खाली पेट चाय पीने के नुकसान!

Tea

क्या आप भी सुबह खाली पेट चाय पीने के शौकीन हैं? अगर हाँ, तो क्या आप जानते हैं कि आप अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं? जी हाँ, हम सभी जानते हैं कि चाय हमारे सुबह के समय का एक अभिन्न अंग है। वह गरम चाय की चुस्की जो हमें दिन की शुरुआत के लिए तरोताजा कर देती है,लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि इसके पीछे के नुकसान क्या हो सकते हैं? इस लेख में, हम चाय पीने के उन नुकसानों पर चर्चा करेंगे जो अक्सर अनदेखे या अनजाने रह जाते हैं। 

ज्यादा चाय पीने के नुकसान | Side effects of tea in hindi

अक्सर हम चाय (chai) को अपने दिन की शुरुआत या थकान मिटाने का जरिया मानते हैं, पर क्या हमने कभी इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर गौर किया है? अगर नहीं तो जानिए चाय पीने के क्या क्या नुकसान हो सकते है?

1) अम्लता और पाचन संबंधी समस्याएं:

चाय, खासकर खाली पेट पी जाने वाली चाय, हमारे पेट के लिए कई बार समस्या का कारण बन सकती है। चाय में मौजूद टैनिन जैसे यौगिक अम्लता बढ़ा सकते हैं, जिससे पेट में जलन, अम्ल पीड़ा, और कभी-कभी गैस की समस्या भी हो सकती है।

जब हम खाली पेट चाय पीते हैं, तो यह पेट के अंदरूनी आवरण पर सीधा असर डालती है, जिससे पाचन तंत्र में असंतुलन हो सकता है। इससे पाचन क्रिया में विघ्न पैदा हो सकता है और खाने के पाचन में कठिनाई हो सकती है। इसीलिए, चाय का सेवन सोच-समझकर और संयम से करना चाहिए, ताकि हमारा पाचन तंत्र स्वस्थ रहे और हम अम्लता जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से बच सकें।

2) शरीर में आयरन की कमी हो सकती :

चाय में मौजूद टैनिन्स हमारे शरीर की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया पर असर डालते हैं, जो है लोहे का अवशोषण (Tea intake Reduced iron absorption)। खासकर, जब हम चाय को भोजन के साथ या भोजन के तुरंत बाद पीते हैं, तो इसके टैनिन आयरन के शरीर में अवशोषण को रोकते हैं। इससे विशेषकर उन लोगों में समस्या हो सकती है जिन्हें पहले से ही आयरन की कमी का अनुभव है, जैसे कि एनीमिया से ग्रस्त व्यक्ति। यही कारण है कि भोजन करने के तुरंत बाद चाय पीने से मना किया जाता है।

इसलिए, अगर हमें लोहे की कमी से बचना है या अपने आयरन के स्तर को स्वस्थ रखना है, तो यह ज़रूरी है कि हम चाय पीने का समय सोच समझकर चुनें, खासतौर पर भोजन के समय से दूर रखें। इस तरह हम अपने शरीर को आवश्यक लोहे को अवशोषित करने में मदद कर सकते हैं। 

3) हृदय सम्बन्धी जोखिम:

चाय में पाया जाने वाला कैफीन हमारे हृदय पर भी प्रभाव डालता है। जब हम बहुत अधिक मात्रा में चाय का सेवन करते हैं, तो इसके कैफीन की मात्रा हमारे हृदय की धड़कन को बढ़ा सकती है, जिससे पल्स रेट में वृद्धि होती है। इसके अलावा, यह रक्तचाप को भी बढ़ा सकता है, जो हृदय संबंधी जोखिमों को जन्म दे सकता है।

खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी अन्य समस्याएं हैं, उन्हें चाय का सेवन सावधानीपूर्वक और सीमित मात्रा में करना चाहिए। इसलिए, स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली के लिए, हमें चाय पीने की आदतों पर विचार करना चाहिए और इसे संतुलित मात्रा में ही पीना चाहिए ताकि हमारा हृदय स्वस्थ रह सके। 

4) हड्डियों की समस्या:

Bones

चाय में मौजूद कुछ तत्व, जैसे कि कैफीन और टैनिन, अगर अधिक मात्रा में सेवन किए जाएं, तो हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इन तत्वों के कारण कैल्शियम का अवशोषण कम हो सकता है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। जब हमारे शरीर में कैल्शियम का अवशोषण कम होता है, तो हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं, जिससे उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

इसलिए, यह जरूरी है कि हम चाय का सेवन संयमित तरीके से करें और अपने आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें, ताकि हमारी हड्डियाँ स्वस्थ और मजबूत रह सकें।

5) चिंता और बेचैनी:

चाय में कैफीन न केवल हमारी ऊर्जा को बढ़ाता है बल्कि यह हमारे मनोविज्ञान पर भी प्रभाव डालता है। अत्यधिक मात्रा में चाय का सेवन हमें चिंतित और बेचैन बना सकता है। कैफीन के कारण हमारे शरीर में अधिकता में एड्रेनालाईन रिलीज होता है, जो चिंता की भावना को बढ़ाता है।

इसके अलावा, यह हमारे मस्तिष्क को अधिक सक्रिय बना देता है, जिससे रिलैक्स होने में कठिनाई होती है और नींद न आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, अगर आप भी अधिक चाय पीने के बाद खुद को अधिक चिंतित या बेचैन महसूस करते हैं, तो इसे एक संकेत के रूप में लें और अपनी चाय के सेवन को संतुलित करें।

6) नींद में बाधा:

Sleep

नींद हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। यह हमें पूरे दिन की थकान से राहत दिलाती है और अगले दिन के लिए तरोताजा रखती है। लेकिन, कई बार हम चाय पीने की अपनी आदतों के कारण इस बहुमूल्य नींद को खो देते हैं। जी हाँ, चाय में मौजूद कैफीन नींद में व्यवधान पैदा कर सकती है। विशेषकर, अगर हम देर शाम या रात में चाय पीते हैं, तो इसके कैफीन युक्त तत्व हमें जागते रख सकते हैं, जिससे हमें नींद आने में कठिनाई होती है। इससे हमारी नींद की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।

अच्छी नींद ना आने के कारण हम दिनभर थकान और चिड़चिड़ाहट महसूस कर सकते हैं। इसलिए, अगर हमें रात में अच्छी नींद लेनी है, तो हमें शाम के समय चाय पीने से बचना चाहिए, खासकर वो चाय जिसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है। इस तरह, हम अपनी नींद को बेहतर बना सकते हैं और अगले दिन के लिए पूरी तरह से तैयार रह सकते हैं। 

7) सीने में जलन:

चाय का अधिक सेवन करने से सीने में जलन या अन्य पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। चाय में मौजूद कैफीन के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कैफीन एक प्रकार का स्टिमुलेंट है जो पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, और इसके अधिक सेवन से गैस्ट्रिक एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स रोग (GERD) या एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है।

इस पर  वैज्ञानिक शोध किए जा चुके एक अध्ययन जो “Journal of Gastroenterology” में प्रकाशित हुआ था कि कैफीन गैस्ट्रिक एसिड स्राव को बढ़ा सकता है, जिससे पेट में जलन हो सकती है। इसलिए, यदि आपको चाय पीने के बाद पेट में जलन या अन्य पाचन संबंधी समस्याएँ महसूस होती हैं, तो इसके सेवन को सीमित करना या कम कैफीन वाली चाय की ओर रुख करना समझदारी होगी। 

8) प्रेगनेंसी में चाय 

गर्भावस्था के दौरान चाय के रूप में अत्यधिक कैफीन का सेवन गर्भपात और जन्म के समय शिशु के कम वजन का कारण बन सकता है , विशेषकर कैफीन युक्त चाय का सेवन, संयमित मात्रा में होना चाहिए। अपने डॉक्टर की सलाह ले।

चाय के फायदे | Tea benefits

अभी हमने चाय पीने के नुकसान (side effects in hindi) देखे, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसके कोई फायदे नहीं हैं। चाय पीने के कई फायदे (हैं, खासकर जब इसे संयमित मात्रा में पिया जाता है। ग्रीन टी, ब्लैक टी, लेमन टी जैसे विभिन्न प्रकार की चाय होती हैं, और प्रत्येक के अपने विशेष लाभ होते हैं।

ग्रीन टी (green tea) एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है, जो हृदय रोगों और कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक होती है। ब्लैक टी (black tea) पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है। लेमन टी (lemon tea) विटामिन C से भरपूर होती है, जो इम्यूनिटी को बढ़ावा देती है। यहां तक कि दूध वाली चाय भी, अगर सीमित मात्रा में पी जाए, तो यह आराम और ताजगी प्रदान करती है। संक्षेप में, चाय न केवल एक सुखद पेय है, बल्कि यदि सही मात्रा में पी जाए तो इसके अनेक स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। इसलिए चाय दुनिया के सबसे लोकप्रिय पेयों में से एक ( tea is one of the most popular drink) है।

एक दिन में कितनी चाय पीनी चाहिए | How Much Tea Should You Drink In A Day 

Tea

फायदे जानने के बाद उन सावधानियों को जानते है जिन्हे ध्यान रखना चाहिए चूंकि चाय पीने से शरीर को नुक्सान भी होते है :

  • मात्रा पर ध्यान दें: सबसे पहले, चाय की मात्रा पर नियंत्रण रखें। आमतौर पर, दिन में 2 से 3 कप चाय पीना पर्याप्त होता है। इससे ज्यादा चाय का सेवन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। 
  • खाली पेट चाय से बचें: दूसरा, खाली पेट चाय से बचें। सुबह उठने के बाद कुछ हल्का नाश्ता जरूर कर लें, इससे पाचन तंत्र संतुलित रहता है और अम्लता की समस्या से बचाव होता है। 
  • दूध वाली चाय न पिएं: दूध वाली चाय न पिएं। दूध वाली चाय बनाते हुए हम आमतौर पर चीनी का इस्तेमाल करते हैं, इस तरह यह कैलोरी में तो ज्यादा होती ही है और चीनी के कारण अस्वास्थ्यकर हो जाती है। इसके अलावा, दूध वाली चाय में दूध और चाय के टैनिन के बीच होने वाली प्रतिक्रिया से आयरन के अवशोषण में कमी आ सकती है। इससे आयरन की कमी संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। 
  • हर्बल चाय की ओर रुख करें: हर्बल चाय की ओर रुख करें। यह कैफीन-फ्री तो होती ही है, साथ ही इसके कई और लाभ भी होते हैं। हर्बल चाय में विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियाँ और नेचुरल इंग्रीडिएंट्स होते हैं जो पाचन को बेहतर बनाने, तनाव को कम करने और नींद में सुधार लाने जैसे कई स्वास्थ्य लाभ (health benefits of herbal tea) प्रदान करते हैं।  
  • तुलसी, कैमोमाइल, पेपरमिंट, और हिबिस्कस जैसी हर्बल चायें शरीर और मन दोनों को आराम पहुँचाने में मदद करती हैं। इन्हें नियमित रूप से पीने से शरीर को डीटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। 
  • पानी का सेवन न भूलें: चाय को पीने ( to drink tea) के साथ-साथ खूब पानी पीना भी जरूरी है, क्योंकि पानी हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और स्वास्थ्य के लिए अनेकों लाभ प्रदान करता है। 
  • गर्भावस्था में चाय: डॉक्टर्स अक्सर गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से कम कैफीन का सेवन करने की सलाह देते हैं, जो लगभग एक या दो कप चाय के बराबर होता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को हर्बल चाय का चुनाव करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि कुछ हर्बल चाय में मौजूद तत्व गर्भावस्था के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते।

चाय पीने का समय

चाय पीने का समय भी एक महत्वपूर्ण कारक है। जैसा कि हमने पहले बात की, खाली पेट चाय पीने से बचना चाहिए, लेकिन यह भी ध्यान दें कि सोने के समय के नजदीक चाय पीने से नींद में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, शाम के समय में चाय का सेवन कम करें या फिर कैफीन-मुक्त हर्बल चाय का विकल्प चुनें। 

चाय के सेवन के साथ-साथ, आपके दैनिक आहार में ताज़े फल, सब्जियां, पूरे अनाज, और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन भी ज़रूरी है। ये सभी तत्व आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और चाय के संभावित नुकसानों को कम करने में योगदान दे सकते हैं। 

अंत में, याद रखें कि मॉडरेशन ही कुंजी है। चाय एक आनंददायक पेय है जिसका उपभोग सही मात्रा और उचित समय पर किया जाए, तो इससे आपके स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए, चाय पीने वालों चाय के साथ अपने प्रेम को बरकरार रखें, लेकिन साथ ही साथ स्वास्थ्यप्रद आदतों को भी अपनाएं। इस तरह, आप न केवल चाय का मजा ले सकेंगे बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर भी कदम बढ़ा सकेंगे।

निष्कर्ष

इस ब्लॉग में हमने चाय के फायदे और नुकसान दोनों बताए हैं। विभिन्न तरह की चाय में कई तरह के पोषक तत्वों का समावेश होता है जो हमारे लिए लाभदायक होते हैं। लेकिन ज्यादा चाय पीने से शरीर को नुकसान भी होता है। इसलिए  सावधानियों के साथ चाय के कप (cup of tea) का आनंद उठाएं और किसी भी तरह की हानि से भी बचे रहें।

FAQs 

क्या चाय पीने से वजन बढ़ सकता है?

चाय में अगर चीनी और दूध का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में किया जाए, तो यह कैलोरी की मात्रा बढ़ा सकता है, जिससे वजन बढ़ सकता है। 

ब्लैक टी पीने से क्या फायदा होता है?

ब्लैक टी पीने से अनेक फायदे (benefits of black tea) होते हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है, जो हृदय की सुरक्षा करते हैं, पाचन में सुधार करते हैं और स्ट्रेस कम करते हैं।

चाय पीने से होने वाले दांतों के नुकसान क्या हैं?

चाय में मौजूद टैनिन्स दांतों पर दाग और पीलापन छोड़ सकते हैं। 

चाय पीने से क्या दिक्कत हो सकती है?

अत्यधिक चाय पीने से नींद में व्यवधान, पाचन संबंधी समस्याएं, चिंता और बेचैनी आदि दिक्कतें हो सकती हैं। क्योंकि चाय बहुत कैफीन (too much caffeine) होता है।

1 दिन में कितनी बार चाय पीना चाहिए?

आमतौर पर, दिन में 1 से 2 कप चाय का सेवन स्वस्थ माना जाता है।

हर्बल चाय शरीर को क्या करती है?

हर्बल चाय शरीर को कई प्रकार से लाभ (herbal tea ke fayde) पहुंचाती है। यह पाचन में सुधार करती है, तनाव और चिंता को कम करती है, और नींद में बेहतरी लाती है। कुछ हर्बल चाय इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, शरीर की सूजन को कम करने और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, ये चाय त्वचा की स्वास्थ्य में सुधार लाने और सर्दी-खांसी से राहत देने में भी सहायक होती हैं।

चाय छोड़ने से क्या फायदा होता है?

चाय छोड़ने से नींद की गुणवत्ता में सुधार, पाचन स्वास्थ्य में बेहतरी और चिंता के स्तर में कमी आ सकती है। 

सुबह चाय की जगह क्या पीना चाहिए?

सुबह में गर्म पानी के साथ नींबू और शहद, हर्बल चाय, या ताज़े फलों का जूस पीना एक अच्छा विकल्प है। 

चाय कब नहीं पीना चाहिए?

खाली पेट, सोने के तुरंत पहले, और अगर आपको पाचन संबंधी या नींद संबंधी समस्याएँ हों, तो चाय से बचना चाहिए।

चाय में क्या डालकर पीना चाहिए?

चाय में तुलसी, अदरक, दालचीनी, या पुदीना जैसी नेचुरल हर्ब्स डालकर पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है।

बिना दूध वाली चाय पीनी चाहिए?

हाँ, बिना दूध वाली चाय पीना एक स्वास्थ्यप्रद (benefits of tea without milk) विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी कम होती है और यह पाचन के लिए भी बेहतर होती है।

ग्रीन टी पीने से क्या क्या फायदे होते हैं?

ग्रीन टी पीने से वजन घटाने, मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने और फैट बर्निंग में मदद मिलती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो कैंसर के खतरे को कम करते हैं, हृदय स्वास्थ्य में सुधार करते हैं और ब्रेन फंक्शन को बढ़ावा देते हैं। यह त्वचा की सुरक्षा भी करती है और लंबे समय तक युवा दिखने में मदद करती है। इस तरह ग्रीन टी के कई स्वास्थ्य लाभ(benefits of green tea) है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!