छाछ को मौसमी फलों जैसे कि आम, केला, या बेरीज़ के साथ मिलाकर एक पौष्टिक और स्वादिष्ट स्मूदी बना सकते हैं। आप इसमें थोड़ी सी शहद या दालचीनी छिड़ककर और भी स्वाद बढ़ा सकते हैं।
- सलाद ड्रेसिंग: छाछ को होममेड सलाद ड्रेसिंग के लिए आधार के रूप में प्रयोग करें। इसे हर्ब्स, मसाले और नींबू का रस मिलाकर एक खट्टा और क्रीमी ड्रेसिंग बनाएं जो ताजा हरी सब्जियों और वेजिटेबल्स के साथ बहुत अच्छा जाता है।
- मैरिनेड्स और ग्रेवीज़: मांस, पोल्ट्री, या पनीर को पकाने से पहले छाछ में मैरिनेट करना प्रोटीन को नरम और एक हल्का खट्टा स्वाद दे सकता है। छाछ का इस्तेमाल करीज़ और स्टूज़ की क्रीमी ग्रेवी बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
- बेकिंग सामग्री: छाछ का बेकिंग में आम तौर से प्रयोग होता है क्योंकि यह डो उठाने में मदद करता है और अंतिम उत्पाद को नमी प्रदान करता है। इसे आमतौर पर केक, मफिन, पैनकेक, और ब्रेड रेसिपीज में इस्तेमाल किया जाता है।
- कढ़ी: छाछ की कढ़ी एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है, जिसे आप बेसन के साथ मिला कर बना सकते है।
छाछ मसाला पाउडर बनाने की विधि | Buttermilk Powder
सामग्री :
- जीरा पाउडर
- काला नमक
- सफेद नमक
- अमचूर पाउडर
- काली मिर्च पाउडर
- पुदीना पाउडर
विधि :
ऊपर लिखी हुई सभी सामग्री को मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें।
- जीरा को हल्का सा भून लीजिए ताकि उसका अच्छा फ्लेवर आ जाए।
- भूने हुए जीरे को पीस लीजिए।
- जीरा पाउडर में बाकी के सभी मसाले मिला दीजिए और अच्छे से मिला लीजिए।
- छाछ मसाला पाउडर को एक आइरटाइट कंटेनर में स्टोर कर लीजिए।
- जब भी आप छाछ बनाएं, तो इस मसाला पाउडर को उसमें मिला कर पी सकते हैं। यह छाछ को और भी स्वादिष्ट और चटपटा बना देगा।
- आप चाहे तो इसमें थोड़ा हरा धनिया पाउडर भी मिला सकते हैं।
छाछ पीने का सही समय | Best time to Drink Buttermilk
सुबह खाली पेट छाछ पीने के फायदे : सुबह खाली पेट छाछ पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाए रखता है और मसल बनाने में भी मदद करता है। जिम जाने वालों के लिए भी यह फायदेमंद है।
खाली पेट छाछ पीने के नुकसान : खाली पेट छाछ पीने से कभी-कभी पेट में जलन और एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए सतर्क रहें।
रात को छाछ पीने के फायदे (drink buttermilk at night) : रात को छाछ पीने से पाचन प्रक्रिया मजबूत होती है, नींद अच्छी आती है, एसिडिटी और उल्टी की समस्या नहीं होती है।
रात में छाछ पीने के नुकसान : रात में छाछ पीने से गला खराब हो सकता है और सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
छाछ कब पीना चाहिए?
छाछ को पीने का सबसे अच्छा समय दोपहर का होता है, खासकर खाना खाने के बाद, क्योंकि यह पाचन में मदद करता है। गरमियों में, यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है। हालांकि, रात को सोने से पहले या खाली पेट इसका सेवन करने से परेशानी हो सकती है।
ज्यादा छाछ पीने के नुकसान | Side Effects of Buttermilk
छाछ सामान्यत: सभी के लिए सुरक्षित होता है, फिर भी कुछ व्यक्तियों को इसके सेवन से संबंधित कुछ परहेज या एलर्जी की समस्या हो सकती है, इसलिए ऐसे व्यक्तियों को सतर्क रहना बेहतर है। ‘Buttermilk side effects’ के संबंध में नीचे कुछ सावधानियाँ और संभावित साइड इफेक्ट्स दी गई हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए:
- दूध में शर्करा असहिष्णुता (Lactose Intolerance): इससे पीड़ित लोग छाछ पीने पर पेट में परेशानी महसूस कर सकते हैं क्योंकि इसमें दूध में शर्करा होती है। इसके लिए वे बिना लैक्टोज वाले विकल्प चुन सकते हैं।
- दूध से एलर्जी (Dairy Allergy): दूध और दूध से बने उत्पादों से एलर्जी वाले व्यक्तियों को छाछ से दूर रहना चाहिए।
- नमक की मात्रा (Sodium Content): बाजार में उपलब्ध कुछ छाछ वेरिएंट्स में ज्यादा नमक होता है, इससे उच्च रक्तदाब और गुर्दे से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं।
- व्यक्तिगत संवेदनशीलता (Individual Sensitivities): किसी को भी छाछ से संबंधित कोई भी असर हो सकता है। किसी कोई विशेष प्रकार की समस्या होती है तो वह तुरंत चिकित्सा परामर्श करें।
- संभावित स्त्रोत ऑफ बैक्टीरिया(Possible sources of bacteria):: अगर छाछ ठीक से नहीं बनाया गया है, तो इसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिससे इंफेक्शन हो सकता है।
- पेट की परेशानियाँ(Stomach problems): अत्यधिक मात्रा में छाछ का सेवन पेट की परेशानियाँ जैसे कि दस्त, गैस, और एसिडिटी पैदा कर सकता है।
- किडनी प्रॉब्लम(kidney problem): अधिक मात्रा में कैल्शियम के सेवन से किडनी में पथरी बन सकती है।
FAQs
सुबह खाली पेट छाछ पीने से मेटाबोलिज़्म तेज़ होता है, और शरीर को ताजगी मिलती है।
छाछ की तासीर शीतल होती है। यह शरीर को ठंडा करता है और उच्च तापमान से आराम प्रदान करता है।
हाँ, प्रेगनेंसी में छाछ पी सकते हैं। छाछ प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो गैस एसिडिटी को दूर करता हैं।
रात को छाछ पीने से पाचन प्रक्रिया मजबूत होती है, नींद अच्छी आती है, एसिडिटी और उल्टी की समस्या नहीं होती है।
छाछ को इंग्लिश में ”Buttermilk” कहते हैं।
एक कप (२४० मिलीलीटर) छाछ में लगभग ९० से १२० कैलोरी होती हैं, जो उसके विभिन्न प्रकारों और तैयारी की विधियों पर निर्भर करती हैं। अगर आपने छाछ में और चीज़ें जैसे चीनी, नमक या अन्य मसाले डाले हैं, तो कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है।
गर्भावस्था में छाछ पीने से पाचन क्रिया मजबूत होती है, ऊर्जा मिलती है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है, और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
छाछ चेहरे पर लगाने से मुहांसे होते हैं कम, त्वचा में नमी बनी रहती है, त्वचा को सॉफ्ट बनाता है और रंग भी निखारता है।
Buttermilk for hair-छाछ से बाल धोने से बालों में नमी बनी रहती है, बाल मुलायम होते हैं, डैंड्रफ़ कम होता है और बालों का झड़ना भी रुकता है।
हाँ, शुगर के मरीज छाछ जरूर पी सकते हैं। छाछ ’good for diabetes’ है क्योंकि इसमें कम फैट होता है और यह ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है।
यह अपच, भूख की कमी, बवासीर और गठिया में भी लाभदायक होता है। इतना ही नहीं छाछ के आयुर्वेदिक गुणों का जिक्र कई सारी प्राचीन ग्रंथों में मिलता है और इसे पेट के कीड़ों को मारने में भी सहायक माना जाता है।
छाछ को रेफ्रिजरेटर में करीब 5-7 दिन तक स्टोर किया जा सकता है। पैकेजिंग पर उल्लेखित एक्सपायरी डेट को देखना सलाहकार है, या इसे बेहतर स्वाद और ताजगी के लिए एक हफ्ते के भीतर ही उपयोग कर लेना चाहिए।
निष्कर्ष
छाछ एक शाकाहारी पेय है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसके नियमित सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है और कई बीमारियों से बचाव होता है। छाछ को अपने दैनिक आहार में शामिल करना सभी के लिए फायदेमंद होता है। यह एक सस्ता, स्वादिष्ट और पौष्टिक विकल्प है, जो आपको स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रख सकता है।
हालांकि, यह हमेशा बेहतर होता है कि आप छाछ का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि कुछ व्यक्तियों को दूध उत्पादों से एलर्जी हो सकती है और कुछ को लैक्टोज असहिष्णुता भी हो सकती है। डॉक्टर की सलाह से ही इसका सही मात्रा में सेवन करना चाहिए, ताकि इसके सभी स्वास्थ्य लाभ मिल सकें और किसी प्रकार का कोई नकरात्मक प्रभाव न हो।