पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक दवा।

Digestion

आयुर्वेद तीन दोषों—वात, पित्त और कफ—के सिद्धांत पर आधारित है, जो शरीर की सभी शारीरिक और मानसिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए इन तीनों दोषों का संतुलन बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आहार, जीवनशैली और जड़ी-बूटियों का विशेष महत्व है।

प्राचीन ग्रंथ ‘चरक संहिता’ में भी पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के कई घरेलू उपचार बताए गए हैं। आयुर्वेद (ayurveda)  में पाचन अग्नि को जीवन की ऊर्जा माना जाता है, और इसे संतुलित रखना स्वस्थ जीवन का आधार है। आइये जाने 7 आसान आयुर्वेदिक  उपचार , जो आपका डाइजेशन तो अच्छा रखेंगे ही साथ ही पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा भी दिलाते है।

पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक दवा | How to improve digestion naturally at home

आपके पाचन तंत्र (digestive system) को मजबूत करने के लिए अपनाये ये आयुर्वेदिक टिप्स ((ayurvedic tips in hindi)

1) सही आहार तथा खाने का सही तरीका

आयुर्वेद में आहार का बहुत महत्व है। इसमें न केवल क्या खाते हैं, बल्कि कैसे और कब खाते हैं, यह भी महत्वपूर्ण है। सोने से पहले और आखिरी भोजन के बीच अंतराल रखें, जिससे पाचन तंत्र मजबूत रहता है।

आयुर्वेद के अनुसार, छह स्वादों (मीठा, खट्टा, नमकीन, तीखा, कड़वा, कसैला) को हर भोजन में शामिल करना चाहिए। अगर ऐसा संभव न हो, तो कम से कम बैठकर भोजन करें, क्योंकि खड़े होकर, चलते हुए या गाड़ी चलाते हुए खाने से पेट फूलना, एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी प्रॉब्लम्स आ सकती है।

2) भोजन का समय

आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए सूर्य के अनुसार भोजन का समय निर्धारित करें। दोपहर 12 से 2 बजे के बीच पाचन के लिए आवश्यक जठराग्नि सबसे अधिक प्रबल होती है, इसलिए इस समय सबसे भारी भोजन करें। रात का भोजन हल्का और जल्दी करें, ideally रात 8 बजे से पहले।

3) गर्म पानी पिएं

प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से भोजन आसानी से जठरांत्र संबंधी मार्ग से गुजरता है और शरीर के अन्य हिस्सों में पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है। सुबह उठते ही एक गिलास गर्म पानी पीने से आसानी से मल त्याग होता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ निकलते हैं।

आयुर्वेद में, पुदीना , धनिया और सौंफ की चाय का उपयोग पाचन में सहायता के लिए किया जाता है।आपका पाचन तंत्र कमजोर होने से कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

4) छाछ का महत्व

छाछ, जिसे आयुर्वेद में “तक्र” कहा जाता है, पाचन के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। छाछ में प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स होते हैं जो खराब पाचन तंत्र में सुधार करते हैं। यह खाने का पाचन और अवशोषण बेहतर करती है। आप खाने से पहले या खाने के बाद कभी भी छाछ का सेवन कर सकते हैं।

5) उच्च फाइबर युक्त आहार शामिल करें

आहार में पर्याप्त फाइबर शामिल करना समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखता है। फाइबर को दो प्रकारों में बांटा गया है, और दोनों पाचन और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं:

  • घुलनशील फाइबर: यह पानी में घुलता है और ग्लूकोज स्तर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। ओट्स, बीन्स, सेब, मेवे और जौ में घुलनशील फाइबर पाया जाता है।
  • अघुलनशील फाइबर: यह पानी में नहीं घुलता और पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन के संचलन को बढ़ावा देता है। यह साबुत गेहूं का आटा, अखरोट, ब्राउन राइस, क्विनोआ, फूलगोभी और हरी बीन्स में पाया जाता है।

6) प्राचीन जड़ी-बूटियाँ

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ अपने गुणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं और स्वास्थ्य को सुधारने के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित साधन होती हैं। कुछ बेहतरीन जड़ी-बूटियाँ जो पाचन को बढ़ावा(ayurvedic remedies for improve your digestion in hindi)देती हैं:

  • दालचीनी: एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होती है। यह पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे अपच और गैस को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण जड़ी बूटी मानी जाती है। 
  • जीरा: जीरा पेट में जलन, ऐंठन और मतली को दूर करने में मदद करता है और स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखता है। यह एक हर्बल उपाय है जो पाचन शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है।
  • नींबू: नींबू में विटामिन C, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। नियमित सेवन से यह पचाने की प्रक्रिया को आसान बनाता है और पेट में एसिड और सूजन जैसी समस्याओं के लिए कारगर उपाय साबित होता है।
  • हल्दी: यह लीवर के कार्य को समर्थन देती है और उच्च एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। हल्दी के एंटीसेप्टिक गुण आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। 

7) आयुर्वेदिक मसाज (अभ्यंग) करें

आयुर्वेदिक मसाज, जिसे अभ्यंग कहा जाता है, तिल के तेल से पेट की घड़ी की दिशा में मालिश करने से रक्त संचार में सुधार होता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित (improve digestion power) किया जाता है। यह न केवल पाचन को सुधारता है, बल्कि तनाव को भी कम करता है और पाचन तंत्र को बेहतर( healthy) बनाए रखने में मदद करता है।

8) योग और प्राणायाम करें

योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। पवनमुक्तासन (वायु निकासी मुद्रा) और भुजंगासन (कोबरा मुद्रा) जैसे योग आसन पेट के अंगों को उत्तेजित करते हैं और पाचन को सुधार ते हैं।

नाड़ी शोधन (वैकल्पिक नासिका श्वास) जैसे प्राणायाम भी पाचन तंत्र को संतुलित करने में मदद करते हैं। यह विशेष रूप से कमजोर पाचन के लिए फायदेमंद होते हैं। योग और प्राणायाम नियमित रूप से करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है क्योंकि उचित पाचन ही स्वास्थ्य की कुंजी है।

9) आयुर्वेदिक चूर्ण

पाचन बेहतर रखने, मजबूत बनाने के लिए (to improve your digestion) आयुर्वेद में कई प्रकार के चूर्ण का उपयोग किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक चूर्ण दिए गए हैं:

  • त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण तीन फलों – आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण है। यह कब्ज को दूर करता है, पाचन शक्ति को बढ़ाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। त्रिफला चूर्ण को रात में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।
  • अजवाइन, मेथी और काला नमक चूर्ण: अजवाइन, मेथी और काला नमक को बराबर मात्रा में मिलाकर बनाया गया चूर्ण पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह चूर्ण गैस, अपच और पेट दर्द को दूर करने में मदद करता है। इसे खाने के बाद गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।
  • सौंठ चूर्ण: सूखे अदरक को पीसकर बनाया गया सौंठ चूर्ण पाचन को उत्तेजित करता है, पेट में गैस और सूजन को कम करता है, और अपच के लिए एक कारगर उपाय है। इसे गुनगुने पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है।

10) सक्रिय जीवनशैली अपनाएं

एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली रोग मुक्त जीवन की कुंजी है। सुबह से लेकर रात तक हमारा दैनिक रूटीन हमारी जीवनशैली को निर्धारित करता है। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जिसमें ताजे और स्वच्छ भोजन, नियमित व्यायाम और ध्यान शामिल हैं,

पाचन तंत्र को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद करता है। आयुर्वेद मानता है कि छोटे-छोटे प्रयास और जीवनशैली में परिवर्तन रोग मुक्त जीवन को बढ़ावा देते हैं।

हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए बस थोड़े से लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ घरेलू उपाय की आवश्यकता होती है। बेहतर पाचन के लिए आप भी ये आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर देख सकते हैं और निश्चित ही फायदा पाएंगे। कमजोर पाचन तंत्र (weak digestive system) कई रोगों की जड़ होता है।

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