पेट में गैस बनना | पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए? घरेलू उपाय !

Pet mai gas banna

पेट में गैस के लक्षण (Symptoms of Gastritis)

पेट में गैस की समस्या से संबंधित कुछ प्रमुख लक्षण हैं:

  • पेट में दर्द
  • अपच (Indigestion)
  • डकार(Burping) और पाद (Gas)
  • पेट का फूलना (Bloating)
  • पेट भरा हुआ महसूस होना 
  • उल्टी जैसा अहसास होना (Nausea)
  • उल्टी (Vomiting)
  • ज्यादा भूख न लगना

यदि आपको उपरोक्त लक्षण महसूस होते हैं और:

  • आपकी भूख चली गई है
  • बहुत छोटे भोजन के बाद ही आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है
  • आपको निगलने में दर्द या कठिनाई महसूस होती है
  • आप अचानक वजन घटा रहे हैं
  • आपको अपने पेट में एक गांठ जैसा महसूस होता है
  • आप बार-बार उल्टी कर रहे हैं

इनमें से कुछ भी गंभीर हो सकता है, इसलिए इसे जल्दी जांचना चाहिए और तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए!

खाना खाने के बाद पेट में गैस बनना

भोजन के पश्चात पेट में गैस की संचारण की समस्या के पीछे अनेक कारण होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:

  • अत्यधिक तेजी से भोजन करना (Eating Fast): जल्दबाजी में खाना खाने से हम अकेले खाने ही नहीं, बल्कि वायु भी निगल जाते हैं, जिससे पेट में गैस बनती है।
  • कार्बोनेटेड पेय प्रतिसेवन (Consumption of Carbonated Drinks): कार्बोनेटेड पेय, जैसे कि सोडा या कोला, में कार्बन डायओक्साइड (CO₂) की बुलबुले होते हैं। जब हम इसे पीते हैं, तो इस गैस का एक हिस्सा हमारे पेट में चला जाता है । इससे पेट में असहजता हो सकती है, अधिक चीनी और एसिड होने से दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, हड्डियों की डेंसिटी में भी कमी हो सकती है।
  • अत्यधिक खाना खाना (Over Eating): अत्यधिक खाना खाने से पाचन तंत्र पर बोझ बढ़ता है, जिससे वजन बढ़ सकता है, हृदय संबंधित समस्याएं और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं। भारत में हर साल लाखों लोग इसके प्रभाव से पीड़ित होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, ज्यादा खाने से पाचन की क्षमता कमजोर हो जाती है और शरीर में विषैले पदार्थ बनते हैं, जो विभिन्न रोगों का कारण बनते हैं।
  • मसालेदार खाने के बीच-बीच में पानी पीना (Spicy Food): इससे पाचन क्रिया में अवरोध होता है और गैस उत्पन्न होती है।
  • खाना अच्छी तरह से न चबाना: जब हम भोजन को ठीक से नहीं चबाते, पाचन प्रक्रिया में अवरोध होता है, जिससे पेट में गैस उत्पन्न हो सकती है।
  • अप्रकृत (UnNatural) और प्रसंस्कृत (Processed) आहार: अप्रकृत और प्रसंस्कृत आहार से पेट में गैस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

अप्रकृत आहार वह होता है जो प्राकृतिक रूप से उत्पादित नहीं होता, जैसे जीनेटिकली मॉडिफाइड खाद्य पदार्थ।

वहीं, प्रसंस्कृत आहार में अतिरिक्त चीनी, नमक और अन्य योजक तत्व (Additives) होते हैं, जिससे पाचन में समस्या और पेट में गैस बन सकती है।

उपयुक्त जीवनशैली और संतुलित आहार का पालन करके इस समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको लगता है कि आपको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना सर्वोत्तम होगा।

पेट में गैस बनने का कारण (Causes of Gastritis)

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • खानपान : खानपान में तेजी से खाना खाना, बहुत तेली और तला हुआ खाना, अधिक मिर्च-मसाले वाला खाना, बड़े ताकतवर चाय और कॉफ़ी का सेवन आदि गैस बनने का कारण बन सकता है।
  • बदलते भोजन के अभ्यास : अचानक नये आहार का सेवन करने, नये आहार की प्राथमिकता देने, या नये आहार को साइकिलिकली खाने की आदतें गैस बनाने का कारण बन सकती हैं.
  • अपच : पाचन क्रिया में समस्याएँ, जैसे कि अपच, जिसका मतलब होता है कि आपके पाचन सिस्टम में खाने को पाचने में समस्याएँ हो रही हैं, गैस के उत्पन्न होने का कारण बन सकती हैं।
  • अन्य मेडिकल कारण : कुछ रोग जैसे कि इरिटेबल बोवल सिंड्रोम (IBS), गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन, लैक्टोज इंटोलेरेंस, या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लॉकेज भी पेट में गैस के कारण हो सकते हैं।
  • आकार और दबाव : पेट के आकार और दबाव के कारण भी गैस बन सकती है। इसमें पेट में हवा के बाद बनने के कारण आता है।

यदि आपको पेट में गैस की समस्या बार-बार हो रही है और यह समस्या लंबे समय से है, तो डॉक्टर से सलाह लेना सुझावित है, क्योंकि इसके पीछे किसी बीमारी का हो सकता है।

कैसे रोके पेट में गैस बनना? घरेलू उपाय

  • दालचीनी और शहद से एसिडिटी से छुटकारा: यदि आपको तुरंत एसिडिटी से राहत चाहिए, तो आधा छम्मच दालचीनी पाउडर और 1 छम्मच शुद्ध शहद लें। इसे अच्छे से मिलाएं और दिन में 2 बार सेवन करें। आपको एसिडिटी से राहत मिलेगी। इस समाधान को घर पर तैयार रखें। सामग्री को मिलाने की जरूरत नहीं है, लेकिन, आपात स्थितियों के लिए, दोनों सामग्री (दालचीनी पाउडर और शहद) को घर पर तैयार रखें। जब जरूरत हो, तभी मिश्रण तैयार करें।
  • जलजीरा पीने से तुरंत आराम: जलजीरा पेट की गैस और एसिडिटी की समस्या में तुरंत आराम पहुँचाता है। इसमें मौजूद जीरा और अन्य जड़ी-बूटियां पाचन प्रक्रिया को सुधारती हैं और पेट की गैस को दूर करती हैं। जब भी आपको पेट में असहजता महसूस हो, तो जलजीरा पाउडर को पानी में मिलाकर पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा।
  • अजवाइन, जीरा और अदरक वाली चाय:
    इस चाय को तैयार करने के लिए:
    1/2 छम्मच जीरा और 1 छम्मच अजवाइन को 4-5 घंटे पानी में भिगोकर रखें।
    फिर इसे कुछ कद्दुकस किया हुआ अदरक और थोड़ी दालचीनी के साथ 10-15 मिनट तक उबालें।
    चानकर गर्मा-गरम पिएं। इससे पेट की गैस से राहत मिलती है और पाचन प्रक्रिया भी सुधारती है।
  • गुनगुना नींबू पानी: प्रतिदिन सुबह खाली पेट गुनगुना नींबू पानी पीने से पेट की गैस की समस्या कम होती है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।
  • पेट को साफ रखना: आंतों की सफाई सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल पाचन प्रक्रिया को सुधारता है, बल्कि उचित मात्रा में पोषण भी प्रदान करता है। स्वस्थ आंत्रिक प्रणाली से पेट की गैस की समस्या कम होती है।
  • अजवाइन: अजवाइन आपके पाचन में सहायक है। आधे छम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में मिलाकर उबालें और फिर उस गरम पानी को पीएं।
  • धनिया: धनिया पेट की गैस और एसिडिटी को शांत करता है। गुनगुने पानी में धनिया का पाउडर मिलाकर पीएं।
  • आलोवेरा जूस: आलोवेरा जूस पाचन को सुधारता है और गैस से राहत दिलाता है। प्रतिदिन सुबह आलोवेरा जूस का सेवन करें।
  • तुलसी पत्तियां: तुलसी की पत्तियों का चूर्ण बनाकर पानी के साथ सेवन करने से पेट की गैस की समस्या में आराम मिलता है।

आंतों की सफाई (Clean Gut) और डिटॉक्सिफिकेशन (De-toxification):

आइए जानते हैं कि हम स्वस्थ आंत के लिए क्या कर सकते हैं।

आंतों की सफाई और डिटॉक्सिफिकेशन करने से आपके पाचन प्रणाली मजबूत होती है। जिससे आंतों में गैस की समस्या भी धीरे धीरे कम होता है। अगर खान-पान का अच्छी तरह से ध्यान रखें तो गैस की समस्या आपको कभी भी परेशान नहीं करेगी।

आइए जानते हैं कि हम स्वस्थ आंत के लिए क्या कर सकते हैं।

  • संतुलित आहार: फाइबर युक्त खाना जैसे अनाज, फल और सब्जियां का सेवन करें।
  • पानी की पर्याप्त मात्रा: दिन में कम से कम 8-10 ग्लास पानी जरूर पिएं।
  • नियमित व्यायाम: हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए व्यायाम करें।
  • प्रोबायोटिक सेवन: अच्छे जीवाणुओं को बढ़ावा देने वाले पूरक जैसे प्रोबायोटिक लें।
  • तेल, चीनी और प्रसंस्कृत खाद्य (Processed Food) पदार्थों से परहेज: इन्हें सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
  • तनाव (स्ट्रेस/Stress) से दूर रहें: मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और तनाव से दूर रहें।मानसिक तनाव कैसे दूर करें? तनाव से मुक्ति पाने के 7 प्रभावी उपाय
  • हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, और चुकंदर शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
  • नींबू पानी: प्रतिदिन सुबह खाली पेट गुनगुना लेमन पानी पीने से शरीर की अधिक तुरंत डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है।
  • ताजी अदरक और हल्दी: इन्हें अपनी दैनिक डाइट (Diet) में शामिल करने से पाचन और डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक होता है।
  • नमक स्नान: एक गर्म नमकीन पानी में स्नान से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और यह त्वचा की सफाई में भी मदद करता है।

चावल खाने से पेट में गैस बनती है क्या?

चावल से सीधे गैस नहीं बनती। चावल खाने से पेट में गैस बनने का संबंध कुछ लोगों में हो सकता है, लेकिन यह सभी के लिए समान नहीं होता। कुछ कारणों से गैस की समस्या हो सकती है:

  • रेसिस्टेंट स्टार्च (Resistant Starch): चावल में एक प्रकार का स्टार्च होता है जिसे ‘रेसिस्टेंट स्टार्च’ कहते हैं। यह स्टार्च आम तौर पर हमारे पेट और आंत में पूरी तरह से पाच नहीं होता और जब यह बड़ी आंत में पहुंचता है, तो वहां के बैक्टीरिया इसे पाचते हैं, जिससे गैस उत्पन्न होती है।
  • अधिक फाइबर: कुछ प्रकार के चावल, जैसे कि भूरा चावल, में अधिक फाइबर होता है, जो कुछ लोगों के लिए पेट में गैस का कारण बन सकता है।
  • आहार संबंधित समस्याएं: जो लोग चावल को अच्छी तरह से पाच नहीं सकते या उनके आंत में जरूरी बैक्टीरिया की कमी हो, उन्हें चावल खाने पर गैस की समस्या हो सकती है।
  • अधूरे पके चावल और पुराने चावल: चावल से सीधे गैस नहीं बनती, परंतु अगर चावल अच्छे से पके न हों या पुराने हों, तो गैस की समस्या हो सकती है।

इसलिए, चावल खाते समय सतर्क रहना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अच्छी तरह से पके हों। अगर आपको लगता है कि चावल खाने से आपको गैस की समस्या हो रही है, तो आपको अपने आहार में परिवर्तन करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

गर्भावस्था में पेट में गैस बनना

गर्भावस्था में पेट में गैस बनना एक आम समस्या है। इसके पीछे कई कारण होते हैं:.

  • हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था के दौरान, शरीर में प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। इस हार्मोन की बढ़ती हुई मात्रा से आंतों की गति धीमी हो जाती है, जिससे गैस बन सकती है।
  • अधिक एसिड प्रोडक्शन: गर्भावस्था में पेट में एसिड का उत्पादन अधिक होता है, जिससे पेट में गैस और जलन की समस्या हो सकती है।
  • आंत की जगह की कमी: जैसे-जैसे गर्भ बढ़ता है, वह आंतों पर दबाव डालता है, जिससे आंतों में गैस की समस्या हो सकती है।
  • खानपान में परिवर्तन: कई बार गर्भवती महिलाएं अधिक फाइबर युक्त खाना खाती हैं या उनके खान-पान में अचानक परिवर्तन होता है, जिससे गैस की समस्या हो सकती है। 

गर्भावस्था में गैस की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ उपाय भी हैं:

  • धीरे-धीरे खाएं: धीरे-धीरे खाने से पाचन में सहायता मिलती है और गैस की समस्या कम होती है।
  • व्यायाम: संयमित रूप से हलका व्यायाम करने से पेट में गैस की समस्या कम होती है।
  • सही खानपान: फ्राइड और मसालेदार खाने से बचें, जो गैस का कारण बन सकते हैं। यदि गर्भवती महिला को अधिक गैस की समस्या हो रही हो तो उसे अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

पेट में गैस बनने वाली चीजों के नाम (भारतीय जीवनशैली के हिसाब से):

  • फूली हुई दालें: चना, राजमा, उड़द दाल, चना दाल आदि।
  • सब्जियां: गोभी, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, भिंडी।
  • अधिक मात्रा में मसाला और तेल: अधिक मिर्च और मसालेदार खाना।
  • मिठाई: गुलाब जामुन, जलेबी, रसगुल्ला।
  • बेकरी उत्पाद: पास्ट्री, केक, बिस्कुट।
  • कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा: पेप्सी, कोका कोला आदि।
  • पैकेज्ड जूस और प्रसंस्कृत पेय: मौजूदा सार्वजनिक स्थलों पर बिकने वाले पैकेज्ड जूस।
    तली हुई चीजें: चिप्स, समोसा, कचौड़ी, पकोड़ी आदि।

पेट में गैस बनने से बचने के लिए, अधिक तली भूंजी और प्रसंस्कृत खाद्य (Processed food) पदार्थों की अपेक्षा साधारण, होमकुक्ड (Home Cooked ) और संतुलित खाना पसंद करें।

रोजाना ताजा फल और सब्जियों का सेवन भी फायदेमंद होता है। और भारतीय जीवनशैली में हमारे पास बहुत सारी प्राकृतिक चीजें हैं जो पेट की समस्या को कम कर सकती हैं, जैसे कि अदरक, तुलसी, और अजवायन।

टिप: (Useful Tips to Remember)

  • संतुलित आहार: सही खानपान से ही कई समस्याओं का समाधान होता है। ताजा और संतुलित खाना खाने से पाचन प्रक्रिया सही रहती है और गैस की समस्या नहीं होती।नियमित व्यायाम: रोजाना कुछ समय व्यायाम करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और गैस की समस्या से बचाव होता है।
  • पानी की उचित मात्रा: दिन भर में पर्याप्त पानी पीने से शरीर की तोक्सिन्स बाहर निकलती हैं और पेट साफ रहता है।
  • अधिकतम मसालेदार और तेली चीजों का सेवन सीमित करें: इससे गैस और एसिडिटी की समस्या कम होती है।
  • खाना धीरे-धीरे और अच्छे से चबाकर खाएं: इससे खाना अच्छी तर1ह पाचित होता है और गैस की समस्या नहीं होती।

यदि आपको एक सप्ताह से अधिक समय तक पेट में दर्द या अपच हो रहा है, तो डॉक्टर से मिलें।
अगर आपका पेट दर्द बढ़ रहा है या बार-बार आ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

पेट में गैस के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे कि हेलिकोबैक्टर पायलोरी (H. pylori) जीवाणु का संक्रमण, अधिक मात्रा में दर्दनाशक दवाएँ लेना, या बहुत शराब का सेवन करना।

सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए?

सुबह उठकर सबसे पहले ताजा और गुनगुना पानी पीना चाहिए। इसके बाद, आप ताजा फल जैसे की पपीता, अनार या आमला का सेवन कर सकते हैं। यह शरीर को जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स प्रदान करता है और पाचन क्रिया को भी सुधारता है।

पेट में जलन होने पर, निम्नलिखित चीज़ें खाने में फायदेमंद हो सकती हैं:

  • छाछ या दही: यह पेट की एसिडिटी को कम करता है।
  • अदरक: अदरक की चाय या अदरक का पानी पेट की जलन में राहत पहुंचाता है।
  • एलोवेरा जूस: यह पेट को ठंडक पहुंचाता है और जलन से राहत दिलाता है।
  • सौंफइसे चबाने से या उसका पानी पीने से पेट में जलन से छुटकारा मिलता है।
  • नारियल पानीयह पेट की एसिडिटी को शांत करता है।

ध्यान दें – अगर पेट में जलन लगातार हो रही है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। उपरोक्त सुझाव घरेलू उपाय हैं और चिकित्सकीय सलाह का स्थान नहीं ले सकते।

पेट दर्द में क्या खाना चाहिए?

पेट दर्द होने पर, निम्नलिखित चीज़ें खाने से फायदा हो सकता है:

  • खिचड़ी: यह हल्का और पाचन में आसान होता है।
  • अदरक की चाय: अदरक में एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं जो पेट दर्द में राहत पहुंचा सकते हैं।
  • दही: यह पेट के लिए अच्छा है और पाचन में मदद करता है।
  • पुदीना: पुदीना की चाय या पुदीना के पत्ते पेट दर्द में राहत दिला सकते हैं।
  • तुलसी: तुलसी के पत्ते भी पेट दर्द में राहत दिला सकते हैं।

Disclaimer: ये सुझाव घरेलू उपाय हैं। किसी भी समस्या के लिए चिकित्सकीय सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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