दांतों की सेंसिटिविटी का इलाज और देखभाल कैसे करें?
गर्मियों में ठंडी आइसक्रीम और सर्दियों में गर्म चाय का आनंद कौन नहीं लेना चाहता? क्या दांतों की सेंसिटिविटी आपके खाने-पीने का मजा खराब कर रही है? जानिए आसान और असरदार घरेलू उपाय जो देंगे आपको तुरंत राहत। आयुर्वेद और विज्ञान दोनों में कुछ ऐसे प्रभावी उपचार हैं जो दांतों की संवेदनशीलता में राहत दिला सकते हैं? आइये जानते है कैसे आप अपने दांतों की देखभाल कर सकते हैं।
दांतों में ठंडा गरम पानी लगने का क्या कारण है | Teeth sensitivity reason
दांतों में सेंसिटिविटी, जिसे “डेंटिन हाइपरसेंसिटिविटी” भी कहते हैं, एक ऐसी समस्या है जिसमें दांत कुछ खास चीजों जैसे ठंडा, गर्म, मीठा या खट्टा खाने-पीने पर दर्द या झनझनाहट महसूस करते हैं। यह दर्द थोड़ी देर के लिए हो सकता है या लंबे समय तक रह सकता है, और यह एक या कई दांतों में हो सकता है।
दांतों में अचानक तेज दर्द या झनझनाहट के कई कारण हो सकते हैं। दांतों का इनेमल पतला होना, कैविटी या दांतों की सड़न, मसूड़ों का हटना जिससे दांतों की जड़ें दिखने लगती हैं, दांत पीसने की आदत और ज्यादा खट्टे या एसिडिक चीजें खाने-पीने से इनेमल घिस जाता है। इन कारणों से दांत सेंसिटिव हो जाते हैं। हाल ही में किए गए डेंटल ट्रीटमेंट जैसे फिलिंग, क्राउन, या ब्लीचिंग भी दांतों की संवेदनशीलता का कारण बन सकते हैं। सही टूथब्रश का उपयोग न करना, खासकर हार्ड टूथब्रश का इस्तेमाल, इस समस्या को बढ़ा सकता है।
दांतों में ठंडा गरम लगे तो अपनाएं ये घरेलू उपचार | Teeth sensitivity home remedies in hindi
आपके दांतों में होने वाली सेंसिटिविटी को कम करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों को अपना सकते है नीचे दिए नुस्खे प्रभावी और अपनाने में सरल है :
1) सेंधा नमक के पानी से कुल्ला
सेंधा नमक वाले पानी से कुल्ला करने पर मुंह के बैक्टीरिया खत्म होते हैं और मुंह का pH संतुलन बना रहता है, जिससे दांतों की संवेदनशीलता कम होती है।
इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर अच्छी तरह घोलें और इस मिश्रण से 30 सेकंड तक मुंह में कुल्ला करें। इस प्रक्रिया को दिन में दो बार, सुबह और रात को करने से आपको राहत मिलेगी।
2) नीम की दातून:
नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसकी दातून का उपयोग करने से दांतों की नसें कम संवेदनशील होती हैं, जिससे ठंडा या गर्म खाने-पीने पर दर्द नहीं होता।
एक ताजा और नरम नीम की दातून लें, इसे 5-10 मिनट तक चबाएं और फिर थूक दें। इसके बाद पानी से मुंह अच्छी तरह धो लें। यह काम रोज सुबह और रात को करें। इससे दांतों की झनझनाहट और संवेदनशीलता दोनों दूर होंगी।
3) फिटकरी और सरसों तेल:
फिटकरी (Alum) में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो दांतों के एनामेल को मजबूत बनाते हैं और मसूड़ों की समस्याओं को कम करते हैं, जिससे दांतों की संवेदनशीलता घटती है। सरसों के तेल में भी एंटीइंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो दांतों में दर्द और सूजन को कम करते हैं।
फिटकरी पाउडर को सरसों के तेल में मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे संवेदनशील दांतों पर लगाएं। 2-3 मिनट बाद गुनगुने पानी से मुंह धो लें। फिटकरी का अधिक मात्रा में उपयोग न करें क्योंकि इससे आपका मुंह छिल सकता है।
4) चारकोल
चारकोल (Activated Charcoal) एक विशेष प्रकार का कोयला है, जिसमें शुद्धिकरण और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दांतों की संवेदनशीलता को कम करने में मदद करते हैं।
इसका उपयोग करने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ी मात्रा में चारकोल पाउडर मिलाएं और इस मिश्रण से दिन में दो बार, सुबह और रात को कुल्ला करें। इससे दांतों की संवेदनशीलता कम होती है और दांत मजबूत बनते हैं।
5) पुदीना तेल
पुदीना के तेल में मेन्थॉल होता है, जो एक प्राकृतिक एनाल्जेसिक है। यह दर्द को कम करने और दांतों की नसों को सुन्न करने में मदद करता है, दांतों में ठंडा गरम लगना कम होता है।
एक छोटी रुई का टुकड़ा लें, उस पर कुछ बूंदें पुदीना का तेल डालें और इस रुई को प्रभावित दांत पर कुछ मिनट के लिए रखें। आप सीधे एक बूंद पुदीना का तेल अपने संवेदनशील दांत पर भी लगा सकते हैं, लेकिन इसे निगलने से बचें।
6) लौंग का माउथवॉश
लौंग के तेल में यूजेनॉल होता है, जो एक प्राकृतिक दर्द निवारक है और दांतों की नसों को सुन्न कर दर्द और संवेदनशीलता कम करता है।
गुनगुने पानी में कुछ बूंदें लौंग का तेल मिलाकर माउथवॉश के रूप में उपयोग करें। इससे मुंह के बैक्टीरिया कम होते हैं और ताजगी बनी रहती है।
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FAQs
ठंडा पानी पीने से दांतों में झनझनाहट इसलिए होती है क्योंकि दांतों की नसें ठंडी चीजों के संपर्क में आने पर संवेदनशील हो जाती हैं। यह संवेदनशीलता दांतों के एनामेल के क्षतिग्रस्त होने, मसूड़ों के पीछे हटने या दांतों में कैविटी के कारण हो सकती है।
यदि दांत ठंड के प्रति संवेदनशील है, तो जरूरी नहीं कि रूट कैनाल की आवश्यकता हो। संवेदनशीलता कई कारणों से हो सकती है, जैसे एनामेल की क्षति, मसूड़ों का पीछे हटना, या कैविटी। डेंटिस्ट से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है, जो आपकी स्थिति का सही निदान कर सके और आवश्यक उपचार बता सके।
दांतों का गर्म महसूस होना अक्सर दांतों की नसों में सूजन या संक्रमण के कारण होता है। यह समस्या दांतों के गहराई तक प्रभावित हो जाने से हो सकती है, जिसमें रूट कैनाल की आवश्यकता हो सकती है। डेंटिस्ट से जांच कराना महत्वपूर्ण है।
हाँ, बर्फ खाने से दांतों को नुकसान हो सकता है। बर्फ की कठोरता से दांतों की एनामेल पर खरोंच आ सकती है या दांत टूट सकते हैं। इसके अलावा, बर्फ का सेवन संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है।
कमजोर दांतों के लिए सबसे अच्छा टूथपेस्ट वह है जिसमें फ्लोराइड होता है। फ्लोराइड दांतों की एनामेल को मजबूत बनाने में मदद करता है और कैविटी को रोकता है। सेंसोडाइन और कोलगेट स्ट्रॉन्ग टीथ जैसे टूथपेस्ट अच्छे विकल्प हैं।
दांतों को मजबूत बनाने के लिए दूध, हरी चाय और फ्लोराइड युक्त पानी पीना चाहिए। ये पेय पदार्थ कैल्शियम और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों से भरपूर होते हैं, जो दांतों की सेहत के लिए लाभकारी हैं।
दांत दर्द के लिए सेंसोडाइन टूथपेस्ट अच्छा विकल्प है। यह संवेदनशील दांतों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है और दर्द को कम करने में मदद करता है।
हाँ, कमजोर दांत उचित देखभाल और सही टूथपेस्ट का उपयोग करके फिर से मजबूत हो सकते हैं। फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट, सही खानपान और नियमित डेंटल चेकअप से दांतों की सेहत में सुधार हो सकता है।
आपके दांत मजबूत हो रहे हैं या नहीं, इसका पता नियमित डेंटल चेकअप से चल सकता है। यदि आपको दांतों में झनझनाहट, दर्द या संवेदनशीलता में कमी महसूस होती है, तो यह भी एक संकेत हो सकता है कि आपके दांत मजबूत हो रहे हैं।